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किसानों ने कहा- हम बातचीत को तैयार, 29 दिसंबर की तारीख़ तय  

संयुक्त किसान मोर्चा ने बातचीत की तारीख़ का प्रस्ताव रखते हुए उसका चार सूत्रीय एजेंडा भी तय कर दिया है। इसी के साथ मोर्चा ने दिल्ली और आसपास के लोगों को पहली जनवरी को नया साल मनाने के लिए किसानों के बीच आने का ऩ्योता दिया है।
Farmers protest

किसानों ने साफ़ कर दिया है कि वे हमेशा सरकार से बातचीत को तैयार थे, और हैं। लेकिन सरकार ठोस प्रस्ताव न देकर इधर-उधर की बातें करती रही है जिससे बातचीत में गतिरोध बन गया। सिंघु बार्डर पर आज, शनिवार शाम की प्रेस कॉन्फ्रेंस में संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ़ से बातचीत के लिए 29 दिसंबर की तारीख़ का ऐलान कर दिया गया।

मोर्चा की तरफ़ से जारी पत्र को पढ़ते हुए योगेंद्र यादव ने बताया कि 29 दिसंबर को सुबह 11 बजे बातचीत का प्रस्ताव दिया गया है। इसी के साथ एक चार सूत्रीय एजेंडा भी दिया गया है, जिसपर बातचीत होगी। आंदोलन में शामिल सभी 40 संगठनों से बातचीत के बाद केंद्रीय कृषि एवं कल्याण मंत्रालय के संयुक्त सचिव विवेक अग्रवाल के नाम जारी चिट्ठी के अनुसार किसानों और सरकार के बीच अगली बैठक मंगलवार, 29 दिसंबर को सुबह 11 बजे होगी। जिसका चार सूत्रीय एजेंडा इस प्रकार है-

1. तीन केंद्रीय कानूनों को निरस्त या रद्द करने के लिए अपनाए जानी वाली क्रिया विधि

2. सभी किसानों और कृषि वस्तुओं के लिए राष्ट्रीय किसान आयोग (स्वामीनाथ आयोग) द्वारा सुझाए लाभदायक एमएसपी पर खरीद की कानूनी गारंटी देने की प्रक्रिया और प्रावधान

3. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के क्षेत्र में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए आयोग अध्यादेश-2020  में ऐसे संशोधन जो किसानों को दंड प्रावधान से बाहर करने के ज़रूरी हैं और

4. प्रस्तावित बिजली विधेयक में बदलाव

चिट्ठी में ये भी कहा गया कि बातचीत इसी एजेंडा और इसी क्रमानुसार होगी। चिट्ठी में कृषि मंत्रालय के संयुक्त सचिव से कहा गया कि आपका 24 दिसंबर का पत्र मिला, लेकिन हमें अफसोस है कि इस चिट्ठी में भी सरकार ने पिछली चिट्ठी के तथ्यों को छुपाकर जनता को गुमराह करने की कोशिश की है। हमने हमेशा इन कानूनों को निरस्त करने की मांग की, सरकार ने तोड़मरोड़कर ऐसा पेश किया कि हमने संशोधन की मांग की। इसके अलावा हमने पहली बातचीत से ही एमएसपी का मुद्दा उठाया है, लेकिन आप ऐसा जाहिर कर रहे हैं जैसे ये कोई नयी मांग हो। इसके अलावा सरकार से गलत बयानी न करने और किसानों के खिलाफ दुष्प्रचार बंद करने की भी मांग की गई।

इसी के साथ आंदोलन की अगली रणनीति का भी ऐलान कर दिया गया। इसके अनुसार देशभर में धरना प्रदर्शन जारी रहेंगे। हरियाणा के साथ पंजाब में भी टोल प्लाजा अब स्थायी रूप से खुले रहेंगे। 27-28 दिसंबर को पूरे बॉर्डर पर धरने में गुरु गोविंद सिंह जी के सहाबज़ादों (बेटों) का शहादत दिवस मनाया जाएगा। इसी के साथ घोषणा की गई कि देश के सेकुलर मूल्यों को बचाने के लिए इसी के साथ नवाब शेर मोहम्मद खां मलेर कोटला, दिवान टोडरमल, मोतीलाल मेहरा और गुरु साहेबान की विरासत को आगे बढ़ाया जाएगा, ताकि इस देश के सभी हिंदू-मुस्लिम, मेहनतकश लोग इकट्ठा होकर इस जाबिर सरकार के खिलाफ लड़ाई लड़ सकें।

इसके अलावा इसी दौरान शहीद उधमसिंह का जन्मदिन भी मनाया जाएगा। 29 दिसंबर को सरकार से मुलाकात होगी। 30 दिसंबर को टैक्टर मार्च- सिंघु से लेकर टिकरी और शाहजहांपुर तक मार्च किया जाएगा। 31 दिसंबर और 1 जनवरी को दिल्ली तथा आसपास के लोगों से दिल्ली बॉर्डर पर आकर आंदोलन में शामिल होकर किसानों के साथ नया साल मनाने का आह्वान किया गया है।

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