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बधाई: मीराबाई चानू ने ओलंपिक में रजत पदक जीता

चानू ने भारत के भारोत्तोलन पदक के 21 साल के इंतजार को खत्म करते हुए महिलाओं के 49 किलोवर्ग में 202 किग्रा (87 किग्रा + 115 किग्रा) वजन उठाकर दूसरा स्थान पाया। इससे पहले कर्णम मल्लेश्वरी के 2000 सिडनी ओलंपिक में भारोत्तोलन में कांस्य पदक जीता था ।
बधाई: मीराबाई चानू ने ओलंपिक में रजत पदक जीता

टोक्यो: मीराबाई चानू ने शनिवार को यहां 49 किग्रा वर्ग में रजत पदक जीतकर ओलंपिक खेलों में भारत के भारोत्तोलन पदक के 21 साल के इंतजार को खत्म किया और देश का खाता खोला।

छब्बीस साल की भारोत्तोलक ने कुल 202 किग्रा (87 किग्रा + 115 किग्रा) से कर्णम मल्लेश्वरी के 2000 सिडनी ओलंपिक में कांस्य पदक से बेहतर प्रदर्शन किया। इससे उन्होंने 2016 में रियो ओलंपिक के खराब प्रदर्शन को भी पीछे छोड़ दिया जिसमें वह एक भी वैध वजन नहीं उठा सकीं थीं।

चीन की होऊ जिहुई ने 210 किग्रा (94 किग्रा +116 किग्रा) के प्रयास से स्वर्ण पदक जीता जबकि इंडोनेशिया की ऐसाह विंडी कांटिका ने 194 किग्रा (84 किग्रा +110 किग्रा) के प्रयास से कांस्य पदक अपने नाम किया।

स्नैच को चानू की कमजोरी माना जा रहा था, लेकिन उन्होंने पहले ही स्नैच प्रयास में 84 किग्रा वजन उठाया। मणिपुर इस भारोत्तोलक ने समय लेकर वजन उठाया।

उन्होंने अगले प्रयास में 87 किग्रा वजन उठाया और फिर इसे बढ़ाकर 89 किग्रा कर दिया जो उनके व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ 88 किग्रा से एक किग्रा ज्यादा था जो उन्होंने पिछले साल राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में बनाया था।

हालांकि वह स्नैच में अपने व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन को बेहतर नहीं कर सकीं और स्नैच में उन्होंने 87 किग्रा का वजन उठाया और वह जिहुई से ही इसमें पीछे रहीं जिन्होंने 94 किग्रा से नया ओलंपिक रिकार्ड बनाया।

चीन की भारोत्तोलक का इसमें विश्व रिकार्ड (96 किग्रा) भी है।

क्लीन एवं जर्क में चानू के नाम विश्व रिकार्ड है, उन्होंने पहले दो प्रयासों में 110 किग्रा और 115 किग्रा का वजन उठाया।

हालांकि वह अपने अंतिम प्रयास में 117 किग्रा का वजन उठाने में असफल रहीं लेकिन यह उन्हें पदक दिलाने और भारत का खाता खोलने के लिये काफी था।

पदक जीतकर वह रो पड़ीं और खुशी में उन्होंने अपने कोच को गले लगाया। बाद में उन्होंने ऐतिहासिक पोडियम स्थान हासिल करने का जश्न नाचकर मनाया।

राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री ने मीराबाई चानू को बधाई दी

नयी दिल्ली: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत देश भर ने भारोत्तोलक मीराबाई चानू को टोक्यो ओलंपिक में रजत पदक जीतने के लिये बधाई दी।

राष्ट्रपति कोविंद ने ट्वीट किया, ‘‘भारोत्तोलन में रजत पदक जीतकर टोक्यो ओलंपिक 2020 में भारत की पदक तालिका में शुरूआत कराने के लिये मीराबाई चानू को बधाई।’’

प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘टोक्यो ओलंपिक 2020 में इससे सुखद शुरूआत नहीं हो सकती थी। भारत मीराबाई चानू के शानदार प्रदर्शन से बहुत खुश है। भारोत्तोलन में रजत पदक जीतने के लिये उन्हें बधाई। उनकी सफलता प्रत्येक भारतीय को प्रेरित करेगी।’’

खेल मंत्री ठाकुर ने ट्वीट किया, ‘‘भारत का पहले दिन का पहला पदक। मीराबाई चानू ने महिलाओं की 49 किग्रा भारात्तोलन स्पर्धा में रजत पदक जीता। भारत को तुम पर गर्व है मीरा। ’’

गृहमंत्री अमित शाह ने ट्वीट किया ,‘‘क्या गर्व का पल है। हर भारतीय मीराबाई चानू की ऐतिहासिक उपलब्धि से हर्षित है।’’

नागल ओलंपिक में एकल मैच जीतने वाले तीसरे भारतीय बने

टोक्यो: सुमित नागल ओलंपिक में 25 साल में पुरूष एकल स्पर्धा में जीत दर्ज करने वाले तीसरे भारतीय टेनिस खिलाड़ी बन गए जिन्होंने टोक्यो खेलों में डेनिस इस्तोमिन को तीन सेटों में हराया।

नागल ने दो घंटे 34 मिनट तक चले मैच में इस्तोमिन को 6 . 4, 6 . 7, 6 . 4 से मात दी । अब उनका सामना दूसरे दौर में दुनिया के दूसरे नंबर के खिलाड़ी दानिल मेदवेदेव से होगा ।

जीशान अली ने सियोल ओलंपिक 1988 की टेनिस पुरूष एकल स्पर्धा में पराग्वे के विक्टो काबालेरो को हराया था। उसके बाद लिएंडर पेस ने ब्राजील के फर्नाडो मेलिजेनी को हराकर अटलांटा ओलंपिक 1996 में कांस्य पदक जीता था ।

पेस के बाद से कोई भारतीय खिलाड़ी ओलंपिक में एकल मैच नहीं जीत सका है । सोमदेव देववर्मन और विष्णु वर्धन लंदन ओलंपिक 2012 में पहले दौर में ही हार गए थे ।

नागल ओलंपिक से पहले अपने सर्वश्रेष्ठ फॉर्म में नहीं थे । उन्हें पहले सेट के छठे गेम में इस्तोमिन की सर्विस तोड़ने का मौका मिला जो उन्होंने गंवा दिया । इस्तोमिन की सर्विस तोड़कर उन्होंने पहला सेट जीत लिया ।

दूसरे सेट में भी वह 4 . 1 से आगे थे लेकिन दबाव उन पर हावी हो गया और अपनी सर्विस नहीं बचा सके । इस्तोमिन ने मुकाबला टाइब्रेकर तक खींचा ।

आखिरी सेट में नागल ने लय बरकरार रखी । लेकिन अब उनका सामना आस्ट्रेलियाई ओपन उपविजेता मेदवेदेव से होगा जिन्होंने कजाखस्तान के अलेक्जेंडर बुबलिक को 6 . 4, 7 . 6 से हराया ।

अगले मैचों में बेहतर प्रदर्शन करना होगा : भारतीय हॉकी कोच रीड

टोक्यो: ओलंपिक के पहले मैच में न्यूजीलैंड को हराने के बाद भारतीय पुरूष हॉकी टीम के मुख्य कोच ग्राहम रीड ने शनिवार को कहा कि अगले मैचों में उनकी टीम को बेहतर प्रदर्शन करना होगा ।

रीड ने 3 . 2 से मिली जीत के बाद कहा ,‘‘ ओलंपिक खेलों में जीत के साथ शुरूआत करना अहम है। हमने दूसरे और तीसरे क्वार्टर में अच्छा खेला लेकिन पहला और चौथा क्वार्टर अच्छा नहीं रहा ।’’

उन्होंने कहा ,‘‘ वीडियो देखने के बाद पता चलेगा कि कहां सुधार की गुंजाइश है ।’’

कोच ने कहा ,‘‘ हमने तीन चार महीने से अंतरराष्ट्रीय हॉकी नहीं खेली है। यहां के गर्म मौसम में खिलाड़ियों ने बखूबी खुद को ढाला। हमें मुकाबले को इतना करीबी नहीं बनाना चाहिये था। हमारा पेनल्टी कॉर्नर अच्छा रहा लेकिन हमें इतने पेनल्टी कॉर्नर देने से बचना होगा ।’’

भारत को अगला मैच आस्ट्रेलिया से खेलना है जिसने जापान को हराया।

इसके बारे में कोच ने कहा ,‘‘ सुना है कि जापान के खिलाफ उनका प्रदर्शन बहुत अच्छा नहीं रहा। हमने आस्ट्रेलिया के लिये तैयारी कर ली है और हम चुनौती का सामना करने के लिये तैयार हैं।’’

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