सुप्रीम कोर्ट को मिले दो नए जज, जस्टिस प्रशांत मिश्रा और सीनियर एडवोकेट विश्वनाथन ने ली शपथ
नयी दिल्ली: प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने शुक्रवार को न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा और वरिष्ठ अधिवक्ता कल्पति वेंकटरमन विश्वनाथन को उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों के तौर पर पद की शपथ दिलाई।
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने शीर्ष अदालत के सभागार में आयोजित शपथ-ग्रहण समारोह में नये न्यायाधीशों को पद की शपथ दिलाई।
VIDEO | Chief Justice of India DY Chandrachud administered the oath of office to Justice Prashant Kumar Mishra and senior advocate Kalpathy Venkataraman Viswanathan as judges of the Supreme Court earlier today. pic.twitter.com/aQvmH1rg50
— Press Trust of India (@PTI_News) May 19, 2023
न्यायमूर्ति मिश्रा और न्यायमूर्ति विश्वनाथन के शपथ लेने के साथ ही उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीशों की संख्या 34 हो गई है जो इसकी स्वीकृत संख्या है।
हालांकि, शीर्ष अदालत में न्यायाधीशों की पूर्ण संख्या कुछ समय के लिए ही रहेगी क्योंकि शुक्रवार तीन न्यायाधीशों का अंतिम कार्य दिवस भी है जो जून में सेवानिवृत्त होने वाले हैं।
न्यायमूर्ति के एम जोसफ, न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी और न्यायमूर्ति वी रामसुब्रमण्यम अगले महीने ग्रीष्मावकाश के दौरान सेवानिवृत्त होने वाले हैं। ग्रीष्मावकाश 22 मई से दो जुलाई तक रहेगा।
न्यायमूर्ति जोसफ 16 जून को सेवानिवृत्त होने वाले हैं, वहीं न्यायमूर्ति रस्तोगी 17 जून को और न्यायमूर्ति रामसुब्रमण्यम 29 जून को सेवानिवृत्त होंगे। न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी आठ जुलाई को सेवानिवृत्त होंगे।
न्यायमूर्ति विश्वनाथन 11 अगस्त, 2030 को न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला के सेवानिवृत्त होने पर भारत के प्रधान न्यायाधीश बनेंगे और 25 मई, 2031 तक इस पद पर रहेंगे।
न्यायमूर्ति मिश्रा और न्यायमूर्ति विश्वनाथन की शीर्ष अदालत के न्यायाधीश के तौर पर नियुक्ति का वारंट राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के कार्यालय से बृहस्पतिवार को जारी किया गया था। उनकी नियुक्ति की घोषणा नये कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने ट्विटर पर की।
पिछले सात दिन में न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूर्ति एम आर शाह की सेवानिवृत्ति के साथ ही उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीशों की संख्या घटकर 32 रह गयी थी।
प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता वाले कॉलेजियम ने 16 मई को केंद्र सरकार से न्यायमूर्ति मिश्रा और वरिष्ठ अधिवक्ता विश्वनाथन के नाम की सिफारिश शीर्ष अदालत के न्यायाधीश के तौर पर नियुक्ति के लिए की थी।
केंद्र सरकार ने दो कार्यदिवस में उनकी नियुक्ति को मंजूरी दे दी।
न्यायमूर्ति मिश्रा को 10 दिसंबर, 2009 को छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त किया गया था। उन्हें 13 अक्टूबर, 2021 को आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया था।
वह 13 साल से अधिक समय तक उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में सेवाएं दे चुके हैं और उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों के अखिल भारतीय वरिष्ठता क्रम में 21वें स्थान पर हैं।
न्यायमूर्ति विश्वनाथन अगस्त 2030 में नौ महीने से अधिक समय के लिए देश के 58वें प्रधान न्यायाधीश बनेंगे।
न्यायमूर्ति विश्वनाथन का जन्म 26 मई, 1966 को हुआ था। वह बार से शीर्ष अदालत की पीठ में सीधे प्रोन्नत होने के बाद भारत के प्रधान न्यायाधीश के पद पर पहुंचने वाले कुछ अधिवक्ताओं की सूची में शामिल हो जाएंगे।
न्यायमूर्ति एस एम सीकरी भारत के पहले प्रधान न्यायाधीश थे जो बार से सीधे उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में प्रोन्नत हुए थे। न्यायमूर्ति यू यू ललित ऐसे दूसरे प्रधान न्यायाधीश थे। वर्तमान न्यायाधीश न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा ऐसे तीसरे प्रधान न्यायाधीश होंगे।
न्यायमूर्ति विश्वनाथन ने हाल में वकील के रूप में समलैंगिक विवाह से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ के समक्ष एक याचिकाकर्ता की ओर से दलील रखी थीं।
(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट के साथ)
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