Skip to main content
xआप एक स्वतंत्र और सवाल पूछने वाले मीडिया के हक़दार हैं। हमें आप जैसे पाठक चाहिए। स्वतंत्र और बेबाक मीडिया का समर्थन करें।

महंगाई: सोना हुआ ऑल टाइम हाई, तोड़े सारे रिकॉर्ड, 20% तक उछाल से पहुंचा 64 हजार पार

"महंगाई की दौड़ में सोना (gold) भी पीछे नहीं रहा। दिसंबर के पहले हफ्ते सोना अपने ऑल टाइम हाई पर जा पहुंचा। वैसे तो पिछले दो महीने में ही सोने की कीमतों में तकरीबन 15 फीसदी की तेजी आई है लेकिन इस हफ्ते तो सारे रिकॉर्ड ही तोड़ डाले और प्रति 10 ग्राम सोना 64 हजार के पार तक जा पहुंचा।"
gold

बिजनेस स्टैंडर्ड की खबर के अनुसार, ग्लोबल कीमतों में रिकॉर्डतोड़ तेजी के बीच घरेलू बाजार में यह सप्ताह खासकर 4 दिसंबर का दिन गोल्ड के लिए बेहद शानदार रहा। क्या स्पॉट क्या फ्यूचर हर जगह सोने की कीमतों ने रिकॉर्ड बनाया। ग्लोबल मार्केट में कीमतें पहली बार 2,100 डॉलर प्रति औंस के ऊपर गईं। वहीं घरेलू फ्यूचर मार्केट में पहली बार 64 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर को पार कर गई। घरेलू स्पॉट मार्केट में भी सोना पहली बार 63 हजार के आगे निकला।

सोने और चांदी की कीमतों में लगातार बदलाव देखने को मिल रहा है। शादियों के सीजन में सोना और चांदी दिनों दिन महंगा ही होता हुआ चला जा रहा है। शादियों के सीजन में सबसे ज्यादा सोने और चांदी की ही खरीदारी होती है, यहीं वजह है कि गोल्ड की डिमांड अचानक से ही बढ़ जाती है।

बिजनेस डेली 'बीएस' के अनुसार, ग्लोबल कीमतों में रिकॉर्ड तोड़ तेजी के बीच घरेलू बाजार में 4 दिसंबर का दिन गोल्ड के लिए बेहद शानदार रहा। क्या स्पॉट क्या फ्यूचर हर जगह सोने की कीमतों ने रिकॉर्ड बनाया। ग्लोबल मार्केट में कीमतें पहली बार 2,100 डॉलर प्रति औंस के ऊपर गई। वहीं घरेलू फ्यूचर मार्केट में पहली बार 64 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर को पार कर गई। घरेलू स्पॉट मार्केट में भी सोना पहली बार 63 हजार के आगे निकला। यूएस फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल के पिछले शुक्रवार को आए बयान के बाद यूएस डॉलर इंडेक्स और यूएस बेंचमार्क बॉन्ड यील्ड में देखी जा रही गिरावट की वजह से ग्लोबल मार्केट में जबरदस्त तेजी आई। पॉवेल से पहले भी फेड के कुछ अधिकारियों की तरफ से ऐसे ही बयान आ चुके हैं। 

घरेलू फ्यूचर मार्केट में सोमवार को एमसीएक्स (MCX) पर सोने की कीमतों ने लगातार 5वें कारोबारी दिन रिकॉर्ड बनाया। इंट्राडे ट्रेडिंग में बेंचमार्क फरवरी फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट बढ़कर 64,063 रुपये प्रति 10 ग्राम के न्यू ऑल टाइम हाई पर पहुंच गया। पिछले कारोबारी सत्र (1 दिसंबर) में इसने 63,382 रुपये का हाई बनाया था। अप्रैल कॉन्ट्रैक्ट तो इससे भी आगे जाकर आज 64,450 रुपये प्रति 10 ग्राम के रिकॉर्ड हाई तक पहुंच गया। इससे पहले MCX पर सोने का बेंचमार्क फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट 5 अक्टूबर को 56,075 रुपये प्रति 10 ग्राम तक नीचे चला गया था। इस तरह से देखें तो पिछले दो महीने में कीमतों में तकरीबन 15 फीसदी की तेजी आई है।

घरेलू स्पॉट मार्केट

हाजिर (स्पॉट) बाजार में भी सोने की कीमत अपने उच्चतम स्तर को छू गई। Indian Bullion and Jewellers Association (IBJA) के अनुसार सोना 24 कैरेट (999), 4 दिसंबरको 553 रुपये की मजबूती के साथ 63281 रुपये प्रति 10 ग्राम की नई ऊंचाई पर देखा गया। पिछले महीने के अंत (31 अक्टूबर) में सोना 24 कैरेट (999) 61,370 रुपये प्रति 10 ग्राम दर्ज किया गया था। जबकि अक्टूबर की शुरुआत में यह 56,500 के स्तर पर था। इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) की वेबसाइट के मुताबिक, 10 ग्राम सोना 862 रुपए महंगा होकर 62,775 रुपए बिका। इससे एक दिन पहले भी सोने ने अपना ऑल टाइम हाई बनाया था। तब इसकी कीमत 61,913 रुपए प्रति 10 ग्राम थी।

सोने और चांदी की कीमतों में लगातार बदलाव देखने को मिल रहा है। जी हां, शादियों के सीजन में सोना और चांदी दिनोंदिन महंगा ही होता हुआ चला जा रहा है। शादियों के सीजन में सबसे ज्यादा सोने और चांदी की ही खरीदारी होती है, यहीं वजह है कि गोल्ड की डिमांड अचानक से ही बढ़ जाती है। देखा जाए तो इस हफ्ते 10 ग्राम की औसत कीमत 63,000 रुपये के आसपास है। 24 कैरेट वाले सोने की कीमत 62,780 रुपये प्रति 10 ग्राम है, जबकि 22 कैरेट वाले गोल्ड की कीमत 57,550 रुपये प्रति 10 ग्राम है। आज चांदी की कीमत 77,200 रुपये प्रति किलोग्राम है।

Ibj की अधिकारिक वेबसाइट ibjarates.com के मुताबिक, बुधवार को 995 शुद्धता वाले सोने की कीमत 62036 रुपये प्रति 10 ग्राम दर्ज की गई है। जबकि, 916 (22 कैरेट) प्योरिटी वाले सोने के दाम 57,053 रुपये प्रति 10 ग्राम है। 750 (18 कैरेट) प्योरिटी वाला गोल्ड 46714 रुपये प्रति 10 ग्राम है। वहीं, 585 (14 कैरेट) प्योरिटी वाला सोना आज 36437 रुपये प्रति 10 ग्राम पहुंच गया है। 

दिल्ली में क्या है सोने का भाव

राजधानी दिल्ली में 10 ग्राम 22 कैरेट सोने की कीमत 57,700 रुपये है, जबकि 24 कैरेट सोने की कीमत 62,930 रुपये है। मुंबई में 10 ग्राम 22 कैरेट सोने की मौजूदा कीमत 57,550 रुपये दर्ज किया गया है, जबकि 24 कैरेट सोने की कीमत 62,780 रुपये है। चेन्नई में 10 ग्राम 22 कैरेट सोने की कीमत 58,200 रुपये है, जबकि 24 कैरेट सोने की कीमत 63,490 रुपये है। जयपुर में 22 कैरेट सोने की मौजूदा कीमत 57,700 रुपये प्रति 10 ग्राम है, जबकि 24 कैरेट सोने की कीमत 62,930 रुपये है। पटना में 22 कैरेट सोने की मौजूदा कीमत 57,600 रुपये प्रति 10 ग्राम दर्ज किया गया है, जबकि 24 कैरेट सोने की कीमत 62,830 रुपये है। जबकि कोलकाता में 22 कैरेट सोने की कीमत 57,550 रुपये है, जबकि 24 कैरेट सोने की कीमत 62,780 रुपये प्रति 10 ग्राम है।

अंतरराष्ट्रीय मार्केट की बात करें तो वहां भी इस हफ्ते सोना अपने उच्चतम स्तर पर दिखा। स्पॉट गोल्ड 4 दिसंबर के कारोबार में बढ़कर 2,135.39 डॉलर प्रति औंस की रिकॉर्ड ऊंचाई तक चला गया। स्पॉट गोल्ड इसी साल 5 मई को 2,072.19 डॉलर प्रति औंस की ऊंचाई तक पहुंच गया था। इससे पहले 2020 में इसने 2,072.49 का ऑल टाइम हाई बनाया था। इसी तरह यूएस फरवरी गोल्ड फ्यूचर्स भी आज 2,152.30 की रिकॉर्ड ऊंचाई तक जा पहुंचा।  यूएस गोल्ड फ्यूचर्स इसी साल 5 मई को 2,085.40 की ऊंचाई तक जा पहुंचा था। जबकि अगस्त 2020 में इसने 2,089.2 का  रिकॉर्ड  हाई बनाया था।

क्या है प्रमुख कारण

विशेषज्ञ सोने में तेजी के प्रमुखत: पांच कारण बताते है। इनमे ग्लोबल मार्केट में भारी उतार-चढ़ाव, 2024 में दुनियाभर में मंदी की आशंका, डॉलर इंडेक्स में कमजोरी और दुनियाभर के केंद्रीय बैंकों का सोना खरीद करना है। थोड़ा गहराई से बात करें तो...

इजरायल पर हमास के हमले से ठीक एक दिन पहले यानी 6 अक्टूबर को इंटरनेशनल मार्केट में स्पॉट गोल्ड 1,809.50 डॉलर प्रति औंस के अपने 7 महीने के निचले स्तर तक चला गया था। इस तरह अक्टूबर की शुरुआत से इंटरनेशनल मार्केट में गोल्ड 18 फीसद मजबूत हुआ है। गोल्ड पर कोई इंटरेस्ट/यील्ड नहीं मिलता इसलिए अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में गिरावट से सोना निवेश के दृष्टिकोण से ज्यादा आकर्षक हो जाता है और येलो मेटल की कीमतों में तेजी आती है। वहीं डॉलर में कमजोरी अन्य करेंसी में गोल्ड की कीमत को बढ़ा देती है। 10 वर्षीय अमेरिकी ट्रेजरी बॉन्ड पर यील्ड फिलहाल 3 महीने के निचले स्तर पर है। यूएस डॉलर इंडेक्स में भी पिछले 3 हफ्तों से लगातार गिरावट देखी गई है। नवंबर का महीना तो पिछले एक साल में प्रदर्शन के लिहाज से सबसे खराब रहा। जब यूएस डॉलर इंडेक्स में 3 फीसदी से ज्यादा की कमजोरी आई।

ग्लोबल लेवल पर महंगाई दर के ऊंची बने रहने और वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुस्ती की वजह से भी सोने को सपोर्ट मिल रहा है। वहीं भू-राजनीतिक तनाव खासकर इजरायल और हमास के बीच जारी सैन्य संघर्ष के मद्देनजर निवेश के सुरक्षित विकल्प के तौर पर येलो मेटल की मांग बढ़ गई है। इतना ही नहीं सोने में इन्वेस्टमेंट डिमांड को लेकर भी स्थिति बेहतर हुई है। ताजा आंकड़ों के मुताबिक दुनिया के सबसे बड़े गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड में नवंबर के दौरान 1 बिलियन डॉलर का नेट/शुद्ध निवेश हुआ। मार्च 2022 के बाद इस फंड में यह सबसे ज्यादा निवेश है। इससे पहले लगातार 5 महीने इस फंड से निकासी देखने को मिली थी। इसके अलावा केंद्रीय बैंकों (Central Banks) की तरफ से सोने की लगातार हो रही खरीदारी ने भी कीमतों को एक हद तक सपोर्ट किया है।

वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक मौजूदा कैलेंडर ईयर की तीसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) के दौरान केंद्रीय बैंकों की तरफ से नेट 337.1 टन सोने की खरीद की गई। तीसरी तिमाही के दौरान सोने की खरीदारी का यह दूसरा सबसे बड़ा रिकॉर्ड है। इससे पहले तीसरी तिमाही के दौरान सबसे ज्यादा खरीदारी केंद्रीय बैंकों की तरफ से पिछले कैलेंडर ईयर (2022) के दौरान की गई थी। पिछले कैलेंडर ईयर की समान तिमाही के दौरान रिकॉर्ड 459 टन नेट सोने की खरीद की गई थी। यदि साल के कुल 9 महीनों की बात करें तो इस दौरान केंद्रीय बैंकों की खरीद बढ़कर 800 टन तक जा पहुंची है। यदि भारतीय रुपया डॉलर की तुलना में आगे कमजोर होता है तो घरेलू बाजार में सोने की कीमतों में तेजी अंतरराष्ट्रीय कीमतों के मुकाबले ज्यादा रह सकती है क्योंकि भारतीय रुपये में कमजोरी से सोना आयात करना और महंगा हो जाता है।

एक साल में 9500 रुपये महंगा हुआ सोना

बाजार की अनिश्चितता और महंगाई से सुरक्षा के लिए निवेशक हमेशा से ही सोना और चांदी में निवेश करते रहे हैं। भारत जैसे देश में सोना निवेश का सबसे विश्वसनीय विकल्प है। यही वजह है मौजूदा अनिश्चितता वाले आर्थिक माहौल में सोने ने तेजी के सभी रिकॉर्ड ब्रेक तोड़ दिए हैं। सोना पहली बार 61-62 हजार रुपए की सीमा को पार कर गया है। सोने के भाव में एक साल में करीब 9500 रुपये की तेजी आ चुकी है। निवेशकों के बीच इस समय सबसे ज्यादा सवाल किया जा रहा है कि इतना महंगा होने के बाद भी क्‍या सोने में अब भी निवेश की संभावना बनी हुई है। बाजारों में अनिश्चितता अब भी कायम है, महंगाई का स्तर उच्च स्तर पर बना हुआ है। इसके साथ ही भू-राजनीतिक स्थतियां लगातार तनाव बढ़ाने पाली हैं।

इस साल और बढ़ सकते है रेट, सोना हो सकता है 65 हजार पार

सोने में निवेशकों को बीते एक साल में जमकर रिटर्न दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 1 साल के दौरान सोना 51,500 रुपये से बढ़कर करीब 61000 रुपये प्रति 10 ग्राम के पार तक जा पहुंचा। यानी हर 10 ग्राम के निवेश पर सिर्फ 1 साल में 9500 रुपये का यानी 20 फीसदी का रिटर्न मिला है। असल में इस दौरान सोना जहां महंगाई के खिलाफ हेजिंग के रूप में डिमांड में रहा है, वहीं बाजार की अनिश्चितता में यह सेफ हैवन साबित हुआ है। वर्तमान में ग्‍लोबली आर्थिक वातावरण अनिश्चितता से भरा है और रिजर्व करेंसी के रूप में अमेरिकी डॉलर की स्थिति को चुनौती दी जा रही है। यह स्थिति निवेशकों के लिए सोने को एक आकर्षक विकल्प के रूप में स्थापित करती है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि 2023 के अंत तक सोना 65,000 के स्तर की ओर बढ़ सकता है। इसलिए किसी पोर्टफोलियो में सोने का एक बैलेंस वेटेज होना जरूरी है, जिसे समय-समय पर बढ़ाया भी जा सकता है। अभी की बात करें तो एमसीएक्स या भारतीय बुलियन मार्केट में, सोने की कीमतें पहले से ही हाई लेवल पर हैं, लेकिन फिलहाल जो स्थितियां दिखाई दे रही हैं, उसमें तेजी का ट्रेंड आगे भी जारी रहने वाला है।

आगे भी जारी रहेगा सोने में तेजी का दौर

अमेरिकी सेंट्रल बैंक यूएस फेडरल रिजर्व इस साल की दूसरी छमाही से पहले अपनी एग्रेसिव मॉनेटरी पॉलिसी के रुख को खत्‍म कर सकता है। साल 2000 में जब फेडरल रिजर्व ने ब्‍याज दरों पर पॉज लगाया था, तब सोने की कीमत में 55 फीसदी की ग्रोथ दर्ज की गई थी, वहीं जब 2006 में पॉज लगा तो सोना 230 फीसदी चढ़ गया था। ध्यान देने की बात है कि जब-जब पाज लगाया, तो सोने के दामों में तेजी आई। फेडरल रिजर्व ने 2008 में पॉज लगाया था तब सोने में 70 फीसदी तेजी दर्ज की गई थी। इस बार भी अमेरिकी फेडरल रिजर्व पॉज लगाने जा रहा है, पिछले अनुभवों से सबक लेते हुए माना जा रहा है कि आगे भी सोने के दामों में तेजी आने की उम्‍मीद है। आगे ब्‍याज दरों में कटौती की भी संभावना है, जिसका मतलब है कि वास्तविक ब्याज दरें कम रहेंगी, जिससे सोने के लिए एक आकर्षक वातावरण तैयार होगा। इस मौद्रिक नीति परिवर्तन के दौरान बाजार में अस्थिरता बढ़ेगी, लेकिन सोना एक एंकर के रूप में काम कर सकता है इस लिए इसके दाम अग्रगामी बने रहने वाले हैं।

केंद्रीय बैंक भी बढ़ा रहे सोने का रिजर्व

सोने के भाव में लगातार तेजी की एक वजह केंद्रीय बैंकों की लगातार खरीदारी भी है। केंद्रीय बैंक अनिश्चितता के दौर में सोने का रिजर्व बढ़ा रहे हैं, क्‍योंकि सोना, मुद्रा की तरह ही एक बेहद सुरक्षित और लिक्विड एसेट है जो डाइवर्सिफिकेशन का लाभ देता है। पिछले साल वैश्विक केंद्रीय बैंकों ने रिकॉर्ड 1136 टन सोना खरीदा था। इस साल अब तक, केंद्रीय बैंकों ने 125 टन सोना खरीदा है, जो एक दशक से भी अधिक समय में एक साल की सबसे मजबूत शुरुआत है। यह ट्रेंड आगे भी जारी रहने का अनुमान है और सेंट्रल बैंकों की ओर से लगातार की जाने वाली मांग से बाजार में सोने को सपोर्ट मिलेगा। हाल के दिनों में कोरोना महामारी की वापसी होती दिख रही, रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध जारी है, अन्य भूराजनीतिक दबावों ने दुनिया में कारोबारी गतिविधियों पर दबाव बनाया है। कमोडिटी की कीमतों में उछाल, करेंसी वार, महंगाई में बढ़ोतरी आदि के चलते 2022 में कई अर्थव्यवस्थाओं में मंदी के हालात बन गए थे। दुनिया इनके प्रभावों से अब तक मुक्त नहीं हो सकी है। यही वजह है कि आम निवेशकों के साथ-साथ बैंकिंग संस्थानों ने भी सोने में निवेश को प्रोत्साहित किया है।

गोल्ड ईटीएफ भी निवेश का एक बेहतरीन विकल्‍प

एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड्स (ईटीएफ): जो लोग असली सोना और चांदी रखने की परेशानी से बचना चाहते हैं, उनके लिए सबसे बेहतर विकल्प गोल्‍ड ईटीएफ है। मार्च में ग्‍लोबली गोल्ड ईटीएफ में 32 टन का शुद्ध फ्लो रहा है। मार्च के अंत तक, सभी गोल्ड ईटीएफ का कुल एयूएम 10 फीसदी बढ़कर 220 अरब डॉलर हो गया था। वर्ल्‍ड गोल्‍ड काउंसिल यानी डब्ल्यूजीसी के अनुसार ग्‍लोबल लेवल पर हाई लेवल की महंगाई के चलते निवेशक अपने धन की सुरक्षा के चलते भी सोने में निवेश को प्राथमिकता दे रहे हैं। भारत में सोने के निवेश के दो सबसे आम तरीके हैं। कोई सोने का आभूषण खरीदता है या कोई बाजार से सोने का सिक्का घर में लाकर रखता है। लेकिन गोल्ड ईटीएफ में सोने में निवेश करने का सबसे सुरक्षित और सबसे किफायती तरीका है। ऐसा इसलिए, क्योंकि फिजिकल गोल्ड में कई अशुद्धियां भी हो सकती हैं, लेकिन गोल्ड ईटीएफ में ऐसा नहीं होता है, क्योंकि यह आपको बिना फिजिकल फॉर्म में गोल्ड को रखे, आपको निवेश करने का मौका देता है। एक गोल्ड ईटीएफ यूनिट एक ग्राम सोने के बराबर होती है। गोल्ड ईटीएफ का कारोबार नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) पर होता है।

HDFC सिक्योरिटीज के कमोडिटी और करेंसी हेड अनुज गुप्ता ने कहा कि शेयर बाजार में जारी उतार-चढ़ाव के कारण सोने को सपोर्ट मिल रहा है। इसके चलते अगले एक साल में ये सोना 65 से भी ऊपर या यूं कहे कि 67 हजार रुपए प्रति 10 ग्राम तक जा सकता है।

चांदी भी चमकी, बढ़ती महंगाई से सोने को सर्पोट

चांदी भी 76 हजार पर पहुंची चांदी
वहीं चांदी में भी आज शानदार तेजी देखने को मिली है। ये 811 रुपए महंगी होकर 75ए700 रुपए प्रति किलो ग्राम पर पहुंच गई है। इससे पहले ये 74,889 रुपए पर थी। इस महीने अब तक चांदी 5 हजार महंगी हुई है।

नवंबर में भी सोने-चांदी में रही बढ़त

देखा जाए तो नवंबर माह में अब तक सोने-चांदी के दाम में बढ़त देखने को मिली है। 1 नवंबर को सोने के दाम 60,896 रुपए थे, जो नवंबर लास्ट यानी 29 नवंबर को 62,629 रुपए प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गए हैं। वहीं चांदी की कीमत अब तक इस महीने 4,875 रुपए बढ़ी है। यह नवंबर के पहले दिन 70,825 रुपए पर थी, जो अब 75,700 रुपए प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई है।

सोना खरीदने से पहले 4 बातों का रखें ध्यान

दैनिक भास्कर आदि मीडिया रिपोर्ट्स और विशेषज्ञों के अनुसार, सोना खरीदने से पहले इन 4 बातों का ध्यान रखें। 

1. सर्टिफाइड गोल्ड ही खरीदें
हमेशा ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (BIS) का हॉलमार्क लगा हुआ सर्टिफाइड गोल्ड ही खरीदें। जैसे आधार कार्ड पर 12 अंकों का कोड होता है, उसी तरह से सोने पर 6 अंकों का हॉलमार्क कोड होता। इसे हॉलमार्क यूनीक आइडेंटिफिकेशन नंबर यानी HUID कहते हैं। ये नंबर अल्फान्यूमेरिक यानी कुछ इस तरह से हो सकता है- AZ4524। हॉलमार्किंग के जरिए ये पता करना संभव हो गया है कि कोई सोना कितने कैरेट का है।

2. कीमत क्रॉस चैक करें
सोने का सही वजन और खरीदने के दिन उसकी कीमत कई सोर्सेज (जैसे इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन की वेबसाइट) से क्रॉस चेक करें। सोने का भाव 24 कैरेट, 22 कैरेट और 18 कैरेट के हिसाब से अलग-अलग होता है। 24 कैरेट सोने को सबसे शुद्ध सोना माना गया है, लेकिन इसकी ज्वेलरी नहीं बनती, क्‍योंकि वो बेहद मुलायम होता है। आमतौर पर ज्वेलरी के लिए 22 कैरेट या इससे कम कैरेट सोने का इस्तेमाल किया जाता है।

कैरेट के हिसाब से ऐसे चैक करें कीमत: मान लीजिए 24 कैरेट सोने का दाम 60 हजार रुपए प्रति 10 ग्राम है। यानी एक ग्राम सोने की कीमत हुई 6000 रुपए। ऐसे में 1 कैरेट शुद्धता वाले 1 ग्राम सोने की कीमत हुई 6000/24 यानी 250 रुपए। अब मान लीजिए आपकी ज्वेलरी 18 कैरेट शुद्ध सोने से बनी है तो 18x250 यानी इसकी कीमत 4,500 रुपए प्रति ग्राम हुई। अब आपकी ज्वेलरी जितने भी ग्राम की है उसमें 4,500 रुपए का गुणा करके सोने की सही कीमत निकाली जा सकती है।

3. कैश पेमेंट न करें, बिल लें
सोना खरीदते वक्त कैश पेमेंट की जगह UPI और डिजिटल बैंकिंग के जरिए पेमेंट करना अच्छा रहता है। आप चाहें तो डेबिट या क्रेडिट कार्ड के माध्यम से भी पेमेंट कर सकते हैं। इसके बाद बिल लेना न भूलें। यदि ऑनलाइन ऑर्डर किया है तो पैकेजिंग जरूर चेक करें।

4. रीसेलिंग पॉलिसी जान लें
कई लोग सोने को निवेश की तरह देखते हैं। ऐसे में जरूरी है कि आपको सोने की रीसेल वैल्यू के बारे में पूरी जानकारी हो। साथ ही संबंधित ज्वेलर की बायबैक पॉलिसी पर भी स्टोर कर्मचारियों से बातचीत कर लें।

साभार : सबरंग 

अपने टेलीग्राम ऐप पर जनवादी नज़रिये से ताज़ा ख़बरें, समसामयिक मामलों की चर्चा और विश्लेषण, प्रतिरोध, आंदोलन और अन्य विश्लेषणात्मक वीडियो प्राप्त करें। न्यूज़क्लिक के टेलीग्राम चैनल की सदस्यता लें और हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित हर न्यूज़ स्टोरी का रीयल-टाइम अपडेट प्राप्त करें।

टेलीग्राम पर न्यूज़क्लिक को सब्सक्राइब करें

Latest