त्रासदी: नासिक के अस्पताल में ऑक्सीजन सप्लाई रुकने से 22 मरीज़ों की मौत

एक तरफ़ कोरोना से पूरे देश में हाहाकार मचा है। दवा, बेड और ऑक्सीजन की किल्लत है, दूसरी तरफ़ महाराष्ट्र के नासिक में कोविड-19 रोगियों के एक अस्पताल में बुधवार को भंडारण संयंत्र से ऑक्सीजन के रिसाव के बाद इस गैस की आपूर्ति बाधित होने से कम से कम 22 कोविड-19 मरीजों की मृत्यु हो गयी।
समाचार एजेंसी ‘भाषा’ की ख़बर के अनुसार नगर निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अस्पताल में 150 मरीज भर्ती थे जिनमें से घटना के वक्त 23 वेंटिलेटर पर थे तथा बाकी ऑक्सीजन पर थे।
जिलाधिकारी सूरज मांढरे ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मौजूदा जानकारी के अनुसार जाकिर हुसैन निगम अस्पताल में ऑक्सीजन की आपूर्ति बाधित होने से 22 लोगों की मृत्यु हो गयी। ये रोगी वेंटिलेटर और ऑक्सीजन पर थे। ऑक्सीजन आपूर्ति टैंक में रिसाव के बाद गैस की आपूर्ति बाधित हो गयी।’’
मांढरे ने कहा कि नगर निगम ने तत्काल शहर में दूसरी जगहों से ऑक्सीजन सिलेंडर लाकर लगाये हैं जहां ऑक्सीजन की जरूरत अपेक्षाकृत कम थी।
स्थानीय अधिकारियों के अनुसार दोपहर करीब 12.30 बजे ऑक्सीजन रिसाव का पता चला जिसके बाद अस्पताल के अधिकारियों को जानकारी दी गयी।
अधिकारियों ने बताया कि इसके बाद अस्पताल के अधिकारियों ने निगम आयुक्त कैलाश जाधव से संपर्क कर रिसाव रोकने के लिए तकनीकी मदद मांगी।
मांढरे ने कहा कि अस्पताल परिसर में स्थित ऑक्सीजन भंडारण टैंक का रख-रखाव एक निजी कंपनी देखती है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने सरकार को समस्त जानकारी दे दी है। जहां तक ऑक्सीजन आपूर्ति की बात है तो नासिक नगर निगम को उन जगहों से सिलेंडर मिल गये हैं जहां इनकी जरूरत अपेक्षाकृत कम है। इन सिलेंडरों से रोगियों को ऑक्सीजन दी जाएगी।’’
संभागीय राजस्व आयुक्त राधाकृष्ण गामे ने कहा कि शहर के द्वारका क्षेत्र में स्थित अस्पताल के परिसर में 13 किलोलीटर क्षमता का ऑक्सीजन टैंक लगाया गया था।
उन्होंने कहा, ‘‘सुबह 10 बजे के आसपास ऑक्सीजन भंडारण टैंक का एक सॉकेट टूट गया और रिसाव शुरू हो गया। जब अस्पताल कर्मियों को पता चला तो उन्होंने रोगियों को ऑक्सीजन आपूर्ति के लिए बड़े सिलेंडरों को लगाया तथा कुछ रोगियों को वहां से हटाना शुरू कर दिया।’’
गामे ने बताया कि रिसाव रोक लिया गया है और टैंक की मरम्मत के बाद ऑक्सीजन आपूर्ति को सामान्य किया जा रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘घटना के बाद लोग अस्पताल के वार्डों में पहुंचने लगे जिससे बचाव अभियान में अड़चन आई। इस दौरान एक ऑक्सीजन टैंकर अस्पताल परिसर में पहुंच गया। टैंकर के साथ आये टेक्नीशियनों ने टैंक का लॉक खोला तथा वाल्व बंद कर दिया जिससे ऑक्सीजन का रिसाव बंद हो गया।’’
महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने घटना पर दु:ख जताते हुए कहा कि यह पता लगाने के लिए घटना की पूरी तरह जांच कराई जाएगी कि क्या रिसाव लापरवाही की वजह से हुआ।
निगम आयुक्त जाधव ने कहा कि अब कोई रोगी गंभीर हालत में नहीं है।
घटना के बाद अस्पताल के बाहर माहौल गमगीन था। इस हादसे में अपनी 60 वर्षीय मां को खोने वाली लीला शेलार ने कहा, ‘‘मंगलवार को मेरी मां को अस्पताल में भर्ती कराया गया था और वेंटिलेटर पर रखा गया था।’’
उन्होंने दावा किया कि जब उनकी मां ने सांस लेने में परेशानी की शिकायत की तो नर्सिंग कर्मियों ने ध्यान नहीं दिया।
भाजपा विधायक और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री गिरीश महाजन ने मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये मुआवजा दिये जाने की मांग की।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें डर है कि ऑक्सीजन की आपूर्ति कम होने से और रोगियों की मौत हो सकती है क्योंकि सरकार ने राज्य में स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत ही नहीं किया है।’’
महाराष्ट्र विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष प्रवीण डारेकर ने आरोप लगाया कि सरकार लोगों की पीड़ा को कम करने में असमर्थ रही है।
इस बीच वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और जवानों ने अस्पताल पहुंचकर हालात को काबू में किया।
नासिक के पुलिस आयुक्त दीपक पांडेय ने कहा कि स्टोरेज टैंक भरते समय रिसाव होने से हादसा हुआ।
मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये का मुआवजा: ठाकरे
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने ऑक्सीजन रिसाव की वजह से गैस आपूर्ति बाधित होने से मारे गये 22 रोगियों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की।
घटना पर दु:ख जताते हुए ठाकरे ने इसकी व्यापक जांच की भी घोषणा की।
उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘घटना में मारे गये हर शख्स के परिजन को पांच लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। मैं लोगों से अपील करता हूं कि किसी तरह की राजनीति इस पर नहीं करें।’’
ठाकरे ने कहा, ‘‘ऑक्सीजन रिसाव की वजह से 22 लोगों की मौत एक दु:खद घटना है। मैं शब्दों में अपना दु:ख नहीं जता सकता।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे नहीं पता कि इस घटना में अपने प्रियजनों को खोने वालों को कैसे सांत्वना दूं। हालांकि यह एक हादसा था, लेकिन इसकी पूरी तरह जांच की जाएगी।’’
प्रधानमंत्री ने शोक जताया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना पर शोक जताया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘‘नासिक के अस्पताल में भंडारण संयंत्र से ऑक्सीजन लीकेज की घटना हृदय विदारक है। इससे हुई मौतों से मैं क्षुब्ध हूं। दुख की इस घड़ी में पीड़ित परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं।’’
राहुल गांधी ने भी दुख जताया
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने राज्य सरकार एवं पार्टी कार्यकर्ताओं का आह्वान किया कि वे प्रभावित लोगों को हर संभव मदद मुहैया कराएं।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘नासिक के जाकिर हुसैन अस्पताल में मरीजों की मौत की खबर बहुत दुखद है। पीड़ित परिवारों के प्रति मेरी गहरी संवेदना है।’’
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘मैं राज्य सरकार और पार्टी कार्यकर्ताओं से अपील करता हूं कि लोगों को हर संभव मदद मुहैया कराएं।’’
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