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आबकारी नीति मामला: सिसोदिया ने ज़मानत के लिए उच्चतम न्यायालय का किया रुख़

आबकारी नीति में कथित भ्रष्टाचार को लेकर गिरफ्तार सिसोदिया को यहां एक विशेष अदालत ने सोमवार को पांच दिन के लिए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की हिरासत में भेज दिया था।
manish sisodia
फ़ोटो साभार: PTI

दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आबकारी नीति मामले में जमानत के लिए मंगलवार को उच्चतम न्यायालय का रुख किया।

प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने सिसोदिया की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता ए. एम. सिंघवी द्वारा दाखिल प्रतिवेदन पर गौर करते हुए कहा कि वह जमानत याचिका पर दोपहर तीन बजकर 50 मिनट पर सुनवाई करेगी। सिसोदिया फिलहाल सीबीआई की हिरासत में हैं।

शीर्ष अदालत ने पहले कहा था कि जेल में बंद आम आदमी पार्टी (आप) के नेता दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) के तहत जमानत के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख कर प्राथमिकी रद्द करने का अनुरोध कर सकते हैं।

आबकारी नीति में कथित भ्रष्टाचार को लेकर गिरफ्तार सिसोदिया को यहां एक विशेष अदालत ने सोमवार को पांच दिन के लिए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की हिरासत में भेज दिया था।

अदालत ने कहा था, ‘‘उचित व निष्पक्ष जांच के लिए आवश्यक है कि उनसे पूछे गए सवालों के उचित तथा वैध जवाब मिलें और इस अदालत की राय में यह आरोपी की हिरासत में पूछताछ से ही संभव है।’’

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के खिलाफ आम आदमी पार्टी (आप) के विरोध प्रदर्शन के दौरान यहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) मुख्यालय के पास सोमवार को अफरातफरी मच गई थी और पुलिस ने पार्टी के कई नेताओं तथा कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले गया।

‘आप’ के प्रदर्शनकारियों ने जैसे ही दीन दयाल उपाध्याय (डीडीयू) मार्ग स्थित भाजपा कार्यालय की ओर मार्च करने की कोशिश की थी पुलिस ने अपने कर्मियों को बड़ी संख्या में तैनात करके और अवरोधक लगाकर उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया था।

सीबीआई ने रविवार को सिसोदिया को शराब की बिक्री से संबंधित आबकारी नीति में कथित भ्रष्टाचार के सिलसिले में गिरफ्तार किया था। यह नीति अब रद्द की जा चुकी है।

सिसोदिया की गिरफ्तारी के खिलाफ ‘आप’ नेताओं और कार्यकर्ताओं ने कई अन्य राज्यों में भी विरोध प्रदर्शन किया।

दिल्ली सरकार में उप मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया पिछले कई दिनों से सरकारी एजेंसियों के निशाने पर हैं। शराब नीति को लेकर लगातार सीबीआई के सामने उनसे पूछताछ जारी थी और बीजेपी द्वारा लगातार उनकी गिरफ्तारी की मांग चल रही थी, आख़िरकार सोमवार यानी 27 फरवरी को मनीष सिसोदिया से सीबीआई ने पूछताछ की, फिर दिल्ली की राउज़एवन्यू कोर्ट ने सीबीआई को मनीष सिसोदिया की पांच दिनों के लिए रिमांड दे दी।

उधर केजरीवाल और उनकी पार्टी इसे बदले की कारवाई बता रही है। सिसोदिया की गिरफ्तारी के विरोध में कल यानी सोमवार को आम आदमी पार्टी पूरे देश में काला दिवस मनाया। दिल्ली में बीजेपी मुख्यालय पर आम आदमी पार्टी ने एक बड़ा प्रदर्शन का एलान किया था। हालंकि पुलिस ने उन्हें उनके दफ्तर के पास ही रोक दिया। साथ ही साथ उत्तर प्रदेश समेत और अन्य राज्यों में भी पार्टी का प्रदर्शन हुआ।

मनीष सिसोदिया पर सीबीआई ने सेक्शन 120 बी (क्रिमिनल काॅन्सपिरेसी), 477 ए (इंटेंट टू फ्रॉड) और प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट का सेक्शन 7 जैसी धाराएं लगाया।

आपको बता दें कि दिल्ली शराब नीति केस में जांच एजेंसी ने सिसोदिया की 5 दिन की कस्टडी मांगी थी, जिसे कोर्ट ने मान लिया। इससे पहले, सिसोदिया को सोमवार दोपहर करीब 3 बजे राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया। करीब 30 मिनट की सुनवाई के बाद सीबीआई की रिमांड की मांग पर कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

सीबीआई ने रविवार को 8 घंटे की पूछताछ के बाद सिसोदिया को गिरफ्तार किया था। जांच एजेंसी ने कहा था कि सिसोदिया सवालों के सही जवाब नहीं दे रहे हैं। इसलिए उनकी रिमांड जरूरी है।

दूसरी ओर मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के विरोध में आम आदमी पार्टी ने पूरे देश में ज़ोरदार प्रदर्शन किया, इस दौरान प्रदर्शनकारी नेताओं और कार्यकर्ताओं को हिरासत में भी लिया गया।

खासकर दिल्ली में आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने पार्टी दफ्तर के बाहर प्रदर्शन किया, इस दौरान सुरक्षा बलों से उनकी झड़प भी हुई। महिला कार्यकर्ताओं और महिला पुलिस बल के बीच हाथापाई भी हुई।

पुलिस ने आम आदमी पार्टी कार्यकर्ताओं को हटने की चेतावनी दी। कई नेताओं-कार्यकर्ताओं को हिरासत में भी लिया गया। पुलिस आम आदमी पार्टी के दफ्तर में भी दाखिल हुई।

सिसोदिया की गरिफ्तारी को आम आदमी पार्टी ने लोकतंत्र के लिए काला दिन बताया, इसी के साथ मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी का विरोध कर रहे आप सांसद संजय सिंह समेत कई विधायकों पार्षदों और कार्यकर्ताओं को फतेहपुर बेरी थाने से पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं की ओर से इस गिरफ्तारी को लेकर सिविल लाइंस स्थित गांधी पार्क में जमकर विरोध प्रदर्शन किया। महामहिम राष्ट्रपति महोदया को संबोधित सिटी मजिस्ट्रेट अरविंद द्विवेदी को ज्ञापन सौंपकर दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया की तत्काल रिहाई की मांग की प्रदर्शन का नेतृत्व जिला अध्यक्ष अनिल कुमार प्रजापति ने किया।

प्रदर्शन और कोर्ट में सुनवाई के कारण क्नॉट प्लेस, आइटीओ, विकास मार्ग, दिल्ली गेट, एसपी मार्ग और पहाड़गंज के इलाकों में जाम लग गया। यातायात पुलिस की डीसीपी खुद सड़क पर उतर कर सुचारु यातायात संचालन कराने के निर्देश अधिकारियों को देती नजर आईं। हालांकि इसके बावजूद हजारों वाहनचालकों को जाम से जूझना पड़ा।

सीबीआई की कार्रवाई गलत

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को दावा किया कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के अधिकतर अधिकारी उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के पक्ष में नहीं थे, लेकिन उन्होंने ‘राजनीतिक दबाव’ के कारण ऐसा किया।

आप पार्टी के उत्तर प्रदेश सचिव भारत राजयोगी ने बताया कि सरकार के इशारे पर सीबीआई गलत कार्रवाई कर रही है। आम आदमी पार्टी और उनके बड़े नेताओं की छवि खराब करने के लिए भाजपा सरकार द्वारा ये कुचक्र रचा गया है। शिक्षा मंत्री व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने दिल्ली के अंदर शिक्षा क्षेत्र में एतिहासिक कार्य किया है। दिल्ली की जनता सबकुछ देख और समझ रही है।

जारी रहेंगे प्रदर्शन

कानपुर के पार्टी अध्यक्ष उमेश यादव ने कहा कि इस पूरी कार्रवाई का विरोध लगातार जारी रहेगा। वहीं सोमवार को तय विरोध-प्रदर्शन के चलते भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई थी। बड़ा चौराहा पर बड़ी संख्या में फोर्स को देखकर कुछ देर के लिए अफरातफरी का माहौल था।

दिल्ली के बजट पड़ेगा असर

दिल्ली सरकार में वित्त समेत 18 विभाग संभाल रहे सिसोदिया के जेल जाने से दिल्ली सरकार के काम काज पर गंभीर प्रभाव पड़ने की आंशका जताई जा रही है। कई जानकारों का कहना भी है कि बीजेपी ने केजरीवाल सरकार को अस्थिर करने के लिए पहले स्वास्थ्य मंत्री को जेल में डलवा दिया और अब शिक्षा और वित्त मंत्री जेल गए हैं। ये दोनों केजरीवाल मॉडल का आधार थे। अगर सिसोदिया जेल से बाहर नहीं आते हैं तो किसी और को बजट पेश करना होगा। पार्टी को इसकी भनक पहले से थी और वो इसके विकल्प पर काम भी कर रही थी।

आप पदाधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘चूंकि ऐसी आशंका थी कि सीबीआई उपमुख्यमंत्री को गिरफ्तार कर सकती है, तो गहलोत पिछले कुछ दिन से बजट संबंधी बैठकों में भाग ले रहे थे। गहलोत 2023-24 का बजट पेश कर सकते हैं। इसे अगले महीने पेश किया जाना है। अगर सिसोदिया को जमानत मिल जाती है, तो वह बजट पेश करेंगे, लेकिन यदि उन्हें जमानत नहीं मिलती, तो गहलोत बजट पेश कर सकते हैं।’

(न्यूज़ एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

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