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केरल ब्लास्ट: मृतकों की संख्या बढ़कर 3 हुई, सीएम विजयन ने बुलाई सर्वदलीय बैठक

डीजीपी शेख़ दरवेश ने आगाह किया कि सोशल मीडिया पर उकसावे या घृणा संदेश फैलाने वालों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई की जाएगी।
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फ़ोटो : PTI

तिरुवनंतपुरम: केरल में ईसाई समुदाय के एक सम्मेलन केंद्र में एक के बाद एक कर हुए कई विस्फोट की घटना के बाद मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन द्वारा बुलायी गयी सर्वदलीय बैठक सोमवार, 30 अक्टूबर को यहां शुरू हुई।

सर्वदलीय बैठक सचिवालय परिसर में मुख्यमंत्री के सम्मेलन सभागार में सुबह करीब 10 बजे शुरू हुई।

सर्वदलीय बैठक में समाज में अविश्वास और असहिष्णुता पैदा करने की कोशिशों को रोकने का संकल्प लिया गया।

मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, सचिवालय परिसर स्थित सम्मेलन सभागार में हुई बैठक में लोगों से विस्फोट के बाद निराधार आरोपों, अटकलें लगाने और अफवाह फैलाने से बचने का अनुरोध करने का भी सर्वसम्मति से संकल्प लिया गया।

बयान के अनुसार, सर्वदलीय बैठक में राज्य के सभी प्रमुख राजनीतिक दल शामिल हुए और उन्होंने यह भी संकल्प लिया कि केरल उन लोगों के, राज्य के खंडित करने के अलग-अलग प्रयासों पर किसी भी कीमत पर काबू पा लेगा जो इस दक्षिणी राज्य में शांति, भाईचारे और समानता की विशेष सामाजिक स्थिति को बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं।

उन्होंने समाज के प्रत्येक व्यक्ति से समाज में विभाजन पैदा करने और लोगों को एक-दूसरे से अलग करने के लिए जारी अटकलों, मिथकों और अफवाहों को फैलाने के प्रयासों को रोकने का आग्रह किया।

केरल में कोच्चि के समीप कलमस्सेरी में ईसाई समुदाय के एक सम्मेलन केंद्र में रविवार को सुबह हुए धमाकों में तीन लोगों की मौत हो गयी। सम्मेलन केंद्र में ‘यहोवा के साक्षी’ समूह की प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया था। इस ईसाई धार्मिक समूह की स्थापना 19वीं सदी में अमेरिका में की गयी थी।

शुरुआत में विस्फोटों में एक महिला की मौत हुई और 52 अन्य घायल हुए थे जिनमें से छह की हालत गंभीर थी। इसके बाद गंभीर रूप से घायलों में से 53 वर्षीय महिला की मौत हो गयी।

सोमवार, 30 अक्टूबर को सुबह तक हादसे में 95 फीसदी तक झुलसी 12 वर्षीय लड़की की भी मौत हो गयी।

राज्य के पुलिस महानिदेशक शेख दरवेश साहब ने रविवार को पुष्टि की थी कि यह विस्फोट आईईडी (विस्फोटक) के कारण हुआ।

घटना के कुछ घंटों बाद ‘यहोवा के साक्षी’ संप्रदाय का सदस्य होने का दावा करने वाले एक व्यक्ति ने त्रिशूर जिले की पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण करते हुए इन धमाकों की ज़िम्मेदारी ली।

पुलिस ने अज्ञात व्यक्तियों के ख़िलाफ़ भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) और धारा 307 (हत्या का प्रयास) के साथ-साथ विस्फोटक अधिनियम और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की है।

यह पूछे जाने पर कि क्या विस्फोटक को रखने के लिए ‘टिफिन बॉक्स’ का इस्तेमाल किया गया था, जैसा कि कुछ मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है, सूत्रों ने कहा कि इस स्तर पर इसकी पुष्टि नहीं की जा सकती क्योंकि घटनास्थल की जांच राज्य आतंकवाद-रोधी दस्ते और राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) समेत कई एजेंसियों द्वारा की जा रही है।

एक शीर्ष पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘जांच के बाद ही मैं जानकारियों की पुष्टि कर सकता हूं। हम सभी पहलुओं से जांच कर रहे हैं। हम यह पता लगाएंगे कि इसके पीछे कौन हैं और उनके ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई करेंगे।’’

उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने का अनुरोध किया और उनसे सोशल मीडिया पर उकसावे या घृणा वाले संदेश न फैलाने को कहा।

डीजीपी शेख दरवेश ने आगाह किया कि सोशल मीडिया पर उकसावे या घृणा संदेश फैलाने वालों के ख़िलाफ़ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने धमाके के मद्देनजर चिकित्सा पेशेवरों से ड्यूटी पर आने का आग्रह किया।

धमाकों के बाद राज्य भर में पुलिस और जिला प्रशासन को अलर्ट पर रखा गया है।

(न्यूज़ एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

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