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एनजीओ ने विश्व व्यापार संगठन द्वारा मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में उनके प्रवेश पर प्रतिबंध को अलोकतांत्रिक बताया
नागरिक समाज समूहों को अस्पष्ट 'अप्रत्याशित सुरक्षा संबंधी कारणों' के चलते जिनेवा बैठक से रोक दिया गया है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
14 Jun 2022
wto

दुनिया भर के लगभग 50 गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) ने विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के जिनेवा में आयोजित 12वें मंत्रिस्तरीय सम्मेलन (एमसी12) में "अप्रत्याशित सुरक्षा-संबंधी कारणों" के चलते उनकी पहुंच पर प्रतिबंध लगाने के उसके फैसले को "संगठन का गैर-लोकतंत्रीकरण और पूरी तरह से अस्वीकार्य" करार दिया है।

नॉर्वेजियन ट्रेड कैंपेन द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, ये एनजीओ विश्व व्यापार संगठन के फैसले को "संगठन के एक अन्य गैर-लोकतंत्रीकरण के रूप में देखते हैं और वे खुद को नागरिक समाज समूहों से दूर कर रहे हैं, भले ही इसने बड़े वैश्विक कॉर्पोरेशनों का स्वागत किया हो"। "इन कॉर्पोरेशनों का नियमित रूप से डब्ल्यूटीओ में उन स्थानों और उस समय पर स्वागत किया जाता है जब नागरिक समाज समूहों को प्रवेश से मना कर दिया जाता है।"

एमसी12 के 12 जून को शुरू होने के तीन दिन पहले, इन एनजीओ को सूचित किया गया था कि पहले दिन के उनके प्रवेश को "अप्रत्याशित सुरक्षा-संबंधी कारणों" के चलते वापस ले ली गई। एनजीओ ने कहा, "बार-बार पूछने के बाद भी, इन 'कारणों' को कभी नहीं बताया गया जिसकी काफी कम व्याख्या की गई या कम न्यायोचित ठहराया गया।"

वर्ष 2017 में अर्जेंटीना के ब्यूनस आयर्स में आयोजित विश्व व्यापार संगठन के मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में इसी तरह के अनुभव को याद करते हुए नागरिक समाज समूहों को डर है कि इस तरह से दूर करना इस सम्मेलन में और भविष्य के मंत्रिस्तरीय सम्मेलनों के दौरान "स्थायी और शायद, विकृत विशेषता" बनती जा रही है।

स्विट्जरलैंड के एसोसिएशन फॉर प्रॉपर इंटरनेट गवर्नेंस के रिचर्ड हिल जो इस सम्मेलन में भाग लेने वाले थे, उन्होंने कहा, "एक स्विस नागरिक के रूप में मैं हैरान, निराश और नाराज हूं कि मुझे रविवार को डब्ल्यूटीओ की मंत्रिस्तरीय बैठक के उद्घाटन में परिसर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी भले ही मैं इस बैठक के लिए एक पंजीकृत और मान्यता प्राप्त नागरिक समाज का प्रतिनिधि हूं।”

हिल के अनुसार, ये निर्णय "स्विट्जरलैंड में आयोजित बैठक के लिए आश्चर्यजनक है, जिसमें सभी संबंधित पक्षों के, विशेष रूप से नागरिक समाज में परामर्श और सुनने की एक लंबी तथा सशक्त परंपरा है"।

इन एनजीओ का कहना है कि जिनेवा ने कई बार इस तरह के सम्मेलनों की मेजबानी की है- 2009 के सम्मेलन में नागरिक समाज संगठनों (सीएसओ) का एक बड़ा प्रतिनिधित्व देखा गया था- लेकिन परिसर में उनके प्रवेश को कभी भी प्रतिबंधित नहीं किया गया।

COVID-19 के कारण एमसी12 को नवंबर 2021 में मेजबान देश कजाकिस्तान से स्विट्जरलैंड ले जाया गया था। डब्ल्यूटीओ ने स्थानीय COVID-19 प्रतिबंधों के कारण प्रति संगठन उपस्थित लोगों की संख्या को प्रतिबंधित करने के लिए तथाकथित "फ्लोटिंग बैज" व्यवस्था को लागू किया। स्थानीय प्रतिबंधों को अब हटाए जाने के बावजूद, विश्व व्यापार संगठन ने इसे जारी रखने का फैसला किया है।

सीएसओ के प्रतिनिधियों में सोफिया बी. स्कसेरा ने ब्यूनस आयर्स सम्मेलन में प्रवेश से इनकार करते हुए कहा, "चार साल पहले, नागरिक समाज के कई लोग ब्यूनस आयर्स मंत्रिस्तरीय सम्मेलन से बाहर रह गए थे, यह दिखाते हुए कि यह कितना अलोकतांत्रिक है और यह लोगों की अनुपस्थिति में कैसे निर्णय लेता है।। ”

अर्जेंटीना के यूएनटीआरईएफ के स्कसेरा ने कहा, "मैंने सोचा कि यहां कुछ अलग होगा लेकिन यह वही कहानी है जो खुद को दोहरा रही है। हमें डर है कि विश्व व्यापार संगठन अब नागरिक समाज को अपनी प्रक्रियाओं से बाहर करने की इस प्रक्रिया को सामान्य कर रहा है जबकि उद्योगों को इसके द्वारा अधिक से अधिक आमंत्रित किया गया है। यह पूरी तरह से अस्वीकार्य है और उन लोगों के हितों के खिलाफ है जिनके नाम पर विश्व व्यापार संगठन आयोजन करता है।

इंडोनेशिया फॉर ग्लोबल जस्टिस के ओलिसियस गुल्थॉम इस बैठक से नागरिक समाज समूहों के प्रवेश को रोके जाने को कुछ समूहों के लिए नीतिगत स्थान को कम करने की दिशा में एक अन्य कदम के रूप में देखते हैं। गुल्थॉम ने कहा, "नागरिक समाज संगठनों के प्रति रणनीति महानिदेशक की ग्रीन रूम की वार्ता और एमसी 12 में कई विकासशील देशों के प्रति श्रेष्ठता को दर्शाती है।"

अंग्रेज़ी में प्रकाशित मूल लेख को नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर पढ़ा जा सकता हैः

NGO’s Term WTO ban on Their Entry to Ministerial Conference Undemocratic

WTO
ministerial conference
Geneva
Switzerland
NGOs
Civil society groups
corporate entities

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