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भाजपा को पूर्ण बहुमत न देकर दंडित करने के लिए मतदाताओं को बधाई: SKM

SKM ने कहा कि भाजपा को उन सभी स्थानों पर करारी हार का सामना करना पड़ा है, जहां किसान आंदोलन व्यापक और मजबूत था। किसान नेताओं ने केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी की हार पर खुशी का इज़हार करते हुए, उसके खिलाफ आपराधिक मुकदमा चलाने की मांग दोहराई।
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संयुक्त किसान मोर्चा ने भाजपा को लोकसभा में बहुमत से वंचित करके उसे करारी शिकस्त देने के लिए आम जनता को जोरदार बधाई दी है। संगठन ने कहा कि देश की आम जनता ने मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा को कड़ी सजा और करारी शिकस्त दी है, खासकर पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में, जहां किसान आंदोलन सबसे ज्यादा मजबूत था। इन सभी क्षेत्रों में भाजपा भारी अंतर से हारी है और कई जगहों पर वह अपना प्रचार अभियान भी नहीं चला पाई।  

SKM मीडिया सेल द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, "SKM उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी संसदीय क्षेत्र के मतदाताओं विशेषकर किसानों और मजदूरों- को लखीमपुर जनसंहार के मुख्य साजिशकर्ता केंद्रीय गृह मंत्री अजय मिश्रा टेनी को हराने के लिए बधाई देता है। इस जघन्य घटना में चार किसानों और एक पत्रकार की हत्या कर दी गई थी। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी टेनी को मंत्रिमंडल में बनाए रखकर उनकी रक्षा कर रहे थे। एसकेएम उनके खिलाफ उचित आपराधिक मुकदमा चलाने और लखीमपुर खीरी के शहीदों को न्याय सुनिश्चित करने की पुरजोर मांग करता है।" दरअसल एसकेएम ने, भाजपा सरकार द्वारा किसानों के साथ विश्वासघात करने के खिलाफ और उनके शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन को रोकने के लिए उन पर लाठीचार्ज करने, वाटर कैनन और आंसू गैस के गोले का इस्तेमाल करने, उनके खिलाफ गंभीर मामले दर्ज करने और उन्हें गिरफ्तार करने के खिलाफ तथा 3 अक्टूबर, 2021 को लखीमपुर खीरी में किसानों के विरोध प्रदर्शन पर एसयूवी चलाकर जनसंहार करने के खिलाफ और उन पर फासीवादी दमन करने के खिलाफ भाजपा को बेनकाब करने, विरोध करने और दंडित करने के लिए एक व्यापक अभियान का आह्वान किया था।

SKM नेताओं ने कहा कि भाजपा के खिलाफ लोगों का गुस्सा और दृढ़ संकल्प मुख्य रूप से इसके अलोकतांत्रिक शासन, किसान नेताओं के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग, किसान आंदोलन के समर्थकों के खिलाफ यूएपीए के दुरुपयोग और आरएसएस-भाजपा सरकार द्वारा उनके दमन के फासीवादी तौर-तरीकों का नतीजा था। इस अभियान में किसानों, औद्योगिक मजदूरों, छात्रों, महिलाओं, शिक्षकों, युवाओं, सांस्कृतिक कार्यकर्ताओं और सभी तबकों के लोगों ने सक्रिय भूमिका निभाई है।

एसकेएम ने भाजपा द्वारा किए गए धर्म के दुरुपयोग और सांप्रदायिक प्रचार के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए भारत के चुनाव आयोग से भी शिकायत की थी, जिस पर उसने कोई ध्यान नहीं दिया। लेकिन आम जनता भाजपा के इस शातिर और असंवैधानिक आचरण का शिकार नहीं हुई और इस तरह की विभाजनकारी रणनीति को खारिज करके उसने समझदारी से मतदान किया है। 

गोदी मीडिया पर फिर भड़का SKM 

SKM ने कहा कि लोगों ने मुख्यधारा के मीडिया घरानों द्वारा प्रचारित किए जा रहे सभी तरह के प्रचार और जुमलों को भी पूरी तरह से नकार दिया है। यही नहीं, SKM के अनुसार इसे सही मायने में गोदी मीडिया कहना उचित है, क्योंकि उसने भाजपा के झूठे आख्यानों को उन्होंने खूब कवरेज दिया और आम जनता और किसानों के मुद्दों को कोई जगह नहीं दी। एग्जिट पोल में भाजपा की जीत के बड़े अनुमानों ने झुठलाकर लोगों ने साबित कर दिया कि उसने भाजपा द्वारा मीडिया के इस दुरुपयोग को पूरी तरह से नकार दिया है।

किसानों को बधाई दी तो मांगों को भी दोहराया 

किसानों को बधाई देते हुए, एसकेएम ने मुद्दों को दोहराते हुए कहा कि भारत के किसान अपनी जायज मांगों पर आंदोलन को तेज करने के संकल्प पर अडिग हैं और उन्हें उम्मीद है कि नई सरकार निम्न सभी लंबित मांगों को हल करेगी।

प्रमुख लंबित मांगें 

1.
सभी फसलों के लिए सी-2+50% के स्वामीनाथन फार्मूले पर सुनिश्चित खरीद के साथ एमएसपी देना।

2. भूमिहीन और छोटे किसानों के निजी और माइक्रोफाइनेंस ऋणों सहित सभी किसानों के सभी ऋण माफ करना।

3. बिजली की दरें कम करना और ट्यूबवेल को मुफ्त बिजली देना और सभी घरेलू उपयोगकर्ताओं और दुकानदारों को 300 यूनिट मुफ्त बिजली देना।

4. किसानों के खिलाफ सभी लंबित मामलों को वापस लेना।

5. यह सुनिश्चित करना कि अजय मिश्रा टेनी के खिलाफ आपराधिक आरोपों को आगे बढ़ाने के लिए कानून का इस्तेमाल किया जाए, न कि टेनी की मदद करने के लिए इसका दुरुपयोग किया जाए।

कृषि कानूनों के खिलाफ चेताया 

एसकेएम ने सरकार को तीन काले कृषि कानूनों के किसी भी प्रावधान को पिछले दरवाजे से फिर से लागू करने के किसी भी दुस्साहस को लेकर चेताया है, जैसा कि हाल में अमेरिकी खाद्य प्रसंस्करण दिग्गजों के साथ बड़े सौदों की अनुमति देने के उसके प्रयासों से स्पष्ट है। कहा एसकेएम आगामी सरकार की प्रतिक्रिया का मूल्यांकन करने के बाद स्थिति का जायजा लेगा।

साभार : सबरंग 

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