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राजस्थान में दलित युवक की पीट-पीटकर हत्या, तमिलनाडु में चाकू से हमला कर ली जान

दलित समाज के लोगों पर हमलों की घटना लगातार सामने आ रही हैं। एक तरफ जहां राजस्थान के हुनुमानगढ़ जिले में दलित युवक जगदीश की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई, वहीं तमिलनाडु के तंजावुर में दलित युवक प्रभाकरण की चाकू से हमला कर हत्या करने का मामला सामने आया है। 
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'प्रतीकात्मक फ़ोटो' साभार: सोशल मीडिया

राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले में गुरुवार को एक दलित युवक की पीट-पीटकर हत्या करने का मामला सामने आया है। युवक की पिटाई करते हुए आरोपियों ने कथित तौर पर एक वीडियो भी बनाया जिसे सोशल मीडिया पर डाल दिया। इस वीडियो में कई आरोपी देखे जा सकते हैं जो युवक को जमीन पर गिराए हुए हैं और उसको बुरी तरह लाठी डंडो से पीट रहे हैं। वीडियो में देखा जा सकता है कि एक आरोपी युवक के गर्दन पर अपना घुटना रखे हुए है और अन्य आरोपी उसे पीट रहे हैं। ये लोग इस दलित युवक को उस वक्त तक पीटते रहे जब तक युवक की जान नहीं निकल गई। युवक की पहचान प्रेमपुरा गांव के रहने वाले जगदीश मेघवाल (29) के रुप में की गई है।

इस घटना को अंजाम देने के बाद आरोपियों ने जगदीश के शव को उसके घर के सामने फेंक दिया। जगदीश के पिता बनावरीलाल मेघवाल ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “प्रेमपुरा के रहने वाले विनोद, मुकेश, लालचंद उर्फ रामेश्वर, सिकंदर और दिलीप राजपूत दो मोटरसाइकिल से आए। वे जगदीश के शव को हमारे घर के सामने फेंक गए। मैंने उसे उठाने की कोशिश की लेकिन उसकी सांस नहीं चल रही थी।”

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मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस घटना को लेकर अपहरण, हत्या और एससी/एसटी एक्ट की धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। पुलिस ने कहा, ग्यारह आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है और चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। इस मामले में एक नाबालिग आरोपी को हिरासत में लिया गया है और अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान मुकेश कुमार ओडे, दिलीप कुमार, सिकंदर और हंसराज के रूप में हुई है।

मृतक जगदीश के पिता बनवारीलाल ने कहा कि जगदीश गुरुवार दोपहर करीब 1.30 बजे यह कहकर घर से निकला था कि वह सूरतगढ़ जा रहा है। उन्होंने कहा कि हो सकता है कि आरोपियों ने उसका अपहरण कर लिया हो और घर आने के रास्ते में उसे पीट-पीट कर मार डाला हो।

घटना के बाद नाराज ग्रामीणों ने थाने के सामने धरना दिया और कहा कि जब तक आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया जाता तब तक जगदीश के शव का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा।

हनुमानगढ़ के पीलीबंगा थाने के सीआई इंद्र कुमार ने कहा, 'परिवार को आश्वासन दिया गया है कि उन्हें जल्द न्याय मिलेगा और जो भी आरोपी है उसे बख्शा नहीं जाएगा।'

पिछले महीने ही एक दलित युवक की हुई हत्या 

पिछले महीने ही राजस्थान के अलवर में एक दलित युवक योगेश की उस समय पीट-पीट कर हत्या कर दी गई जब वह अपनी बाइक से जा रहा था। रास्ते में एक गड्ढे से बचने के चलते उसकी बाइक गलती से एक महिला से टकरा गई। वहां पर भीड़ जमा हो गई उसे बुरी तरह पीटने लगी जिससे वह बेहोश हो गया। योगेश की बाद में मौत हो गई।

तमिलनाडु में दलित युवक की चाकू से हमला कर हत्या

तमिलनाडु के तंजावुर में गैर-दलित समाज के लोगों ने 24 वर्षीय दलित युवक की चाकू से हमला कर हत्या कर दी। पुलिस के अनुसार इस मामले में मणिकंदन और उसके दोस्त कार्थी को गिरफ्तार किया गया है और एससी/एसटी अधिनियम सहित पांच धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।

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ये घटना शनिवार 9 अक्टूबर की शाम के समय की है जब कमचीपुरम के पास कोनुलमपल्लम रोड पर प्रभाकरण और उसके दोस्त दयानिधि और दोनों आरोपी का सामना हुआ। पुलिस ने कहा कि मणिकंदन ने कार्थी को कुछ मामलों पर चर्चा करने के लिए वेट्टामंगलम गांव के निवासी प्रभाकरण को लाने के लिए कहा था। 

प्रभाकरण की बड़ी बहन ई. प्रियंका द्वारा पंथनल्लूर पुलिस में दर्ज कराई गई शिकायत के मुताबिक मणिकंदन और कार्थी दोनों ने अचानक प्रभाकरण पर शराब की बोतल से हमला कर दिया और उस पर चाकू से वार कर दिया। यह बात उन्हें दयानिधि ने बताई जो घटना स्थल से जान बचाकर भाग गई। जल्द ही उसके रिश्तेदार घटनास्थल पर पहुंचे और प्रभाकरण को कमचीपुरम पीएचसी ले गए जहां से उसे कुंबकोणम जीएच में भेज दिया गया लेकिन वहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार शिकायत में कहा गया है कि प्रभाकरण और सरकारी उच्च माध्यमिक विद्यालय में ग्यारहवीं कक्षा में पढ़ने वाली मणिकंदन की 17 वर्षीय बेटी के बीच प्रेम प्रसंग था। यह पता चलने पर कमचीपुरम पश्चिम मराठुराई का निवासी और पेशे से वेल्डर मणिकंदन ने प्रभाकरण को चेतावनी दी थी कि अगर उसने इसे जारी रखा तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।

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शिकायत के आधार पर इंस्पेक्टर एसआर ओम प्रकाश ने शिकायत दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरु कर दी है। तिरुविदैमरुथुर के पुलिस उपाधीक्षक एस वेत्रिवेंथन ने मीडिया को बताया कि आरोपियों पर धारा 342, 324, 302, 109 और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) संशोधन अधिनियम 2015 के तहत मामला दर्ज किया गया है।

दलितों के ख़िलाफ़ अपराध में वृद्धि

हाल ही में जारी नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के मुताबिक साल 2020 में दलितों के खिलाफ अपराध के देश भर में 50,291मामले दर्ज किए गए थे। वर्ष 2019 की तुलना में इन अपराधों में 9.4 प्रतिशत की वृद्धि देखने को मिली है। साल 2019 में एससी के खिलाफ किए गए अपराधों के मामले में कुल 45,961 मामले दर्ज किए थे। वहीं वर्ष 2018 में इनके खिलाफ किए गए अपराध के 42,793 मामले सामने आए थे। राजस्थान में साल 2020 में दलितों के खिलाफ अपराध के 7,368 मामले सामने आए थे। 

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