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मध्यप्रदेश: रामनवमी के दौरान सांप्रदायिक हिंसा, खरगोन में कर्फ़्यू, बड़वानी में तनाव

सांप्रदायिक घटनाओं के गवाह रहे आदिवासी बहुल ज़िले खरगोन और बड़वानी में कांग्रेस का दबदबा है। अगले साल यहां विधानसभा चुनाव होने हैं।
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भोपाल: मध्य प्रदेश के खरगोन ज़िले में रामनवमी के जुलूस के दौरान हुई सांप्रदायिक हिंसा के एक दिन बाद सोमवार को खरगोन शहर में कर्फ़्यू लगा रहा, अब तक 77 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है।

इस घटना में खरगोन के एक दर्जन से ज़्यादा लोग घायल हो गये। ख़बर है कि घायलों में पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ चौधरी भी हैं, जिनके बायें पैर में गोली लगी है। पुलिस के मुताबिक़, क़रीब 10 घरों और धार्मिक स्थलों को आग के हवाले करने की सूचना के साथ-साथ आगज़नी के कई मामले सामने आये हैं।

सिर्फ़ खरगोन ही नहीं, बल्कि बड़वानी जिले के मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र सीमा के पास स्थित सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील सेंधवा शहर में भी सांप्रदायिक झड़पों की ख़बरों के साथ तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है।

भोपाल में पत्रकारों से बात करते हुए गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा, "77 लोगों को हिरासत में ले लिया गया है और शहर के कुछ इलाक़ों में कर्फ़्यू लगा दिया गया है। शांति है और पर्याप्त फ़ोर्स तैनात कर दिया गया है।"

मिश्रा ने आगे कहा, "जिस घर से पत्थर आये हैं। उस घर को ही पथरों का ढेर बनायेंगे। उनकी पहचान करने के बाद कार्रवाई की जायेगी।"  

उन्होंने बताया, "हिंसा में खरगोन के एसपी सहित सात पुलिसकर्मी घायल हुए हैं और शिवम शुक्ला नाम का एक शख़्स गंभीर रूप से घायल है।"

खरगोन से झड़प के कई वीडियो सामने आये हैं। इन वीडियो में खरगोन ज़िला मुख्यालय के पास तालाब चौक इलाके में स्थित एक मस्जिद के बाहर डीजे के साथ लाउड स्पीकर लेकर रामनवमी जुलूस के लिए 500 से ज़्यादा लोगों की भीड़ जमा हो गयी और उन्हें भगवा झंडा लहराते देखा गया।

एक दूसरे वीडियो में पुलिस को धार्मिक स्थलों और घरों पर लगातार पथराव कर रही भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले का सहारा लेते हुए दिखाया गया है।

स्थानीय लोगों का कहना था कि मस्जिदों के बाहर तेज़ आवाज़ में संगीत बजने पर कुछ लोगों की ओर से ऐतराज़ जताये जाने के बाद यह घटना हुई थी। तालाब चौक पर भड़की झड़प शहर के दूसरे हिस्सों में जंगल की आग की तरह फैल गयी, जहां घरों और दुकानों पर हमला किया गया और दोनों ओर से पथराव किये गये।

दिलचस्प बात यह है कि झड़प शुरू होने के तक़रीबन एक घंटे बाद दिल्ली के हिंदू कट्टरपंथी भाजपा नेता कपिल मिश्रा (दिल्ली सांप्रदायिक हिंसा से पहले अपने नफ़रत भरी भाषा के लिए कुख्यात) श्रीराम जन्मोत्सव शोभा यात्रा जुलूस में शामिल होने के लिए खरगोन में ही थे, उन्होंने यह कहते हुए उस शोभा यात्रा की तस्वीरें और वीडियो को शेयर किया, "न मूसा न बुरहान, बस जय श्री राम। हमारी रामनवमी यात्रा खरगोन मध्य प्रदेश में शुरू।"

हालांकि,उस घटना के बाद वह नज़र नहीं आये।

खरगोन के कलेक्टर अनुग्रह पी के मुताबिक़, यह साफ़ नहीं है कि झड़प किस वजह से हुई, लेकिन स्थानीय लोगों का कहना था कि तालाब चौक मस्जिद के बाहर भड़काऊ गाने और नारे लगाने के बाद ही यह सब हुआ।

फ़ोन पर बात करते हुए उन्होंने कहा, "खरगोन ज़िला मुख्यालय के पास तालाब चौक इलाक़े से जुलूस शुरू होने के तुरंत बाद शाम लगभग 5 बजे झड़पें होनी शुरू हो गयी थीं और बमुश्किल आधे किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद पथराव की ख़बरें आने लगीं।

"अचानक दो से तीन अलग-अलग जगहों पर पथराव और झड़प की सूचना मिली। इस दौरान दो-तीन जगहों पर घरों के जलने की ख़बर मिली और कुछ इलाक़ों में किसी एक घर से यह आग फैल गयी और आसपास के घरों को भी इससे नुक़सान पहुंचा।"

पहले दौर की घटना के बाद कुछ इलाक़ों में कर्फ़्यू लगा दिया गया। लेकिन, रात क़रीब 8 बजे से खबरें आने लगीं कि सराफा मार्केट, काजीपुरा और शहर के अन्य हिस्सों के पास के घरों और धार्मिक स्थलों को आग लगा दी गयी।

घटनास्थल का दौरा करने के बाद खरगोन के कांग्रेस विधायक रवि जोशी ने इस सांप्रदायिक झड़प को पुलिस की नाकामी क़रार दिया। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, "रैली के दौरान कोई पुलिसकर्मी नहीं था, जिस वजह से चीज़ें हाथ से निकल गयीं। यह पुलिस की घोर नाकामी है।"

पिछले छह महीने में खरगोन शहर में हुई यह दूसरी सांप्रदायिक झड़प है। सितंबर 2021 में मिलाद-उन-नबी जुलूस के दौरान सांप्रदायिक झड़प हुई थी, जिसमें दर्जनों लोग घायल हो गये थे।

खरगोन शहर से क़रीब 60 किलोमीटर दूर सेंधवा, जहां पिछले एक साल में कई सांप्रदायिक दंगे हुए हैं, रामनवमी के जुलूस के दौरान हुई इन झड़पों के बाद एक बार फिर उबाल पर है।

घटना के वीडियो के मुताबिक़, जोगावाड़ा रोड पर स्थित एक दरगाह पर हमला किया गया और धार्मिक नारेबाज़ी के बीच हरा झंडा हटाकर उसकी जगह भगवा झंडा लहरा दिया गया।

दूसरे वीडियो में दंगाइयों को पुलिस की मौजूदगी में पथराव करते देखा जा सकता है। हालांकि, ज़िला प्रशासन ने उक्त घटना पर कोई आधिकारिक टिप्पणी जारी नहीं की। 

बार-बार कॉल  किये जाने के बावजूद सेंधवा के एसडीएम  तपस्या परिहार ने कॉल का जवाब नहीं दिया। लेकिन, पत्रकारों को जवाब देते हुए मिश्रा ने कहा, "सेंधवा से सांप्रदायिक झड़पों की ख़बरें थीं, लेकिन यह नियंत्रण में है।" 

मध्य प्रदेश में अगले साल चुनाव होने जा रहे हैं। यहां से त्योहारों और धार्मिक रैलियों के दौरान सांप्रदायिक झड़पों की ख़बरें आती रही हैं। आदिवासी बहुल खरगोन और बड़वानी ज़िले में सांप्रदायिक घटनायें होती रही हैं।यहां कांग्रेस का दबदबा है।

अंग्रेज़ी में प्रकाशित मूल आलेख को पढ़ने के लिए नीचे दिये गये लिंक पर क्लिक करें

MP: Communal Violence During Ram Navami, Khargone Under Curfew, Barwani Tense

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