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तेलंगाना जीत से कांग्रेस दक्षिण में मज़बूत, केसीआर का ‘हैट्रिक’ का सपना टूटा!

कांग्रेस ने तेलंगाना में, बीआरएस के लगभग 10 वर्ष के शासन पर रविवार को विराम लगा दिया। 119 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस ने 64 पर जीत हासिल की जबकि बीआरएस के खाते में 39 सीट ही आईं।
Telangana

देश के दक्षिणी राज्यों में अपनी जीत का सिलसिला आगे बढ़ाते हुए कांग्रेस ने भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) शासित तेलंगाना में 64 विधानसभा सीटों पर रविवार को जीत हासिल की और इसी के साथ केसीआर (के. चंद्रशेखऱ राव) का सत्ता के हैट्रिक का सपना टूट गया।

कांग्रेस ने तेलंगाना में, बीआरएस के लगभग 10 वर्ष से चले आ रहे शासन पर रविवार को विराम लगा दिया। केसीआर ने अपने पद से इस्तीफा तक दे दिया, जिसे राज्यपाल तमिलिसाई सौंदर्यराजन ने स्वीकार भी कर लिया।

निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर जारी आंकड़ों के अनुसार, 119 सदस्यीय विधानसभा के लिए हुए चुनावों में बीआरएस ने 39 सीटों पर जीत हासिल की है, जबकि पिछले विधानसभा चुनाव (2018) में वह 101 सीटों पर विजयी रही थी।

कांग्रेस ने 118 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे और 64 सीटों पर जीत हासिल की, जबकि इसके सहयोगी दल भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) ने एक सीट पर जीत दर्ज की।

वहीं, असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने अपनी सातों सीटें बरकरार बरकरार रखते हुए अपने पारंपरिक गढ़ पुराने हैदराबाद शहर में अपनी पकड़ बनाए रखी है।

एआईएमआईएम उम्मीदवारों ने नौ सीटों पर चुनाव लड़ा था और उनमें से सात पर जीत हासिल की। पार्टी 2009 से इन सीटों पर जीत हासिल करती रही है।

हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी के छोटे भाई अकबरुद्दीन ओवैसी ने चंद्रायनगुट्टा सीट पर 81,660 मतों के अंतर से जीत दर्ज की। यह 1999 के बाद से उनकी लगातार छठी जीत है।

कांग्रेस नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने तेलंगाना की राज्यपाल सौंदर्यराजन से मुलाकात की और राज्य में सरकार बनाने का दावा पेश किया। राज्यपाल से मुलाकात के बाद पत्रकारों से बात करते हुए कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने जानकारी दी कि नवनिर्वाचित कांग्रेस विधायकों की बैठक मंगलवार सुबह होगी।

शिवकुमार ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘आज, हमारे प्रभारी महासचिव (कांग्रेस के) माणिकराव ठाकरे, प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष, पूर्व प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष और हमारे सभी एआईसीसी पर्यवेक्षकों के नेतृत्व में, हमने (तेलंगाना की) राज्यपाल से मुलाकात कर (राज्य में) सरकार बनाने का दावा पेश किया।’’

प्रदेश कांग्रेस के प्रमुख ए. रेवंत रेड्डी (57) राज्य में मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार हैं। उन्होंने राज्य के शीर्ष पुलिस अधिकारियों से मुलाकात की और शपथ ग्रहण समारोह के लिए सुरक्षा व्यवस्था पर चर्चा की, जो चार या नौ दिसंबर को होने की संभावना है।

रेड्डी ने कोडंगल निर्वाचन क्षेत्र से भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के पी. नरेंद्र रेड्डी को 32,000 से अधिक मतों के अंतर से हराया, लेकिन कांग्रेस नेता कामारेड्डी से हार गए।

रेड्डी ने कांग्रेस को मिले जनादेश का स्वागत किया, जबकि बीआरएस ने हैट्रिक सुनिश्चित करने में अपनी विफलता पर निराशा व्यक्त की।

रेड्डी ने संवाददाताओं से कहा, “यह लोगों का जनादेश है। हमें विश्लेषण करने की ज़रूरत नहीं है। सब कुछ ठीक रहने से ही आपको जादुई आंकड़ा हासिल होगा। स्पष्ट बात यह है कि जनता बदलाव चाहती थी। जनता केसीआर (मुख्यमंत्री राव) को हराना चाहती थी और उन्होंने हरा दिया।”

बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष और केसीआर के बेटे के. टी. रामा राव ने कहा कि विधानसभा चुनाव के परिणाम ‘निराशाजनक’ हैं लेकिन वह ‘दुखी’ नहीं हैं।

उन्होंने कहा, "बीआरएस को सरकार चलाने के लिए लगातार दो कार्यकाल देने के लिए तेलंगाना के लोगों का आभारी हूं। आज के नतीजे से दुखी नहीं हूं, लेकिन निश्चित रूप से निराश हूं क्योंकि यह हमारे लिए उम्मीद के अनुरूप नहीं रहा। लेकिन हम इसे एक सीख के रूप में लेंगे।’’

भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के कार्यकारी अध्यक्ष के. टी. रामा राव ने तेलंगाना विधानसभा चुनाव में रविवार को हुई मतगणना में सिरसिला सीट पर जीत दर्ज की।

पार्टी प्रमुख के. चंद्रशेखर राव (केसीआर) के बेटे के. टी. रामा राव (केटीआर) ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी एवं कांग्रेस उम्मीदवार के. के. महेंद्र रेड्डी को 29,687 मतों के अंतर से हराया।

बीआरएस सरकार में वित्त मंत्री टी. हरीश राव ने सिद्दीपेट सीट पर 82,308 मतों के अंतर से जीत हासिल की।

इसके अलावा तेलंगाना में भाजपा के तीन लोकसभा सदस्यों को राज्य विधानसभा चुनाव में रविवार को हार का सामना करना पड़ा। वहीं, राज्य विधानसभा चुनाव लड़ने वाले कांग्रेस के तीन और भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के एक सांसद ने जीत हासिल की।

भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और लोकसभा सदस्य बंदी संजय कुमार करीमनगर निर्वाचन क्षेत्र से, जबकि निजामाबाद से पार्टी के सांसद डी. अरविंद कोरातला विधानसभा सीट पर हार गए। आदिलाबाद से भाजपा के एक अन्य लोकसभा सदस्य सोयम बापू राव को भी बोथ विधानसभा सीट पर हार का सामना करना पड़ा।

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ए. रेवंत रेड्डी कोडंगल से जीते, जो मलकाजगिरी से लोकसभा सदस्य हैं। वह कामारेड्डी सीट से भी चुनाव लड़े थे लेकिन निवर्तमान मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव से हार गए।

कांग्रेस के लोकसभा सदस्य के. वेंकट रेड्डी और एन. उत्तम कुमार रेड्डी ने क्रमशः नलगोंडा और हुजूरनगर निर्वाचन क्षेत्रों से जीत दर्ज की।

बीआरएस के लोकसभा सदस्य मेडक कोथा प्रभाकर रेड्डी दुब्बाक विधानसभा सीट से विजयी हुए।

(न्यूज़ एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

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