Skip to main content
xआप एक स्वतंत्र और सवाल पूछने वाले मीडिया के हक़दार हैं। हमें आप जैसे पाठक चाहिए। स्वतंत्र और बेबाक मीडिया का समर्थन करें।

लीबिया की जीएनए यूनाइटेड गवर्नमेंट के गठन के लिए जारी शांति वार्ता के अंत में हट जाएगी

अंतिम शांति समझौते से देश के प्रमुख शहरों सीरते और अल-जुफराह से सैनिक हटने के साथ-साथ तेल उत्पादन और निर्यात से पाबंदी के हटाने की उम्मीद है।
लीबिया

लीबिया के त्रिपोली में स्थित संयुक्त राष्ट्र की मान्यता प्राप्त गवर्नमेंट ऑफ नेशनल अकॉर्ड (जीएनए) जिसके नियंत्रण में देश का पश्चिमी भाग है वह जल्द ही कार्यवाहक क्षमता हासिल कर लेगी क्योंकि अगले महीने के अंत तक शांति वार्ता समाप्त हो जाएगी। ये बात जीएनए के प्रधानमंत्री फ़ैज़ अल-सर्राज ने बुधवार 16 सितंबर को एक टेलीविज़न स्पीच में ये बात कही। प्रधानमंत्री की योजनाओं से वाकिफ़ सरकारी अधिकारियों के अनुसार वे इस सप्ताह के अंत तक अपने इस्तीफ़े की घोषणा करेंगे और उन्होंने पहले से ही अन्य लीबियाई गुटों के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय भागीदारों को भी सूचित कर दिया है।

अल-सर्राज ने अपने टीवी संबोधन में कहा, " मैं हर किसी को अगले कार्यकारी अधिकारी को अपने कर्तव्यों को अक्टूबर के अंत तक सौंपने की अपनी इच्छा की घोषणा करता हूं।" उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि जारी वार्ता जल्द ही परिणाम पर पहुंचेगी और एक नए एकीकृत प्रेसिडेंशियल काउंसिल का गठन होगा और नए प्रधानमंत्री सत्ता संभालेंगे।

निकट भविष्य में संसदीय और राष्ट्रपति चुनाव कराने के लिए इस शांति समझौते से इस देश के क़िस्मत की लकीर खींचने की उम्मीद है। अल-सर्राज ने यह भी कहा कि मोरक्को के शहर बुज़ानिया में संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रायोजित शांति वार्ता जारी है और स्विस शहर मॉन्ट्रियाक्स में प्रतिद्वंद्वी पक्षों में ये सफल रही। ये प्रतिद्वंद्वी मुख्य रूप से तोब्रुक स्थित पूर्वी सरकार जिसका जनरल खलीफा हफ़्तार के नेतृत्व वाले विद्रोही लीबिया नेशनल आर्मी (एलएनए) से गठबंधन है वह देश में बेहद ज़रुरी शांति और राजनीतिक एकता को हासिल करने के लिए एक 'नए प्रारंभिक चरण' में प्रवेश कर रहा है।

युद्धरत पक्षों के बीच एक अंतिम शांति समझौते के लिए बातचीत जल्द ही स्विटजरलैंड के जिनेवा में फिर से शुरू होने की उम्मीद है। अल-सर्राज की घोषणा पूर्व की सरकार के इस्तीफ़े की क्षतिपूर्ति को लेकर की गई है जिसने भ्रष्टाचार, ख़राब सरकारी सेवाओं, लंबे समय तक बिजली कटौती, उच्च तेल की क़ीमतों आदि के कारण दोनों प्रतिद्वंद्वी सरकारों के ख़िलाफ़ तीव्र विरोध प्रदर्शनों के बाद रविवार 13 सितंबर को इस्तीफ़ा दे दिया था। ये विरोध प्रदर्शन पिछले कुछ हफ्तों में शुरु हुआ और निरंतर तेज़ हो रहा है और इसके कम होने के कोई संकेत नहीं दिखे रहे थे।

अपने टेलीग्राम ऐप पर जनवादी नज़रिये से ताज़ा ख़बरें, समसामयिक मामलों की चर्चा और विश्लेषण, प्रतिरोध, आंदोलन और अन्य विश्लेषणात्मक वीडियो प्राप्त करें। न्यूज़क्लिक के टेलीग्राम चैनल की सदस्यता लें और हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित हर न्यूज़ स्टोरी का रीयल-टाइम अपडेट प्राप्त करें।

टेलीग्राम पर न्यूज़क्लिक को सब्सक्राइब करें

Latest