Skip to main content
xआप एक स्वतंत्र और सवाल पूछने वाले मीडिया के हक़दार हैं। हमें आप जैसे पाठक चाहिए। स्वतंत्र और बेबाक मीडिया का समर्थन करें।

आख़िर क्या हासिल होगा चीनी राष्ट्रपति के दौरे से

दोनों पक्षों के अधिकारियों ने कहा कि मोदी-शी शिखर वार्ता में मुख्य रूप से उभरती अर्थव्यवस्थाओं के बीच द्विपक्षीय कारोबार तथा विकास सहयोग को कश्मीर मुद्दे पर मतभेदों तथा सीमा संबंधी जटिल विषय से अलग ले जाने पर ध्यान होगा।
modi and Xi
Image courtesy: PMO India

चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के भारत आगमन पर उनका परंपरागत स्वागत किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से दूसरी अनौपचारिक बैठक के लिए चीनी राष्ट्रपति शुक्रवार को तमिलनाडु पहुंचे। विमान से चेन्नई में उतरने के बाद चिनफिंग हेलीकॉप्टर से मामल्लापुरम (महाबलीपुरम)

पहुंचे, जहां प्रधानमंत्री ने अर्जुन तपस्या स्मारक पर उनकी अगवानी की।

परंपरागत तमिल परिधान धोती, अंगवस्त्रम और शर्ट पहने प्रधानमंत्री ने शी चिनफिंग से हाथ मिलाकर उनका स्वागत किया और दोनों नेताओं ने एक दूसरे का हालचाल पूछा।
इससे पहले चिनफिंग के चेन्नई पहुंचने पर मोदी ने अंग्रेजी, तमिल और मंडारिन भाषा में ट्वीट किया- भारत में आपका स्वागत है राष्ट्रपति चिनफिंग।

जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे को समाप्त करने के भारत के फैसले पर द्विपक्षीय संबंधों में उतार-चढ़ाव की हालिया स्थिति के तत्काल बाद यह यात्रा हो रही है।

चिनफिंग, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ दूसरी अनौपचारिक शिखर वार्ता के लिए करीब 24 घंटे की भारत यात्रा पर आये हैं।
Xi Jinping.jpg
चेन्नई हवाई अड्डे पर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ई के पलानीस्वामी, राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित तथा तमिलनाडु विधानसभा के अध्यक्ष पी धनपाल ने चीनी राष्ट्रपति का स्वागत किया।

चीनी राष्ट्रपति से मुलाकात के लिए मोदी पहले ही चेन्नई पहुंच चुके थे। उन्होंने कहा कि इस मुलाकात से भारत और चीन के रिश्तों को मजबूती मिलेगी। चेन्नई से करीब 50 किलोमीटर दूर पुरातनकालीन तटीय शहर मामल्लापुरम में यह शिखर वार्ता होगी जो चीन के फुजियान प्रांत के साथ मजबूत व्यापार और सांस्कृतिक संबंधों के कारण अहम है।

चेन्नई से मामल्लापुरम तक 5 हजार जवान तैनात किए गए हैं। रास्तों और कार्यक्रम स्थल पर 800 सीसीटीवी कैमरे लगे लगाए गए हैं। भारतीय नौसेना और तटरक्षक बल ने समुद्र तट से कुछ दूरी पर युद्धपोत तैनात किए हैं।

चिनफिंग  के साथ चीन के विदेश मंत्री और पोलित ब्यूरो के सदस्य भी भारत आये हैं। इस बैठक के लिए कोई एजेंडा तय नहीं है, लेकिन भारत-प्रशांत क्षेत्र, सीमा विवाद, आतंकवाद, कारोबारी असंतुलन, टेरर फंडिंग के मुद्दे पर चर्चा हो सकती है।

दोनों ही भारत में अपने समकक्षों विदेश मंत्री एस जयशंकर तथा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ अलग-अलग बातचीत कर सकते हैं। दोनों पक्षों के अधिकारियों ने कहा कि मोदी-शी शिखर वार्ता में मुख्य रूप से उभरती अर्थव्यवस्थाओं के बीच द्विपक्षीय कारोबार तथा विकास सहयोग को कश्मीर मुद्दे पर मतभेदों तथा सीमा संबंधी जटिल विषय से अलग ले जाने पर ध्यान होगा।

चिनफिंग  की भारत यात्रा से पहले चीन ने मंगलवार को कश्मीर मसले पर अपना रुख बदल लिया था। मंगलवार को चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा कि इस मसले को द्विपक्षीय तरीके से हल किया जाना चाहिए। इससे पहले चीन ने कश्मीर मुद्दे पर में संयुक्त राष्ट्र और उसकी सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव के मुताबिक हल निकाले जाने की बात कही थी। इसके बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के दौरे के दौरान चीन ने कहा था कि कश्मीर के हालात पर उसकी नज़र है।

इस दौरान कोई समझौता और एमओयू पर हस्ताक्षर नहीं होंगे, लेकिन मोदी-चिनफिंग की ओर से साझा बयान जारी हो सकता है। मोदी पिछले साल अप्रैल में पहली अनौपचारिक बैठक के लिए चीन के वुहान गए थे। दोनों नेता बैंकॉक में 31 अक्टूबर से 4 नवंबर के बीच होने जा रहे आसियान समिट में भी मिलेंगे।

अपने टेलीग्राम ऐप पर जनवादी नज़रिये से ताज़ा ख़बरें, समसामयिक मामलों की चर्चा और विश्लेषण, प्रतिरोध, आंदोलन और अन्य विश्लेषणात्मक वीडियो प्राप्त करें। न्यूज़क्लिक के टेलीग्राम चैनल की सदस्यता लें और हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित हर न्यूज़ स्टोरी का रीयल-टाइम अपडेट प्राप्त करें।

टेलीग्राम पर न्यूज़क्लिक को सब्सक्राइब करें

Latest