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इज़रायल के छापे और फ़िलीस्तीनी नेताओं व कार्यकर्ताओं की गिरफ़्तारी की वैश्विक निंदा

कई संगठनों ने सोमवार को देर रात छापेमारी में गिरफ्तार किए गए सभी फिलिस्तीनी नेताओं और कार्यकर्ताओं की जल्दी और बिना शर्त रिहाई का आह्वान किया है। साथ ही सभी फिलिस्तीनी राजनीतिक क़ैदियों और प्रशासनिक बंदियों के लिए रिहाई की मांग की है।
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2 नवंबर की रात क़ब्ज़े वाले वेस्ट बैंक के विभिन्न हिस्सों में इजरायली सेना द्वारा फिलिस्तीनी महिला अधिकारों और वामपंथी नेताओं के साथ-साथ कुछ पूर्व राजनीतिक क़ैदियों की गिरफ्तारी और अपहरण को लेकर अरब-मगरिब क्षेत्र की महिला संगठनों और फिलिस्तीनी वामपंथी संगठनों ने कड़ी निंदा की है।

इज़रायली सेना द्वारा गिरफ्तार की गई महिलाओं में से एक पैलेस्टिनियन वीमेन्स कमेटी की अध्यक्षा ख़ितम साफ़िन हैं। एक अन्य महिला की पहचान छात्र नेता शाता अल-तवील के रूप में हुई है। साफिन जिन्होंने जनरल यूनियन ऑफ पैलेस्टिनियन वीमेन के जनरल सेक्रेटरी के सदस्य के रूप में भी सेवा करती हैं उनको उनके घर से पश्चिमी रामल्ला के बेतुनिया शहर गिरफ़्तार किया गया जबकि अल-तवील को अल बिरह शहर में उनके घर से अपहरण कर लिया गया। पश्चिम बैंक में कई अन्य प्रमुख सामुदायिक नेताओं और कार्यकर्ताओं को इसी छापेमारी में हिरासत में लिया गया था।

फिलिस्तीनी नेताओं और कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारियों और छापेमारी की निंदा करने वाले बयान पर हस्ताक्षर करने वाले संगठनों में पैलेस्टिनियन वर्किंग वीमेन कमेटी यूनियन, यूनियन ऑफ पैलेस्टिनियन वीमेन्स कमेटी, वर्ल्ड मार्च ऑफ वीमेन्स (एमईएनए क्षेत्र), वीमेन्स सेक्टर- डेमोक्रेटिक वे (मोरक्को) और जिन वीमेन एसोसिएशन (लेबनान) शामिल है।

अपहृत नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ-साथ इज़रायल की जेलों और हिरासत केंद्रों में बिना किसी आरोप या मुकदमे के बंद सभी अन्य फिलिस्तीनी राजनीतिक क़ैदियों और प्रशासनिक बंदियों के साथ एकजुटता दिखाते हुए इन संगठनों ने मानवाधिकारों और महिलाधिकार संगठनों सहित अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आग्रह किया है कि मनमाने ढंग से हिरासत के शिकार कॉमरेड खितम साफिन और सभी क़ैदियों को रिहा करने के लिए इज़रायल पर दबाव डाले और साथ ही महिला नेताओं को निशाना बनाने की नीति को रोकने और प्रशासनिक हिरासत की नीति को रोकने के लिए क़दम उठाए।"

उन्होंने इज़रायल द्वारा ग़ैरक़ानूनी तरीक़े से जेल में रखे जा रहे खितम साफिन और अन्य सभी फिलिस्तीनी क़ैदियों को रिहा करने की मांग के लिए एक क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय एकजुटता अभियान शुरू करने का आह्वान किया। इस बयान में ज़ोर देकर कहा गया है कि इज़रायल की सैनिकों द्वारा ये अवैध और मनमानी गिरफ्तारियां और हिरासत चौथे जिनेवा सम्मेलन का घोर उल्लंघन है।

इस बात पर जोर दिया गया है कि रात के समय छापेमारी के दौरान होने वाला एक्सट्रा-ज्यूडिशियल एबडक्शन इन नेताओं और कार्यकर्ताओं के मानवाधिकारों और नागरिक अधिकारों का इजरायल द्वारा स्पष्ट और जबरन उल्लंघन है। ये इज़रायल के क़ब्ज़े और नस्लभेद के ख़िलाफ़ प्रतिरोध को दबाने के लिए भय पैदा करने के उद्देश्य से किया गया है।

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