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जम्मू-कश्मीर : आतंकियों ने शोपियां में एक और कश्मीरी पंडित की गोली मारकर की हत्या

शोपियां में आतंकियों ने पूरन कृष्‍ण भट नाम के शख़्स की गोली मार कर हत्या कर दी। अधिकारियों के अनुसार गंभीर रूप से ज़ख़्मी पूरन कृष्ण भट को शोपियां अस्पताल ले जाया गया जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
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प्रतीकात्मक तस्वीर। चित्र साभार: पीटीआई 

जम्‍मू कश्‍मीर में कश्‍मीरी पंडितों के ख़िलाफ़ आतंकी हमले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। शोपियां में शनिवार को एक बार फिर ऐसा ही मामला सामने आया है, जब आतंकियों ने एक कश्‍मीरी पंडित की गोली मारकर हत्‍या कर दी। अधिकारियों ने इस घटना की जानकारी मीडिया को दी। पिछले कुछ महीनों में कश्‍मीरी पंडितों और देश के अन्‍य इलाक़ों से रोज़गार की तलाश में कश्‍मीर घाटी पहुंचने वाले लोगों के ख़िलाफ़ लगातार आतंकी हमले हो रहे हैं, जिनमें कुछ लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। इसके बाद से ही कश्‍मीरी पंडितों में दहशत का माहौल है।

जम्‍मू कश्‍मीर पुलिस के हवाले से एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक़, शोपियां में आतंकियों ने पूरन कृष्‍ण भट नाम के शख्‍स को गोली मार दी। अधिकारियों ने बताया कि गंभीर रूप से ज़ख़्मी पूरन कृष्ण भट को शोपियां अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। पूरन कृष्ण भट पर दक्षिण कश्मीर ज़िले के चौधरी गुंड इलाक़े में उनके आवास के नज़दीक हमला किया गया था। उस वक़्त वे एक बाग़ की ओर जा रहे थे।

उन्होंने बताया कि सुरक्षा बलों ने पूरे इलाक़े की घेराबंदी कर दी है और आतंकवादियों को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान चलाया जा रहा है।

भट के एक रिश्‍तेदार ने बताया कि उनके स्कूल जाने वाले दो बच्चे हैं. इनमें से एक बच्‍ची कक्षा सातवीं में पढ़ती है और लड़का पांचवी में है। उन्‍होंने कहा, "वह अपने घर से बाहर भी नहीं निकलते थे, घर के अंदर ही रहते थे। हम बहुत डरे हुए हैं।"

शोपियां ज़िले में 16 अगस्त को एक सेब के बाग़ में आतंकवादियों ने एक और कश्मीरी पंडित की गोली मारकर हत्या कर दी थी। गोलीबारी में उसका भाई भी घायल हो गया था। मृतक की पहचान सुनील कुमार के रूप में हुई थी। वहीं घटना में उसका भाई पिंटू कुमार घायल हो गया था।

कश्मीर में पिछले साल अक्टूबर से लगातार टारगेट किलिंग देखी जा रही है। पीड़ितों में से कई प्रवासी श्रमिक या कश्मीरी पंडित हैं। पिछले साल अक्टूबर में पांच दिनों में सात लोग मारे गए थे। इनमें एक कश्मीरी पंडित, एक सिख और दो प्रवासी हिंदू शामिल थे।

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