NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu
image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
दिल्ली हिंसा : इकलौती एफ़आईआर से जुड़ी शिकायतों का मसला 
करावल नगर पुलिस स्टेशन में की गई दर्जन भर शिकायतों को कथित तौर पर एक साथ जोड़ दिया गया है, जिसने सांप्रदायिक हिंसा की उस विस्तृत जांच की गुंजाइश को सीमित कर दिया जिसमें 53 लोगों का क़त्ल हुआ था।
आकांक्षा कुमार 
11 Aug 2020
Translated by महेश कुमार
दिल्ली हिंसा

उत्तर पूर्वी दिल्ली के शिव विहार के निवासियों ने करावल नगर पुलिस स्टेशन में जो दर्जन भर से अधिक शिकायतें दर्ज जी थी उन्हे एक ही प्राथमिकी (प्रथम सूचना रिपोर्ट) में तब्दील कर दिया गया है, जिसने फरवरी में हुए दंगों के पीछे की भीड़ की भूमिका की विस्तृत जांच की किसी भी गुंजाइश को खत्म कर दिया है। इस हिंसा में 53 लोगों का क़त्ल हुआ था, जिनमें से 38 मुस्लिम थे।

न्यूज़क्लिक ने मार्च 2020 में दर्ज की गई 10 ऐसी शिकायतों की जांच की है, जहाँ व्यक्तिगत शिकायतों को आज तक अलग-अलग एफ़आईआर में नहीं बदला गया है। इस तरह की सभी शिकायतों में एक सामान्य विशेषता उस डेली डायरी नंबर के नीचे एक ही हाथ से लिखे नोट की है, जो पुलिस रिकॉर्ड में शिकायत संख्या का उल्लेख करता है, जिसे कि ड्यूटी अफसर ने दर्ज किया है। फिर हाथ से लिखा गया नोट, ‘एफ़आईआर नंबर के साथ संलग्न है की लाइन' के साथ समाप्त होता है, क्योंकि यह एक अन्य मामले को संदर्भित करता है जिसके साथ उस शिकायतकर्ता के मसले को जोड़ दिया गया है।

एफ़आईआर नंबर 55/20 के साथ कम से कम ऐसी पांच शिकायतें जुड़ी हुई हैं, एफ़आईआर नं॰ 56/20 और एफ़आईआर नं॰ 57/20, जिसे एएसआई (सहायक सब-इंस्पेक्टर) हरिओम सिंह की ओर से दायर किया गया है, उसमें आरोप लगाया गया है कि दिल्ली में फरवरी के दौरान जो हिंसा हुई है वह सीएए (नागरिकता संशोधन अधिनियम) प्रदर्शनकारियों की करतूत की वजह से हुई है।

संयोग से, इन पाँच शिकायतकर्ताओं में, दो ने विशेष रूप से उल्लेख किया है कि उन्होंने हिंसा से ठीक पहले जय श्री राम के नारे लगाते हुए भीड़ को आते देखा था। लेकिन हर व्यक्तिगत मामले में अलग से एक एफ़आईआर दर्ज करने की कमी के चलते सभी शिकायतों को एक एफ़आईआर के साथ जोड़ दिया गया है और उन विवरणों को गायब कर दिया गया है जिनके साथ ये शिकायतें जुड़ी हुई थी।

हमले के विवरण का कोई जिक्र नहीं है

16 मार्च, 2020 को शिव विहार निवासी नदीम* (नाम बदला हुआ है) ने करावल नगर पुलिस स्टेशन में अपने हाथ से लिखी एक शिकायत सौंपी। अपनी शिकायत में, उन्होंने बताया कि वे पिछले आठ महीनों से शिव विहार में रह रहे थे। घटनाओं की झड़ी को याद करते हुए नदीम अपनी शिकायत में कहता है कि 25 फरवरी, 2020 की "रात 11:30 बजे दंगाई उसके घर के अंदर घुसे और घर में आग लगा दी थी..."। मैं अपने अपने घर की छत से पड़ोसी की छत पर कूद गया और एक सुरक्षित स्थान पर पहुंचने में कामयाब रहा।” आगजनी में हुए नुकसान के एवज़ में मुआवजे मांगने के लिए संबंधित अधिकारियों से आग्रह किया गया है, उनका अनुमानित नुकसान करीब 15-16 लाख रुपये के बीच है।

1_25.jpg
नदीम द्वारा दिनांक 16 मार्च 2020 को लिखित शिकायत की कॉपी।

ऐसी शिकायतों की एक आम विशेषता जिन्हे एएसआई हरिओम सिंह की एफ़आईआर के साथ जोड़ दिया गया है, यह है कि उनके द्वारा लिखी शुरुवाती एक-पृष्ठ की शिकायत के बाद, पुलिस ने कोई भी विस्तृत शिकायत दर्ज नहीं की है जो ऐसे मामलो मे जांच का आधार बन सकती थी। 

उनके वकील द्वारा दायर एक विस्तृत शिकायत में, उस दुर्भाग्यपूर्ण दिन की घटना को फिर से याद करते हुए, नदीम ने लिखा: कि “शिव विहार के छोटे पुल (पुलिया) पर 25.02.2020 को लगभग 2 बजे पथराव शुरू हो गया था। यह पथराव लगभग शाम 5 बजे तक चला और इसके साथ ही वहां जमा हुई एक उग्र भीड़ ने घरों में आग लगाना शुरू कर दिया था। भीड़ में लगभग 100 लोग शामिल थे, सभी ने हेलमेट और मास्क पहने हुए थे, हाथों में लाठी, तलवार, पेट्रोल बम आदि से लैस होकर 'जय श्री राम ... कहाँ छिपे हो...... बाहर निकलो... हिन्दू भाइयों बाहर निकलो... तुम्हें कुछ नहीं करेंगे।”

नदीम की शिकायत के अनुसार, "भीड़ ने घरों में आग लगाना शुरू कर दिया था।" नदीम ने बताया कि उसने खुद को और अपने परिवार को पड़ोसी की छत पर कूदकर बचाया फिर बाद में अर्धसैनिक बल के जवानों ने उन्हे बचाया। हिंसा के तीन दिन बाद, 28 फरवरी को, जब नदीम वापस आया, तो उसका पूरा घर तबाह हो चुका था।

नदीम की ओर से दर्ज की गई अंतिम प्राथमिकी में कहा गया है कि, "यह प्रमाणित किया जाता है कि सभी कानूनी उद्देश्यों के मद्देनजर 16/3/20 को दर्ज की गई शिकायत को अंतिम एफ़आईआर संख्या 55/20 यू/एस336 के साथ संलग्न कर दिया गया है।"

2_13.jpg

नदीम की एफ़आईआर जो नंबर 55 से जुड़ी हैं 

एएसआई की तरफ़ से दर्ज प्राथमिकी क्या कहती है?

घटनाओं की श्रृंखला, जैसा कि एफ़आईआर सं॰ 55, 56 और 57 में दर्ज है, एएसआई ने इलाके में चल रहे सीएए विरोधी विरोध प्रदर्शन का जिक्र किया है। मसलन, एफ़आईआर नं॰ 56/20, शिकायतकर्ता एएसआई हरिओम सिंह के हवाले से कहती है कि “25 फरवरी 2020 को रात 9 बजे, जब पुलिस कर्मी शिव विहार तिराहे पर पहुँचे, तो कुछ सीएए विरोधी प्रदर्शनकारी जो पहले से ही बड़ी संख्या में वहाँ जमा थे, नारे लगा रहे थे; दोनों ओर से पत्थर और ईंट फेंके जा रहे थे।”

प्राथमिकी में आगे कहा गया है कि "लाउडस्पीकर के माध्यम से चेतावनी देने के साथ, प्रदर्शनकारियों से आग्रह किया गया कि वे शांत हो जाएं लेकिन फिर भी पथराव जारी रहा।" विरोध प्रदर्शनों इस आधार को एफ़आईआर में दर्ज किया गया है और उन घटनाओं की श्रृंखला की ज़मीन तैयार करने का कारण बताया गया है जिसके परिणामस्वरूप "दुकानों और वाहनों में आग लगाई गई थी" या फिर दंगे हुए थे।

3_6.jpg

एएसआई हरिओम सिंह द्वारा दर्ज एफ़आईआर 

मार्च 1, 2020 को लिखे एक शिकायती पत्र में, जिसे भारत के मुख्य न्यायाधीश को संबोधित किया गया है, शिव विहार के एक अन्य निवासी, इम्तियाज ने हिंसक भीड़ से बचने के अपने अनुभव का जिक्र किया जब भीड़ उसके घर में घुस गई थी। पत्र, जिसे करावल नगर पुलिस स्टेशन ने औपचारिक शिकायत के रूप में स्वीकार कर लिया है और एफ़आईआर नं॰ 142/20 में दर्ज कर लिया गया है, कहती है कि “25.02.2020 को लगभग 9:45 बजे, 50-60 लोग जय श्री राम के नारे लगा रहे थे, वे मेरे घर के बाहर इकट्ठा हो गए। वे दरवाजा तोड़कर अंदर आ गए। हम उस वक़्त घर की दूसरी मंजिल पर थे वहां से हम ऊपर की मंजिल पर पहुंचे।” इम्तियाज ने अपनी शिकायत में आगे कहा था कि भीड़ ने "घर के अंदर रखे सिलिंडर का इस्तेमाल कर घर को आग लगा दी थी"।

इम्तियाज के वकील द्वारा संकलित एक विस्तृत शिकायत में कहा गया है कि, “हमारा घर तीन मंजिला है। मैं अपने परिवार के साथ पहली मंजिल में सामने वाले कमरे में रहता हूं। दंगाइयों के घर में घुसने के बाद में खुद के और अपने रिश्तेदारों के बच्चों को छत पर ले गया। दंगाइयों ने घर में घुसने के बाद सिलेंडर में आग लगा दी और उसे मस्जिद की ओर फेंक दिया। फिर उन्होंने दूसरा सिलेंडर लिया और घर के बाहर उसमें आग लगा दी। और उसी सिलेंडर से घर की निचली मंज़िल को जला दिया।”

बाद में अर्धसैनिक बल के जवानों के साथ हुई उनकी बातचीत को याद करते हुए, इम्तियाज ने अपनी शिकायत में कहा है, “जब जवानों ने मुझे छत से मदद के लिए चिल्लाते हुए देखा, तो आरएएफ कर्मियों ने हम से नीचे आने का अनुरोध किया और फिर वे हमें चमन पार्क एसआर बचाकर ले गए। उस समय आरएएफ के एक जवान ने हमसे कहा, आप ही लोग शाहीन बाग में विरोध कर रहे थे, चाहिए आजादी?'

इम्तियाज की शिकायत को भी एक अन्य एफ़आईआर संख्या 142/20 के साथ जोड़ दिया गया है जिसे एक अन्य स्थानीय निवासी ने दर्ज किया था।" इस पर आगे कोई कार्यवाही नहीं हुई है", उन्होंने फोन पर बात करते हुए इस रिपोर्टर को सूचित किया।

4_7.jpg

इम्तियाज़ द्वारा दायर एफ़आईआर 

आगज़नी और लूट के ख़िलाफ़ शिकायत को दूसरी शिकायत के साथ जोड़ना 

8 मार्च, 2020 को शिव विहार निवासी अशरफ* (नाम बदला हुआ है) ने करावल नगर पुलिस स्टेशन में एक शिकायत दर्ज कराई। 25 फरवरी, 2020 की घटनाओं का जिक्र करते हुए, अशरफ ने अपने पत्र में पुलिस को बताया कि “रात अंधेरे में भीड़ बांस की छड़ें, लोहे की छड़ और अन्य हथियार के साथ मेरे घर की ओर बढ़ने लगी…। उन्होंने मेरे घर को लूट लिया और फिर आग लगा दी” शिकायत में संबंधित अधिकारियों से घर को सुरक्षा प्रदान करने और दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई करने का आग्रह किया गया था।

उनके वकील द्वारा दायर एक विस्तृत शिकायत में, अशरफ की पत्नी, सकीना* (नाम बदला हुआ है) में दावा किया गया है कि 25 फरवरी, 2020 को, “भीड़ में लोग हेलमेट पहने हुए थे और लाठी लिए हुए थे, कह रहे थे---और विरोध करो। तुम्हें आज़ादी चाहिए, अब हम तुम्हें आज़ादी देंगे? लगभग 3 बजे जब हालात काफी बिगड़ गए, हमने पुलिस को 100 नंबर पर फोन किया। शुरु में उन्होंने हमारा फोन ही नहीं उठाया। हमने उन्हें लगभग 300 बार (फोन करने में हम में से 30 लोग शामिल थे) फोन किया होगा। काफी लंबे समय के बाद उन्होंने कॉल उठाया और जब हमने उन्हें हालत के बारे में बताया तो वे हमें इस व्यक्ति या उस व्यक्ति से संपर्क करने के लिए कहकर हमारा पागल बनाते रहे लेकिन हमें कोई मदद नहीं मिली।" सकीना ने भी अपनी शिकायत में दर्ज किया है कि भीड़ "जय श्री राम के नारे लगा रही थी और गेट को खोलने की कोशिश कर रही थी।"

हालाँकि, इस शिकायत को भी एक अन्य एफ़आईआर के साथ जोड़ दिया गया है, जिसमें नीचे की ओर हाथ से लिखा हुआ एक नोट लगा हुआ है: 'इस शिकायत को सभी कानूनी उद्देश्यों के लिए एफ़आईआर संख्या 133/20यू/एस आई.पी.सी. की धारा 147/148/149/323-436 के तहत जोड़ दिया गया है।

शिकायत दर्ज करने के क़ानूनी प्रावधान 

जहां तक एफ़आईआर दर्ज करने से संबंधित अधिकारियों की शक्तियों के संदर्भ की बात है, तो सीआरपीसी (आपराधिक प्रक्रिया संहिता) में धारा 154 में कहा गया है कि “किसी भी संज्ञेय अपराध के होने से संबंधित हर जानकारी, अगर किसी अधिकारी को मौखिक रूप से दी गई है जो पुलिस स्टेशन का इंचार्ज है उस शिकायत को उसके द्वारा या उसके निर्देशन में लिखा जाना चाहिए और सूचना देने वाले को पढ़ कर सुनाया जाना चाहिए।"

इसके अलावा, सीआरपीसी की धारा 156 (1), पुलिस अधिकारी की जांच की शक्तियों पर विस्तार से बताते हुए, स्पष्ट रूप से कहती है कि "कोई भी थाना प्रभारी, बिना किसी मजिस्ट्रेट के आदेश के, किसी भी संज्ञेय मामले या हुए अपराध की जांच कर सकता है ..."

सुप्रीम कोर्ट के वकील, चौधरी अली जिया कबीर कहते हैं: पुलिस ने सीआरपीसी के तहत दोनों धाराओं का उल्लंघन किया है। शिकायतकर्ताओं के मामले व्यावहारिक रूप से समाप्त हो गए हैं। क्योंकि उन्हें आज तक न तो गवाह और न ही सह-शिकायतकर्ता के रूप में शामिल किया गया है।

सुप्रीम कोर्ट के 2013 के ललिता कुमारी के फैसले का हवाला देते हुए, कबीर कहते हैं कि: “यहां तक कि शिकायतों को अन्य एफ़आईआर के साथ जोड़ा गया है, जबकि एफ़आईआर में विस्तृत घटनाओं का उल्लेख नहीं किया गया है। एफ़आईआर के भीतर जरूरी और प्रासंगिक तथ्य होने चाहिए।”

इस रिपोर्टर ने पीआरओ दिल्ली पुलिस - ईश सिंघल से बात करने की कोशिश की तो उन्हे डीसीपी नॉर्थ ईस्ट दिल्ली से संपर्क करने को कहा गया। शिकायतों को आपस में क्लब करने के संबंध में डीसीपी के कार्यालय को एक प्रश्नावली मेल की गई है। न्यूजक्लिक इसे तब अपडेट करेगा जब भी उसे पुलिस से कोई प्रतिक्रिया मिलेगी। 

लेखिका दिल्ली की एक स्वतंत्र पत्रकार हैं।\

अंग्रेज़ी में प्रकाशित मूल आलेख पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें

Delhi Violence: The Curious Case of Complaints Attached With a Single FIR

North east delhi
Delhi Violence
ASI Hari Om Singh
Single FIR
Complaints Clubbed
Jai Shri Ram
Karawal Nagar
Shiv Vihar Violence
Delhi Communal Violence

Trending

एमपी भवन पर महिलाओं का प्रदर्शन, कहा सुरक्षा के नाम पर निग़रानी मंज़ूर नहीं
कांट्रैक्ट फार्मिंग सिर्फ किसान विरोधी नहीं, देश विरोधी भी
किसान सरकार बातचीत नाकाम, राहुल उतरे मैदान में
किसानों ने लोहड़ी की आग में जलाए कृषि क़ानून
किसान आंदोलन का 51 वां दिन :कृषि क़ानूनों पर उच्चतम न्यायालय की कमेटी से अलग हुए मान
अंतरधार्मिक विवाह को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट के फ़ैसले के बाद हालात बदलेंगे?

Related Stories

 बृंदा करात ने दिल्ली के मुख्यमंत्री को लिखी चिट्ठी
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
दिल्ली दंगे में पीड़ितों के मुआवज़े में भेदभाव का आरोप, बृंदा करात ने दिल्ली के मुख्यमंत्री को लिखी चिट्ठी
07 January 2021
दिल्ली : दिल्ली दंगो के नाबालिग पीड़ितों के परिवारों को वयस्कों के परिजन के बराबर मुआवज़ा नहीं मिल रहा है। इसको लेकर मार्क्सवादी कम
Delhi riots
प्रज्ञा सिंह
अदालत में दिल्ली पुलिस: हम काग़ज़ नहीं दिखाएंगे
06 January 2021
उन सोलह लोगों के लिए इंसाफ़ के पहिए बहुत धीरे-धीरे आगे बढ़ रहे हैं, जिन्होंने दिल
उमर ख़ालिद
मुकुंद झा
दिल्ली दंगे: पुलिस जांच पर गंभीर सवाल, उमर ख़ालिद ने ‘मीडिया ट्रायल’ का लगाया आरोप
05 January 2021
दिल्ली: दिल्ली दंगे को लेकर पहले ही सवालों के घेरे में रही दिल्ली पुलिस अब अपने जांच को लेकर भी सवालों के घेरे में है। कल यानि 4 ज

Pagination

  • Next page ››

बाकी खबरें

  • किसानों-सरकार के बीच वार्ता फिर नाकाम, दिल्ली नगर निगम कर्मचारियों की हड़ताल और अन्य खबरें
    न्यूज़क्लिक टीम
    किसानों-सरकार के बीच वार्ता फिर नाकाम, दिल्ली नगर निगम कर्मचारियों की हड़ताल और अन्य खबरें
    15 Jan 2021
    आज के डेली राउंड अप में हम बात करेंगे सरकार -किसान संगठनों के बीच हुई बातचीत पर. इसके साथ ही बात होगी दिल्ली नगर निगम कर्मचारियों की हड़ताल पर.
  • /Demonstration-of-women-at-MP-Bhavan-said-that-surveillance-in-the-name-of-security-is-not-acceptable
    मुकुंद झा
    एमपी भवन पर महिलाओं का प्रदर्शन, कहा सुरक्षा के नाम पर निग़रानी मंज़ूर नहीं
    15 Jan 2021
    दिल्ली स्थित मध्य प्रदेश भवन पर महिलाओं और छात्रों ने प्रदर्शन किया। इस दौरान पुलिस ने भी पुख़्ता तैयारी की थी जिससे कोई भी प्रदर्शनकारी एमपी भवन तक न पहुंच सके। लेकिन जब इन सब के बाद भी…
  •  Contract-Farming-is-not-only-anti-farmer-but-also-anti-country
    न्यूज़क्लिक टीम
    कांट्रैक्ट फार्मिंग सिर्फ किसान विरोधी नहीं, देश विरोधी भी
    15 Jan 2021
    कांट्रैक्ट फ़ार्मिंग से छोटे किसानों को नुकसान होता है, और धीरे धीरे वो अपने ज़मीन से बेदखल हो जाते हैं। कांट्रैक्ट फ़ार्मिंग में जुड़ी कंपनियाँ अपना मुनाफा देखती है, किसान की भलाई नहीं। कांट्रैक्ट…
  • किसान सरकार बातचीत नाकाम, राहुल उतरे मैदान में
    न्यूज़क्लिक टीम
    किसान सरकार बातचीत नाकाम, राहुल उतरे मैदान में
    15 Jan 2021
    बोल कि लब आज़ाद हैं तेरे ' के इस एपिसोड में वरिष्ठ पत्रकार अभिसार आज की किसान और सरकार के बीच हुई वार्ता की प्रमुख बातें पेश कर रहे हैं। साथ ही साथ वो ये भी बता रहे हैं कि किस तरह सरकार कॉर्पोरेट की…
  • ED
    भाषा
    सीबीआई ने चिटफंड घोटाले में रोज वैली समूह के प्रमुख की पत्नी को किया गिरफ़्तार
    15 Jan 2021
    सीबीआई की आर्थिक अपराध शाखा के अधिकारियों ने पोंजी घोटाले में कथित भूमिका को लेकर शुभ्रा को गिरफ्तार किया। वह इस मामले में सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय द्वारा वांछित थी।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें