Skip to main content
xआप एक स्वतंत्र और सवाल पूछने वाले मीडिया के हक़दार हैं। हमें आप जैसे पाठक चाहिए। स्वतंत्र और बेबाक मीडिया का समर्थन करें।

इज़राइल ने अल-शिफ़ा अस्पताल को नष्ट करके गज़ा की स्वास्थ्य व्यवस्था को किया तहस-नहस 

गज़ा में स्वास्थ्य सेवा सुविधा के ख़िलाफ़ किए गए नए क्रूर हमलों के बाद, इसमें कोई संदेह नहीं है कि इज़राइल गज़ा पट्टी में बचे पूरे के पूरे स्वास्थ्य व्यवस्था के बुनियादी ढांचे को नष्ट करने को तैयार है।
Al
हाल ही की दो सप्ताह की इजराइली घेराबंदी के बाद अल शिफा अस्पताल का दृश्य।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा कि गज़ा में अल-शिफ़ा अस्पताल को नष्ट करके, इजराइली सशस्त्र बलों ने गज़ा की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को तहस-नहस कर दिया है। 1 अप्रैल को, इज़राइली सैनिकों ने दो सप्ताह की घेराबंदी के बाद पट्टी के सबसे बड़े अस्पताल परिसर को तबाह कर दिया है, जिसके दौरान उन्होंने मरीजों और स्वास्थ्य कर्मियों को आतंकित किया, अस्पताल उपकरणों को नष्ट कर दिया और सैकड़ों लोगों को मार डाला।

चिकित्सक और एकजुटता कार्यकर्ता मैड्स गिल्बर्ट ने कहा कि, अल-शिफ़ा को "बेहतर स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने का घर" बनाने के इरादे से बनाया गया था, बावजूद इसके यह इजराइली कब्जे वाले बलों (आईओएफ) के हमलों के बाद "मौत के घर" में तब्दील हो गया है। एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने कहा कि अल-शिफ़ा के साथ जो किया गया वह "फ़िलिस्तीनी लोगों, उनके सामाजिक संस्थानों और उनके जीवन को खत्म करने के लक्ष्य के साथ औपनिवेशिक कब्जे की हृदयहीन, निंदक इजराइली राजनीति का एक सबसे बड़ा प्रतीक है।"

पिछले हफ़्तों में अल-शिफ़ा में मारे गए लोगों में, जिनके शव आईओएफ के जाने के बाद खोजे गए थे, उनमें और भी अधिक स्वास्थ्य कर्मी मिले हैं। उनमें से एक, प्लास्टिक सर्जन अहमद मक़ादमेह का शव था, जो स्वास्थ्य सेवा के एक ऐसे घायालों के लिए काम करते थे, जो इज़रायली हमलों के बाद फ़िलिस्तीनियों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए महत्वपूर्ण था। सर्जन घासन अबू-सिट्टा ने डेमोक्रेसी नाउ के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि मक़ादमेह और उसकी मां को तब मार डाला गया जब वे अल-शिफ़ा छोड़ने की कोशिश कर रहे थे। 

स्वास्थ्य कर्मियों को निशाना बनाना गज़ा पर हालिया इजराइली युद्ध का सबसे बड़ा क्रूर हमला रहा है। 7 अक्टूबर के बाद से लगभग 400 स्वास्थ्य कर्मी मारे गए हैं, और सैकड़ों अन्य को हिरासत में लिया गया है या उन्हें गिरफ्तार किया गया है। घिरे समूहों के बीच स्वास्थ्य कर्मी का चयन करने और उन्हें अपमान और यातना देने का आईओएफ का तरीका कर्मचारियों और रोगियों दोनों को अच्छी तरह से पता है।

बाल रोग विशेषज्ञ तान्या हज-हसन ने कहा कि, हाल ही में गज़ा में चिकित्सा मिशनों से लौटे अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य कर्मियों की रिपोर्ट में स्वास्थ्य कर्मियों को "अपनी वर्दी को बदलने या नागरिकों द्वारा उन्हें अपनी वर्दी को बदलने के लिए कहा जाता है तब, जब वे पकड़े जाने के डर से भाग रहे होते हैं। हमने नागरिकों को स्वास्थ्य कर्मियों को अपने कपड़े देने को कहा ताकि वे अपनी वर्दी पहने हुए न दिखें क्योंकि हम जानते हैं कि इस विशेष युद्ध में स्वास्थ्य कर्मियों को व्यवस्थित रूप से लक्षित किया गया है।"

आईओएफ ने अल-शिफा में लोगों, स्वास्थ्य कर्मियों और मरीजों पर जो शारीरिक हिंसा की, उसके समान ही घेराबंदी के कारण हजारों लोग पोषण और स्वच्छता खराब स्थिति का सामना कर रहे हैं। एक समय आया जब स्वास्थ्य कर्मियों को अस्पताल में भर्ती मरीजों को भोजन और शौचालय की सुविधा के बिना किसी एक कमरे में ले जाने के लिए मजबूर होना पड़ा। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, मरीजों को उनमें से 15 लोगों के बीच पानी की एक बोतल साझा करने के लिए मजबूर किया गया था।

मानवीय मिशनों पर इज़राइली नाकेबंदी के कारण भोजन की लगातार कमी का प्रभाव दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। यूनिसेफ के अधिकारियों के हालिया बयानों के अनुसार, गज़ा में अकाल पड़ने का डर अब सिर्फ एक चिंता का विषय नहीं है, बल्कि इसकी शुरुआत भी हो चुकी है।

एक अनिश्चित भविष्य के साथ पैदा होते बच्चे 

विशेषकर उत्तरी इलाकों में बच्चों की कुपोषण से मृत्यु हो रही है। डब्ल्यूएचओ ने चेतावनी दी है कि कुछ अस्पताल अभी भी स्वास्थ्य सेवा के आंशिक प्रावधान को जारी रखने में सक्षम हैं, वहां बहुत कम वजन वाले शिशुओं के जन्म की संख्या बढ़ रही है, जिसके परिणामस्वरूप उनमें से कई की मृत्यु हो रही है। बच्चों की पोषण स्थिति उनकी माताओं की पोषण स्थिति के साथ घनिष्ठ रूप से जुड़ी हुई है, जिनमें नवीनतम हमलों की शुरुआत से पहले ही एनीमिया की दर बहुत अधिक थी, साथ ही शिशु फार्मूला फूड की भी कमी थी।

डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स (एमएसएफ) के बाल रोग विशेषज्ञ और फ़िलिस्तीन कार्यक्रम प्रबंधक अंबर अलय्यान ने पहले छोटे बच्चों के कुपोषण, माताओं के पोषण की स्थिति और इजराइली नाकाबंदी के बीच अंतरसंबंध के बारे में बताया। “उन बच्चों को स्तनपान कराने की ज़रूरत है। यदि उन्हें स्तनपान नहीं कराया जा सकता है, तो उन्हें फार्मूला फूड की आवश्यकता होती है। फॉर्मूला फूड पाने के लिए आपको साफ पानी चाहिए। इनमें से कोई भी चीज़ संभव नहीं है।”

फिलहाल, परिवार अपने बच्चों के लिए उपलब्ध एकमात्र विकल्प, जिसमें रूमाल में खजूर निचोड़ कर बच्चों के खाने के लायक बनाना भी शामिल है, का सहारा ले रहे हैं। इससे न केवल सीधे तौर पर भूख से मरने वाले बच्चों का अल्पकालिक जोखिम होता है, बल्कि यह निश्चित रूप से दीर्घकालिक रूप से बच्चों के स्वास्थ्य की स्थिति को कमजोर करेगा। डॉ. अलय्यान ने उस समय कहा था कि उन्हें न केवल मधुमेह और उच्च रक्तचाप होने का खतरा होगा, बल्कि भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक परिणाम भी होंगे।

बच्चों के खिलाफ युद्ध

जैसा कि अक्टूबर की शुरुआत से बताया गया है कि गज़ा पर नवीनतम इजराइली युद्ध स्पष्ट रूप से बच्चों के खिलाफ़ युद्ध है। भूख से मरने के अलावा, गज़ा पट्टी में बच्चे अत्यधिक शारीरिक आघात से भी पीड़ित हो रहे हैं। डॉ. अबू-सिताह द्वारा उपलब्ध कराए गए अनुमान के अनुसार 4,000 से 5,000 से अधिक बच्चे अब इजराइली हमलों के कारण विकलांगता के साथ जी रहे हैं। अबू-सित्ता ने चेतावनी दी, "यह सर्जरी, विकलांगता और विकृति के परिणामस्वरूप मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ने वाले आघात का एक आजीवन खतरा है।"

तान्या हज-हसन ने डेमोक्रेसी नाउ से कहा कि, “मुझे एक घटना याद है जहां हमें एक युवा लड़का मिला जिसका चेहरा आंशिक रूप से घायल हो गया था, और हम उसकी देखभाल कर रहे थे जबकि बगल के बिस्तर पर उसकी बहन की देखभाल कर रहे थे। उसकी बहन का शरीर 96 फीसदी जल चुका था। उनके माता-पिता और उनके अन्य सभी भाई-बहन उसी हमले में मारे गए थे।'' 

अगर आज युद्धविराम लागू भी कर दिया जाए, तो भी बच्चों के स्वास्थ्य पर इज़राइली हमलों का प्रभाव अभूतपूर्व होगा। यह देखते हुए कि हमलों को रोकने का कोई भी मौका इज़राइली अधिकारियों रोक दिया जाता है, इस तरह की घटनाओं का और भी अधिक बढ़ना निश्चित है।

पीपल्स हेल्थ डिस्पैच, पीपल्स हेल्थ मूवमेंट और पीपल्स डिस्पैच द्वारा प्रकाशित एक पाक्षिक बुलेटिन है। 

साभार: पीपल्स डिस्पैच
 

अपने टेलीग्राम ऐप पर जनवादी नज़रिये से ताज़ा ख़बरें, समसामयिक मामलों की चर्चा और विश्लेषण, प्रतिरोध, आंदोलन और अन्य विश्लेषणात्मक वीडियो प्राप्त करें। न्यूज़क्लिक के टेलीग्राम चैनल की सदस्यता लें और हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित हर न्यूज़ स्टोरी का रीयल-टाइम अपडेट प्राप्त करें।

टेलीग्राम पर न्यूज़क्लिक को सब्सक्राइब करें

Latest