Skip to main content
xआप एक स्वतंत्र और सवाल पूछने वाले मीडिया के हक़दार हैं। हमें आप जैसे पाठक चाहिए। स्वतंत्र और बेबाक मीडिया का समर्थन करें।

अगले महीने होने वाले संसदीय चुनावों से पहले जॉर्डन को नया प्रधानमंत्री मिला

देश में बढ़ती आर्थिक परेशानी को दूर करने और COVID-19 महामारी से निपटने की ज़िम्मेदारी नए प्रधान मंत्री बिशर अल-खसवाने पर होगी।
जॉर्डन
Image courtesy: Al Jazeera

बिशर अल-खसवाने ने सोमवार 12 अक्टूबर को जॉर्डन के नए प्रधानमंत्री के रुप में पदभार संभाला। उन्हें किंग अब्दुल्ला द्वितीय द्वारा पद की शपथ दिलाई गई। बिशर ने उमर अल-रज्जाज़ की जगह ली जिन्होंने संसद के विघटन के बाद 3 अक्टूबर को इस्तीफा दे दिया था।

जॉर्डन के संविधान के अनुसार प्रधानमंत्री को संसद भंग होने के एक सप्ताह के भीतर इस्तीफा देना होता है। किंग ने चार साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद सितंबर के अंतिम सप्ताह में संसद को भंग कर दिया था। संसद के लिए नए चुनाव 10 नवंबर को होंगे और नई सरकार की जिम्मेदारी है कि वह इसकी निगरानी करे।

बिशर से पहले के प्रधामंत्री का कार्यकाल छोटा था। आईएमएफ द्वारा लागू कर वृद्धि के ख़िलाफ़ विरोध के बाद उमर रज़ाज़ को किंग द्वारा नियुक्त किया गया था। इस विरोध ने जून 2018 में तत्कालीन प्रधानमंत्री हानी मुल्की को इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया था।

बिशर अल-खसवाने (51 वर्ष) पूर्व राजनयिक हैं और पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री नियुक्त होने से पहले वह किंग के नीति सलाहकार थे। उनके पास जॉर्डन की अर्थव्यवस्था को मैनेज करने का मुश्किल काम होगा जिसके इस साल COVID-19 के चलते हुए लॉकडाउन और अन्य कारणों से 6% कम होने की उम्मीद है। ज्यादातर सहायता पर निर्भर देश में गरीबी और बेरोजगारी अधिक से अधिक लोगों की बढ़ती जा रही है। लोग बुनियादी सेवाओं की कमी की शिकायत कर रहे हैं। जॉर्डन के लोग भी सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों का विरोध कर रहे हैं जो कि ये जाहिर तौर पर COVID-19 के प्रसार पर अंकुश लगाने के लिए किया गया है।

देश में COVID-19 संक्रमण के 26,000 से अधिक मामले हैं और इसकी वजह से कुल 207 मौत हुई हैं। पिछली सरकार को समय पर इसके प्रसार को रोकने में विफल रहने पर लोगों की आलोचना झेलनी पड़ी थी। इस बीमारी से निपटने के लिए प्रभावी उपाय करने में विफल रहने के लिए सरकार की आलोचना की गई थी।

नई कैबिनेट में 32 सदस्य हैं जिनमें पिछली सरकार में विदेशी और वित्त मंत्री क्रमशः अयमान सफादी और मोहम्मद अल-इस्सिस को बरकरार रखा गया है। इस देश में आने वाली चुनौतियों से निपटने में मदद करने के लिए कई टेक्नोक्रेट को सरकार में शामिल किया गया है।

अपने टेलीग्राम ऐप पर जनवादी नज़रिये से ताज़ा ख़बरें, समसामयिक मामलों की चर्चा और विश्लेषण, प्रतिरोध, आंदोलन और अन्य विश्लेषणात्मक वीडियो प्राप्त करें। न्यूज़क्लिक के टेलीग्राम चैनल की सदस्यता लें और हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित हर न्यूज़ स्टोरी का रीयल-टाइम अपडेट प्राप्त करें।

टेलीग्राम पर न्यूज़क्लिक को सब्सक्राइब करें

Latest