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कोलम्बियावासी जीवन और शांति के लिए इकट्ठा हुए

देश में हिंसा को बंद करने की मांग को लेकर कौका डिपार्टमेंट के सोशल मूवमेंट्स और एफएआरसी गुरिल्ला समूह के पूर्व लड़ाके कोलंबिया में लामबंद होते रहे हैं।
कोलम्बियावासी जीवन और शांति के लिए इकट्ठा हुए

कौका डिपार्टमेंट ऑफ कोलंबिया के सोशल मूवमेंट्स के साथ-साथ गुरिल्ला समूह के पूर्व-लड़ाके रिवॉल्यूशनरी आर्म्ड फोर्सेस ऑफ कोलंबिया (एफएआरसी) राष्ट्रपति इवान डूके की दक्षिणपंथी राष्ट्रीय सरकार से देश में हिंसा को समाप्त करने के लिए क़दम उठाने की मांग को लेकर देश के विभिन्न हिस्सों में लामबंद होते रहे हैं।

एफएआरसी के पूर्व-लड़ाके तथा मानव अधिकारों और भूमि रक्षकों एवं समुदाय व सामाजिक नेताओं के नरसंहारों और व्यवस्थित हत्याओं में वृद्धि को लेकर वे मांग कर रहे हैं कि सरकार नागरिकों के जीवन की सुरक्षा करे और गारंटी दे।

29 अक्टूबर को 30 से अधिक अफ्रीकी-वंशज, स्थानीय, मानवाधिकार, कौका डिपार्टमेंट के किसान और सामाजिक संगठनों के 500 से अधिक सहभागियों ने कोनन डेल मिके में ह्यमनिटेरियन कैरावन फॉर लाइफ एंड डिफेंस ऑफ टेरिट्री की शुरुआत की। केनन डेल मिके एक क्षेत्र है जो अल्जीरिया, एल टैम्बो और लोपेज़ डेल मिके के म्यूनिसिपलिटी से मिलकर बना है।

कैरावन का उद्देश्य इस क्षेत्र में इन समुदायों द्वारा सामना किए जा रहे मानवीय संकट पर राष्ट्रीय सरकार का ध्यान आकर्षित करना और सामाजिक-राजनीतिक हिंसा में वृद्धि का सामना करने वाले लोगों के साथ एकजुटता दिखाना और साथ देना है।

इस कैरावन (कारवां) के सहभागी जो पोपायान शहर से निकले उनका सभी कस्बों और गांवों में प्रेम और गर्मजोशी के साथ स्वागत किया गया। शांति के लिए संघर्ष जारी रखने के लिए लोगों से आह्वान करने के लिए विभिन्न राजनीतिक, सांस्कृतिक और कलात्मक कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस कैरावन का समापन आज यानी 2 नवंबर को होगा।

ब्लैक कम्युनिटी प्रोसेस (पीसीएन), नेशनल एग्रेरियन कोऑर्डिनेटर (सीएनए) और पीपल्स कांग्रेस (सीडीपी) कुछ ऐसे संगठन हैं जिन्होंने इस कैरावन का आयोजन किया।

इस बीच 21 अक्टूबर को एफएआरसी के लगभग 2,000 पूर्व-लड़ाकों ने यह मांग करने के लिए जीवन और शांति की रक्षा के लिए तीर्थयात्रा शुरू की कि राष्ट्रीय सरकार साल 2016 में क्यूबा के हवाना में पूर्व सरकार और एफएआरसी के बीच हस्ताक्षरित शांति समझौतों का पालन करे।

मानवाधिकार रक्षकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ साथ पूर्व गुरिल्ला लड़ाके जो मेटा विभाग के मेसेटास शहर से मार्च करना शुरू किए थे वे कल यानी 1 नवंबर को राजधानी बोगोटा पहुंच गए। राजधानी में उन्होंने पूर्व लड़ाकों की हत्याओं को रोकने और उनके जीवन के अधिकार के लिए सम्मान की मांग करते हुए प्लाजा बोलिवर में एक शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया।

इस तीर्थयात्रा का आयोजन रिवॉल्यूशनरी अल्टर्नेटिव फोर्सेस ऑफ द कॉमन्स (एफएआरसी) राजनीतिक दल के सदस्यों द्वारा किया गया था जो शांति समझौते के एक हिस्से के रूप में गुरिल्ला समूह के उनके निरस्त्रीकरण और लोकतंत्रीकरण के बाद उभरा है।

इंस्टीट्यूट ऑफ डेवलपमेंट एंड पीस स्टडीज (आईएनडीईपीएजेड) द्वारा इकट्ठा किए गए आंकड़ों के अनुसार, इवान डूके ने 7 अगस्त 2018 को राष्ट्रपति पद ग्रहण करने के बाद से 600 से अधिक सामाजिक कार्यकर्ताओं और 150 से अधिक पूर्व लड़ाकों की हत्या की गई है।

साल 2020 में अब तक 246 पर्यावरणविद, मानवाधिकार रक्षक, स्थानीय, किसान और सामाजिक नेता और एफएआरसी के 51 पूर्व-लड़ाके मारे गए। इसके अलावा इस संस्था ने बताया कि 1 जनवरी से 31 अक्टूबर 2020 के बीच देश में रजिस्टर्ड 68 नरसंहारों में 270 लोग मारे गए थे। दस महीनों में कौका विभाग 9 नरसंहारों के साथ दूसरा सबसे अधिक प्रभावित है। पहले स्थान पर 15 नरसंहारों के साथ एंटिओकिया है।

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