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कार्टून क्लिक: चुनाव कार्यक्रम गोपनीय होता है, लेकिन हम सब जानते हैं!

हमारे देश में किसी भी चुनाव कार्यक्रम की घोषणा निर्वाचन आयोग का अधिकार है और इसे काफ़ी गोपनीय माना जाता है। लेकिन पिछले काफी समय से नेता ख़ासकर सत्तारूढ़ दल के नेता इसे लेकर काफ़ी सटीक भविष्यवाणी करते रहे हैं।
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हमारे देश में किसी भी चुनाव कार्यक्रम की घोषणा निर्वाचन आयोग का अधिकार है और इसे काफ़ी गोपनीय माना जाता है। लेकिन पिछले काफी समय से नेता ख़ासकर सत्तारूढ़ दल के नेता इसे लेकर काफ़ी सटीक भविष्यवाणी करते रहे हैं। कई बार तो यह भी आरोप लगे हैं कि प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री की रैली के लिए चुनाव की तारीख़ों की घोषणा अचानक टाल दी गई। दरअसल चुनाव तारीख़ों या कार्यक्रम का ऐलान होते ही उस राज्य में आचार संहिता लागू हो जाती है तो और फिर सरकार कोई विकास या अन्य कोई योजना घोषित नहीं कर सकती है, ताकि मतदाता को प्रभावित न किया जा सके। लेकिन हर सरकार चाहती है कि ऐन चुनाव से पहले वो जल्दी जल्दी कुछ लोकलुभावन घोषणाएं कर दे, कुछ उद्घाटन और कुछ शिलान्यास कर दे ताकि चुनाव में वोटों का लाभ हो सके।

इस साल अप्रैल-मई में देश के पांच राज्यों पश्चिम बंगाल, केरल, असम, तमिलनाडु और पुडुचेरी में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसके लिए चुनाव आयोग मार्च के पहले हफ्ते में ही तारीखों की घोषणा कर सकता है। इसके संकेत और किसी ने नहीं बल्कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिए हैं। मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक सोमवार को असम में आयोजित एक रैली को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने ये संकेत दिए हैं। तो अब तय जानिए कि मार्च के पहले सप्ताह में चार या पांचों राज्यों में चुनाव की तारीख़ों की घोषणा होने जा रही है।

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