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इज़राइल के 'विनाशकारी युद्ध' में 5 महीनों में 30,000 फ़िलिस्तीनी मारे गए

ग़ज़ा में इज़राइल की बमबारी और जमीनी हमले लगातार जारी हैं, जबकि भूख और बीमारी से 20 लाख से अधिक लोग प्रभावित हैं। दुनिया में फिर से नरसंहार का विरोध बढ़ता जा रहा है।
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ह्यूस्टन, टेक्सास में इज़राइली वाणिज्य दूतावास भवन के बाहर एरोन बुशनेल को लेकर प्रदर्शन करते कार्यकर्ताओं की तस्वीर। फोटो: प्रेस्कॉट/उत्तर गठबंधन

गज़ा में नरसंहार युद्ध से पीछे हटने के लिए इज़राइल पर अंतरराष्ट्रीय दबाव लगातार बढ़ रहा है। सोमवार 26 फरवरी को, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने न्यूयॉर्क शहर में संवाददाताओं से कहा कि अस्थायी युद्धविराम के लिए इज़राइल और हमास के बीच एक समझौता जल्द ही हो सकता है और उन्होंने कहा, "मुझे उम्मीद है कि अगले सोमवार तक हम युद्धविराम करेंगे"। उसी दिन, बाइडेन ने टॉक शो होस्ट कर रहे सेठ मेयर्स से कहा था कि  इज़राइल "दुनिया भर में समर्थन" खोने का जोखिम उठा रहा है।

हालांकि अभी भी सरकार इज़राइल के प्रति पूर्ण समर्थन से पीछे नहीं हट रही है, लेकिन बाइडेन की टिप्पणियां एक अस्थायी युद्धविराम की तरफ मजबूत इशारा कर रही है और यहां तक कि संभवतः दोनों पक्षों के बीच बातचीत की वर्तमान स्थिति को गलत तरीके से पेश कर रही हैं, जो एक उल्लेखनीय बदलाव को दर्शा रही है। कई लोगों ने इस बदलाव को उस तीव्र घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय दबाव की प्रतिक्रिया माना है जिसका सामना वह इज़राइल के प्रति अपने अडिग समर्थन को लेकर कर रहे हैं। बाइडेन और उनके मंत्रिमंडल के साथ-साथ डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन पार्टियों के सांसदों को फ़िलिस्तीन समर्थक कार्यकर्ताओं का लगभग रोज विरोध का सामना करना पड़ रहा है, जिन्होंने मांग की है कि वे इज़राइल से समर्थन वापस लें और तत्काल युद्धविराम की मांग करें।

बाइडेन की टिप्पणियां भी अमेरिकी सैनिक एरोन बुशनेल के इजराइली नरसंहार पर अमेरिकी समर्थन के विरोध में वाशिंगटन डीसी में इजराइली दूतावास के सामने आत्मदाह करने के ठीक 24 घंटे बाद आईं है।

इजराइल का क्रूर हमला जारी है

इस बीच, इज़राइल ने पूरे इलाके में बमबारी और ज़मीनी हमले करना जारी रखा है। फ़िलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, 7 अक्टूबर से, इज़राइल ने 29,878 फ़िलिस्तीनियों को मार डाला है और 70,215 घायल हो गए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह भी बताया कि बच्चे पहले ही भूख से मर रहे हैं और अगर मानवीय सहायता तुरंत नहीं पहुंचाई गई तो यह संख्या बढ़ने वाली है। संयुक्त राष्ट्र के मानवीय मामलों के प्रमुख रमेश राजसिंघम ने 27 फरवरी को कहा था कि गज़ा में 576,000 लोग, यानी आबादी का 25 फीसदी तबका अकाल का सामना कर रहा है। 

इज़राइल ने 10 मार्च को रफ़ा पर आक्रमण की अपनी धमकी को वापस लेने से भी इनकार कर दिया है, जो कि पूर्व में एक सुरक्षित इलाका माना जाता है जहां पिछले कई महीनों से दस लाख से अधिक फ़िलिस्तीनियों ने शरण ले रखी है। इज़राइल की इस धमकी की अंतरराष्ट्रीय संगठनों और अधिकांश देशों ने व्यापक निंदा की है। यहां तक कि यूरोपीयन यूनियन में, जो इज़राइल का एक प्रमुख सहयोगी है, 27 सदस्य देशों में से 26 ने एक बयान पर हस्ताक्षर किए, जिसमें इज़राइल को गज़ा के दक्षिण में राफा पर योजनाबद्ध आक्रमण के खिलाफ चेतावनी दी गई और युद्धविराम का आह्वान किया गया है।

वेस्ट बैंक में भी फ़िलिस्तीनियों को, इज़राइली कब्ज़ा बलों के हमलों से कोई राहत नहीं मिली है। आईओएफ ने अपने सैन्य हमले बढ़ा दिए हैं, दर्जनों लोगों को मारना, घायल करना और गिरफ्तार करना जारी रखा हुआ है। इज़राइली बलों ने मंगलवार 27 फरवरी को तुबास शहर में एक छापे के दौरान तीन युवकों को मार डाला, जिससे 7 अक्टूबर से वेस्ट बैंक में इज़राइली बलों द्वारा मारे गए फ़िलिस्तीनियों की संख्या 409 हो गई है, जिनमें 108 बच्चे भी शामिल हैं। इस दौरान कब्जे वाले वेस्ट बैंक में 7,255 से अधिक फिलिस्तीनियों को भी गिरफ्तार किया गया है।

"वैश्विक प्रतिरोध और विरोध को बढ़ाना मानवता का कर्तव्य है" 

मंगलवार 27 फरवरी को जारी एक बयान में, वामपंथी फिलिस्तीनी प्रतिरोध समूह, पॉपुलर फ्रंट फॉर द लिबरेशन ऑफ फिलिस्तीन (पीएफएलपी) ने गज़ा पर इजरायल के हमले को "हमारे लोगों के खिलाफ विनाश का युद्ध" बताया है।

वाम समूह ने इस बात पर जोर दिया कि यह एक "अमेरिकी युद्ध" है जिसका उद्देश्य "हमारे लोगों के अधिकारों को तबाह करना है उनके अस्तित्व को नष्ट करना और विनाश की आग में झोंकना है और अधिकारों को छोड़ने पर मजबूर करना है"। समूह ने घोषणा की है कि, अमेरिकी सरकार और उसके सहयोगी यूरोप, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा ने "ज़ायोनी हत्या प्रणाली को मजबूत करने के लिए हथियारों की आपूर्ति की है और इसे राजनीतिक कवर प्रदान किया है, और आक्रामकता को रोकने के किसी भी प्रयास के खिलाफ खड़े रहे हैं।"

पश्चिमी समर्थित इज़रायल द्वारा फ़िलिस्तीनी लोगों पर की गई क्रूरता के मद्देनज़र, उन्होंने दुनिया भर के लोगों से "सभी प्रकार के विरोध प्रदर्शनों को तेज़ करने, और युद्ध को रोकने के लिए सरकारों, राजनेताओं और पार्टियों पर प्रत्यक्ष दबाव को मजबूत करने" का आह्वान किया है। उन्होंने कहा, विनाश की घातक घेराबंदी हटाओ, कब्ज़ा समाप्त करो, और हमारे लोगों की स्वतंत्रता की रक्षा करो, और आत्मनिर्णय के अधिकार की रक्षा करो।

बयान में 2 मार्च को दुनिया भर के शहरों में बड़े पैमाने पर लामबंदी के आह्वान पर भी विशेष रूप से प्रकाश डाला गया और प्रगतिशील ताकतों से सामूहिक भागीदारी के लिए यथासंभव व्यापक एकता बनाने का आह्वान किया गया है।

समूह की तरफ से "हमारे लोगों के खिलाफ ज़ायोनी हत्यारी मशीन को लैस करने के उद्देश्य से" आपूर्ति रोकने के ट्रेड यूनियनों और प्रगतिशील समूहों द्वारा की गई कार्रवाइयों को भी सराहा गया है। इस तरह की कार्रवाइयों में 13 फरवरी को वॉटर ट्रांसपोर्ट वर्कर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया द्वारा जारी किया गया बयान शामिल है, जो देश भर के 11 प्रमुख बंदरगाहों में 3,500 श्रमिकों का प्रतिनिधित्व करता है, जिसमें इज़राइल के चल रहे नरसंहार में उपयोग के लिए किसी भी "हथियारयुक्त कार्गो" को गज़ा में लोड या अनलोड करने से इनकार करने की घोषणा की गई है। नवंबर 2023 में बेल्जियम में, एक "कॉमन यूनियन फ्रंट" ने घोषणा की थी कि वे इज़राइल में पारगमन में हथियारों को लोड और अनलोड करने से इंकार कर देंगे जो "निर्दोष लोगों की हत्या" में योगदान दे रहे थे। बेल्जियम यूनियनों ने भी अपनी सरकार से इज़राइल पर पूर्ण हथियार प्रतिबंध लगाने का आह्वान किया है।

समूह ने घोषणा की, जब तक इज़राइल गज़ा में नरसंहार जारी रखता है इसके खिलाफ वैश्विक प्रतिरोध का बढ़ना मानवता का कर्तव्य है"।

सौजन्य: पिप्लस डिस्पैच 
 

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