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मणिपुर के मुख्यमंत्री ने राज्य में जातीय संघर्ष भड़काया : आदिवासी संगठन आईटीएलएफ

आईटीएलएफ ने सवाल किया कि मार्च 2017 में वर्तमान सरकार के सत्ता में आने से पहले दोनों पक्षों के बीच कोई झड़प क्यों नहीं हुई?
biren singh
फाइल फ़ोटो। PTI

इंफाल: कुकी-ज़ो समुदाय के संगठन ‘इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम’ (आईटीएलएफ) ने मंगलवार को आरोप लगाया कि मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने इस पूर्वोत्तर राज्य में मई में शुरू हुए जातीय संघर्ष को “भड़काया” था।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि राज्य में मेइती और कुकी समुदाय लंबे समय से साथ रहते आए हैं। इसपर, आईटीएलएफ ने सवाल किया कि मार्च 2017 में वर्तमान सरकार के सत्ता में आने से पहले दोनों पक्षों के बीच कोई झड़प क्यों नहीं हुई?

नागपुर में आरएसएस की दशहरा रैली को संबोधित करते हुए भागवत ने कहा, "असल में संघर्ष को किसने हवा दी? यह (हिंसा) नहीं हो रहा है, इसे कराया जा रहा है।"

एक बयान में आईटीएलएफ ने आरोप लगाया कि उसके सवाल का जवाब मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह हैं।

आदिवासी संगठन ने मणिपुर में स्थिति पर भी कई सवाल किये और पूछा कि हाल में केवल घाटी क्षेत्रों में सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून (अफ्सपा) क्यों हटाया गया और पहाड़ी जिलों में क्यों नहीं हटाया गया?

मेइती मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहते हैं जबकि कुकी पहाड़ी जिलों की बहुसंख्यक आबादी है।

मणिपुर में तीन मई को जातीय हिंसा भड़कने के बाद से 180 से अधिक लोग मारे गए हैं और सैकड़ों अन्य घायल हुए हैं।

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