Skip to main content
xआप एक स्वतंत्र और सवाल पूछने वाले मीडिया के हक़दार हैं। हमें आप जैसे पाठक चाहिए। स्वतंत्र और बेबाक मीडिया का समर्थन करें।

ज्ञानवापी केसः इलाहाबाद हाईकोर्ट में रिवीजन पिटीशन दायर करेगी अंजुमन इंतेज़ामिया मसाजिद कमेटी

"हमें इस बात पर आश्चर्य है कि हमारे ख़िलाफ़ जिला कोर्ट का फ़ैसला आने से पहले ही उन्हें सब कुछ मालूम था। उनकी तैयारी बता रही थी कि फ़ैसला उनके फेवर में आएगा। तभी तो मिठाई वगैरह सब पहले से ही बनकर तैयार था।"
ज्ञानवापी केसः इलाहाबाद हाईकोर्ट में रिवीजन पिटीशन दायर करेगी अंजुमन इंतेज़ामिया मसाजिद कमेटी

बहुचर्चित ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी केस में वाराणसी के जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेस की अदालत के फैसले के खिलाफ अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी इलाहाबाद हाईकोर्ट में रिवीजन पिटीशन दायर करेगी। कोर्ट ने 12 सितंबर को श्रृंगार गौरी मंदिर में पूजा की अनुमति देने वाली याचिका को सुनवाई योग्य माना है। साथ ही मुस्लिम पक्ष की याचिका को खारिज कर दिया है। 22 सितंबर से इस केस की नियमित सुनवाई होने जा रही है।

अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के संयुक्त सचिव एसएम यासीन ने न्यूज़क्लिक से कहा, "हम हाईकोर्ट के अधिवक्ताओं से विधिक राय ले रहे हैं। जल्द ही हम इस बारे में ठोस निर्णय लेंगे। इतना तय है कि हम जिला जज के फैसले और आदेश के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट जाएंगे। इस बाबत तैयारी शुरू कर दी गई है। उम्मीद है कि अगले हफ्ते हम रिवीजन पिटीशन दायर कर देंगे। हमें इस बात पर आश्चर्य है कि हमारे खिलाफ जिला कोर्ट का फैसला आने से पहले ही उन्हें सब कुछ मालूम था। उनकी तैयारी बता रही थी कि फैसला उनके फेवर में आएगा। तभी तो मिठाई वगैरह सब पहले से ही बनकर तैयार था। अभी कहा नहीं जा सकता है कि बनारस की अदालत में 22 सितंबर से इस मामले की सुनवाई होगी। इससे पहले हम सुनवाई पर रोक लगाने की मांग कर सकते हैं।"

अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के मुख्य अधिवक्ता रईस अहमद अंसारी कहते हैं कि जिला जज के फैसले में हमें कई बिंदुओं पर घोर आपत्ति है। यह फैसला पूरी तरह गलत है। हमारी आपत्ति मुख्य रूप से दो बिंदुओं पर है। कोर्ट का ये कहना कि मस्जिद संपत्ति वक्फ की संपत्ति नहीं ये पूरी तरह गलत है। साल 1936 को दीन मोहम्मद केस में हाईकोर्ट ने माना है कि ये वक्फ की संपत्ति है। ये निर्णय हाईकोर्ट के पुराने निर्णय के खिलाफ है। ये पूरा मस्जिद परिसर 1991 के पूजा स्थल क़ानून के अंतर्गत आता है। इन दो बिंदुओं को लेकर हम हाईकोर्ट जाएंगे।

इस बीच हिंदू पक्ष के अधिवक्ता सुधीर त्रिपाठी ने कहा है कि हम जल्द ही हाईकोर्ट में कैविएट दाखिल करके पुरजोर तरीके से अपनी बात रखेंगे और बताएंगे कि मस्जिद कमेटी की बात सुनने योग्य नहीं है। संवैधानिक तरीके से हम अपनी कानूनी लड़ाई जारी रखेंगे। ज्ञानवापी से जुड़े दर्जन भर से ज्यादा प्रकरण अलग-अलग अदालतों में विचाराधीन हैं। संभावना है कि अभी कुछ और मुकदमे भी दाखिल हो सकते हैं। अदालतों में बीस से ज्यादा अर्जियां डाली गई हैं, जिन्हें लेकर हमें आपत्ति है। हमारी कोशिश होगी कि उन्हें खारिज कराएं, क्योंकि उनकी वजह से मुकदमे की सुनवाई और निस्तारण में बेवजह देरी हो सकती है।

अधिवक्ता सुधीर त्रिपाठी के मुताबिक, "अगर हाईकोर्ट अथवा सुप्रीम कोर्ट से उन्हें स्टे नहीं मिलता है तो जिला कोर्ट में सुनवाई तो जारी ही रहेगी। हमारे पास इतने ठोस साक्ष्य और प्रमाण है कि वह हमारे आगे नहीं टिक पाएंगे। आखिर कब तक छिपाया-दबाया जा सकता है। वह एक न एक दिन सामने जरूर आएगा। ज्ञानवापी में जहां शिवलिंगनुमा आकृति मिली है उसके दक्षिण तरफ और नंदीजी के मध्य व्यासजी का तहखाना है। उस तहखाने में ईंट-पत्थर भरा गया है। हम चाहते हैं कि ईंट-पत्थर और मलबे को हटाकर कमीशन की कार्रवाई पूरी कराई जाए। तभी जाकर असली मायने में ज्ञानवापी में कमीशन की कार्रवाई पूरी होगी। हमारा दावा है कि मस्जिद के वजूखाने में शिवलिंग मिले हैं, जबकि मसाजिद कमेटी का कहना है कि वह खराब पड़ा पुराना फव्वारा है। मलबा और ईंट-पत्थर हटा कर जब विधिवत मुआयना होगा तो यह स्पष्ट हो जाएगा कि वह शिवलिंग हैं या फव्वारा है?"

वाराणसी के जिला एवं सत्र न्यायालय के फैसले के बाद हिंदुत्ववादी काफी खुश हैं और अल्पसंख्यकों में मायूसी छाई हुई है। वाराणसी में हाईअलर्ट है। कचहरी परिसर, काशी विश्वनाथ धाम क्षेत्र समेत अन्य संवेदनशील इलाकों में पुलिस विशेष सतर्कता बरत रही है। काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर छह से ज्यादा मुकदमे अलग-अलग अदालतों में लंबित हैं।

अपने टेलीग्राम ऐप पर जनवादी नज़रिये से ताज़ा ख़बरें, समसामयिक मामलों की चर्चा और विश्लेषण, प्रतिरोध, आंदोलन और अन्य विश्लेषणात्मक वीडियो प्राप्त करें। न्यूज़क्लिक के टेलीग्राम चैनल की सदस्यता लें और हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित हर न्यूज़ स्टोरी का रीयल-टाइम अपडेट प्राप्त करें।

टेलीग्राम पर न्यूज़क्लिक को सब्सक्राइब करें

Latest