काबुल विश्वविद्यालय के प्रोफ़ेसर ने महिलाओं की शिक्षा पर तालिबान के प्रतिबंध के विरोध में डिग्री फाड़ीं
अफगानिस्तान में काबुल यूनिवर्सिटी के एक प्रोफेसर ने लाइव टीवी प्रोग्राम के दौरान अपनी डिग्रियां फाड़ दीं। उन्होंने कहा कि उन्हें ऐसा एजुकेशन मंजूर नहीं है, जहां उनकी मां और बहन को पढ़ने की आजादी नहीं है। दरअसल, तालिबान ने 20 दिसंबर को लड़कियों की यूनिवर्सिटी की पढ़ाई पर पूरी तरह बैन लगा दिया।
अफगान रिसेटलमेंट प्रोग्राम की पूर्व पॉलिसी एडवाइजर शबनम नसीमी ने इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया। इसमें देखा जा सकता है कि प्रोफेसर पहले अपनी डिग्रियां कैमरे के सामने दिखाते हैं और फिर उन्हें फाड़ देते हैं। वो कहते हैं- आज से मुझे इन डिग्रियों की जरूरत नहीं है, क्योंकि इस देश में शिक्षा के लिए कोई जगह नहीं है। अगर मेरी बहन और मेरी मां नहीं पढ़ सकती हैं, तो मैं इस शिक्षा को मंजूर नहीं करता।
तालिबान ने पहले यूनिवर्सिटी में विषयों के चयन को लेकर प्रतिबंध लगाए थे। महिलाएं इंजीनियरिंग, इकोनॉमिक्स, साइंस और एग्रीकल्चर जैसे विषय नहीं पढ़ सकती हैं।
इसके बाद तालिबान ने 3 महीने पहले ही महिलाओं को यूनिवर्सिटी के एंट्रेंस एग्जाम में बैठने की इजाजत दी थी। हजारों लड़कियों और महिलाओं ने अफगानिस्तान के कई राज्यों में एग्जाम दिए थे। इसके बाद यूनिवर्सिटी की पढ़ाई को बैन कर देने के फैसले के खिलाफ आज भी अफगानिस्तान में प्रदर्शन जारी हैं।
एक वायरल क्लिप में प्रोफेसर को यह कहते हुए दिखाया गया है कि अगर उसकी मां और बहन नहीं पढ़ सकती हैं, तो वह शिक्षा प्रणाली को स्वीकार नहीं करता है।
पिछले अगस्त में सत्ता पर कब्जा करने के बाद, तालिबान ने कई तरीकों से महिलाओं पर क्रूरता से शिकंजा कसा है, जिसमें मार्च में माध्यमिक विद्यालयों में लौटने पर प्रतिबंध और इस महीने विश्वविद्यालय की शिक्षा शामिल है।
टीवी शो के एक वायरल क्लिप में, प्रोफेसर अपने डिप्लोमा दिखाते हैं और फिर उन्हें एक-एक करके फाड़ देते हैं।
Astonishing scenes as a Kabul university professor destroys his diplomas on live TV in Afghanistan —
“From today I don’t need these diplomas anymore because this country is no place for an education. If my sister & my mother can’t study, then I DON’T accept this education.” pic.twitter.com/cTZrpmAuL6— Shabnam Nasimi (@NasimiShabnam) December 27, 2022
"आज से, मुझे अब इन डिप्लोमा की आवश्यकता नहीं है क्योंकि यह देश शिक्षा के लिए कोई जगह नहीं है। अगर मेरी बहन और मेरी मां पढ़ नहीं सकते हैं, तो मैं इस शिक्षा को स्वीकार नहीं करता,” वह वीडियो में कहते हैं। वीडियो, शबनम नसीमी द्वारा ट्वीट किया गया है, जो अफगान पुनर्वास मंत्री और शरणार्थियों के मंत्री की पूर्व नीति सलाहकार हैं।
पिछले हफ्ते, उच्च शिक्षा मंत्री नेदा मोहम्मद नदीम ने अफगान महिलाओं के लिए विश्वविद्यालय शिक्षा पर प्रतिबंध लगाने वाले सभी सरकारी और निजी विश्वविद्यालयों को एक पत्र जारी किया। नदीम ने लिखा, "आप सभी को सूचित किया जाता है कि अगली सूचना तक महिलाओं की शिक्षा निलंबित करने के उल्लिखित आदेश को तुरंत लागू करें।"
ह्यूमन राइट्स वॉच (HRW) ने महिलाओं की शिक्षा पर प्रतिबंध को "शर्मनाक निर्णय" करार दिया था।
एचआरडब्ल्यू ने एक बयान में कहा, "तालिबान हर दिन यह स्पष्ट कर रहा है कि वे अफगानों, विशेषकर महिलाओं के मौलिक अधिकारों का सम्मान नहीं करते हैं।"
अमेरिकी विदेश विभाग ने तालिबान के "विश्वविद्यालयों में महिलाओं को प्रतिबंधित करने के अनिश्चित निर्णय" की भी निंदा की।
तालिबान के अधिग्रहण के बाद, महिलाओं को अधिकांश क्षेत्रों में काम करने से रोक दिया गया है, लंबी दूरी की यात्रा के लिए एक पुरुष अभिभावक की आवश्यकता होती है और उन्हें सार्वजनिक रूप से अपना चेहरा ढंकना पड़ता है।
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