हालत ये है कि जिस विधायक का प्यार से “हृदय परिवर्तन” हो जाए तो ठीक, नहीं तो एजेंसियों के डर के मारे उसे अगले ही दिन “विकास पुरुष” के विकास कार्यों से प्रभावित होकर भाजपा को समर्थन देने का ऐलान करना ही पड़ता है।
असम बाढ़ में डूब रहा है और असम की राजधानी शर्म में। महाराष्ट्र शिवसेना के क़रीब 42 विधायक अपना झोला लेके गुवाहाटी के होटल में पहुँचे हुए हैं, लेकिन इसलिए नहीं कि बाढ़ पीड़ितों की मदद करनी है, बल्कि इसलिए कि महाराष्ट्र में राजनीतिक मंडी सजी हुई है। जहां उचित दामों पर विधायकों की ख़रीद की जा सकती है। और ख़रीदार एक पुराना व्यापारी है।
कहा जा रहा है कि महाराष्ट्र के ON SALE विधायकों के लिए बात सिर्फ़ पैसे की नहीं है, बल्कि इन ग़ैर-भाजपाई विधायकों के पीछे एजेंसियों को भी छोड़ दिया गया है। जिसका एटिट्यूड दबंग फ़िल्म के सलमान खान की तरह है जो अभिनेत्री को पाँच सौ का नोट देते हुए कहता है- “प्यार से दे रहे हैं रख लो, वरना थप्पड़ मार के भी दे सकते हैं।”
ये भी पढ़ें: अग्निवीर की पकी फ़सल के इंतज़ार में भारत का कॉर्पोरेट जगत