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1 दिसम्बर को हैदराबाद में होने जा रहे स्थानीय चुनावों में महामारी, बाढ़ प्रबंधन हैं अहम मुद्दे  

पिछले 2016 के जीएचएमसी चुनावों में सत्तारूढ़ टीआरएस ने 99 वार्डों में जीत दर्ज करने में कामयाबी हासिल की थी, जबकि एआईएमआईएम को 44 वार्डों पर जीत हासिल करने में कामयाबी मिली थी। बीजेपी ने चार वार्ड जीते थे, जबकि कांग्रेस को दो और टीडीपी के खाते में एक सीट दर्ज हुई थी।
 हैदराबाद
फोटो: मात्र प्रतिनिधित्व हेतु

हैदराबाद: तेलंगाना राज्य निर्वाचन आयोग ने मंगलवार, 17 नवंबर के दिन वृहद हैदराबाद नगर निगम के लिए चुनाव कार्यक्रम की अधिसूचना जारी कर दी है, जिसमें मतदान की तिथि 1 दिसंबर और चुनाव परिणाम 4 दिसंबर के दिन घोषित कर दिए जायेंगे। अब जबकि चुनावी प्रक्रिया के लिए मात्र दो सप्ताह का ही समय बचा हुआ है, ऐसे में तमाम राजनीतिक दल राज्य की राजधानी में अपनी चुनावी ताकत को साबित करने के लिए कमर कस रहे हैं।

राज्य निर्वाचन आयुक्त सी पार्थसारथी ने इस विषय में अधिसूचना जारी करते हुए कहा है कि नए जीएचएमसी अधिनियम के अनुसार राज्य सरकार के साथ परामर्श के बाद जाकर इस चुनावी कार्यक्रम को जारी किया गया है।

पर्यवेक्षकों का अनुमान है कि इन चुनावों में मुख्य मुद्दों के तौर पर निरंतर जारी कोरोनावायरस महामारी से निपटने में सरकार के प्रदर्शन, जीएचएमसी में विकास कार्यक्रमों में मौजूदा सभासदों की भूमिका, गरीब वर्गों के लिए पानी और समुचित आवासीय सुविधाओं जैसे अन्य मुद्दे होने जा रहे हैं।

इन चुनावों में कुल 74,04,770 मतदाता भाग लेने जा रहे हैं, जिनमें 38,56,770 पुरुष, 35,46,847 महिलाएं एवं 669 ट्रांसजेंडर श्रेणियों से होंगे। जीएचएमसी में यह मतदान इसके 24 विधानसभा क्षेत्रों के कुल 150 वार्डों या प्रखंडों में होने जा रहा है।

पिछले 2016 के चुनावों में सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) ने 99 वार्डों में जीत दर्ज की थी, जबकि 2009 के चुनावों में उसे एक भी सीट हासिल नहीं हुई थी। वहीँ आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल-मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) 44 वार्डों जीत हासिल करने में कामयाब रहा था। भारतीय जनता पार्टी को चार वार्डों में जीत हासिल हुई थी जबकि दो पर कांग्रेस और एक सीट तेलगु देशम पार्टी (टीडीपी) के खाते में गई थी। बाद में जाकर टीडीपी सभासद सत्ताधारी टीआरएस में शामिल हो गया था।

2016 के चुनावों में टीडीपी और बीजेपी ने गठबंधन के तहत सीटें साझा कर चुनाव लड़ा था।

नीचे दी गई तालिका में दर्शाया गया है कि 2014 और 2018 के चुनावों में जीएचएमसी के अंतर्गत आने वाले 24 विधानसभा क्षेत्रों में विभिन्न राजनीतिक दलों का प्रदर्शन किस प्रकार रहा था।

टीआरएस और एआईएमआईएम के लिए जहाँ अपनी सीटों को बचाए रखना महत्वपूर्ण होगा, वहीँ बीजेपी दावा कर रही है कि उसने राज्य की राजधानी में अपने आधार का विस्तार किया है जबकि कांग्रेस अपनी पुनर्वापसी की ओर निगाहें जमाये हुए है। अब चूँकि टीडीपी के प्रमुख नेताओं और कार्यकर्ताओं में से कईयों ने पाला बदलकर टीआरएस और बीजेपी में शामिल हो चुके हैं, और इस बात को ध्यान में रखते हुए कि आंध्रप्रदेश के विभाजन के बाद से तेलंगाना की राजनीति में इसकी भूमिका बेहद मामूली रहने वाली है, इसके पिछले वोट बैंक के अन्य दलों में खिसक जाने की उम्मीद है।  

बीजेपी ने जीएचएमसी चुनावों में अपने राष्ट्रीय सचिव भूपेन्द्र यादव को चुनाव प्रभारी के तौर पर नियुक्त किया है। इसके नेताओं का कहना है कि वे इस बारे में आश्वस्त हैं कि हाल ही में हुए डुब्बक उप-चुनाव के समान ही उनका प्रदर्शन यहाँ पर भी अच्छा रहने वाला है, जहाँ उनके उम्मीदवार रघुनंदन ने टीआरएस को 1,000 से अधिक मतों से हराकर जीत दर्ज की थी।

वहीँ दूसरी ओर कांग्रेस, जिसकी जीएचएमसी में लंबे अर्से तक अच्छी-खासी मौजूदगी रहा करती थी, ने इस बात का दावा किया है कि वह इन अहम चुनावों के जरिये पार्टी को पुनर्जीवित करने जा रही है।

सीपीआई (एम) के नरसिंहा राव के अनुसार वाम दलों में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) और सीपीआई (एम) ने चुनिन्दा क्षेत्रों में एकजुट होकर लड़ने का फैसला लिया है। इन दलों और इनसे सम्बद्ध जन संगठनों की हैदराबाद में बड़े पैमाने पर सदस्य संख्या है।

जीएचएमसी में आई हालिया बाढ़ और बाद में चलाए गये राहत अभियानों को लेकर जहाँ विपक्षी पार्टियों द्वारा आलोचना की जा रही है, वहीँ टीआरएस के नेतृत्व वाली सरकार ने बाढ़ से प्रभावित परिवारों में से प्रत्येक परिवार को 10,000 रूपये राहत के तौर पर दिए जाने की घोषणा की है। इस मद में से 470 करोड़ रुपये की धनराशि पहले ही वितरित की जा चुकी है, और जिन लोगों को यह राशि अभी तक हासिल नहीं हो सकी है, उन्हें सरकार अब मी सेवा केन्द्रों पर आवेदन के लिए कह रही है।

जीएचएमसी चुनावों के नतीजों को राज्य के जनादेश को प्रकट करने के तौर पर माना जाता है क्योंकि राज्य के सभी हिस्सों के लोग यहाँ पर आकर बसे हुए हैं।

अंग्रेजी में प्रकाशित मूल लेख पढ़ने  के लिए इस लिंक पर क्लिक करें

Hyderabad Local Polls on Dec 1: Pandemic, Floods Management Crucial Issues

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