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मैक्सिकोः पूर्व राष्ट्रपतियों पर मुक़दमा चलाने के पक्ष में हुआ मतदान

मैक्सिको के नेशनल इलेक्टोरल इंस्टीट्यूट (आईएनई) की एक त्वरित गणना के अनुसार भारी बहुमत ने पूर्व राष्ट्रपतियों की जांच के पक्ष में मतदान किया।
मैक्सिकोः पूर्व राष्ट्रपतियों पर मुक़दमा चलाने के पक्ष में हुआ मतदान

1 अगस्त को 93.6 मिलियन से अधिक मेक्सिकोवासी जनमत संग्रह में भाग लेने के पात्र थे और यह तय किया कि वे पूर्व राष्ट्रपतियों की उनके संबंधित कार्यकाल के दौरान किए गए कथित अपराधों के लिए जांच और मुकदमा चलाना चाहते हैं या नहीं। मेक्सिको के नेशनल इलेक्टोरल इंस्टीट्यूट (आईएनई) की त्वरित गणना के अनुसार 89.36% और 96.28% के बीच मतदाताओं के भारी बहुमत ने "पक्ष" में मतदान किया। जबकि 1.38% और 1.58% के बीच बहुत कम मतदाताओं ने "खिलाफ" में मतदान किया।

हालांकि, इस जनमत संग्रह के परिणामों को बाध्यकारी बनाने के लिए ये मतदान अपर्याप्त था। आईएनई के अनुसार, केवल 7.07% और 7.74% के बीच योग्य मतदाताओं ने जनमत संग्रह में भाग लिया, जो अपने कर्तव्यों का निर्वाह करने में कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए न्यायिक शक्ति को बाध्य करने के लिए आवश्यक सीमा से बहुत दूर है। अनिवार्य होने के लिए, यह आवश्यक था कि भाग लेने वाले लोगों का 40% या 37.4 मिलियन मेक्सिकोवासी "पक्ष" में मतदान देते।

इस मतदाताओं से इस सवाल का जवाब देने के लिए कहा गया था कि क्या आप संवैधानिक और कानूनी ढांचे के तहत नेताओं द्वारा पिछले वर्षों में लिए गए राजनीतिक निर्णयों के स्पष्टीकरण की प्रक्रिया शुरू करने पर सहमत या असहमत हैं, और संभावित पीड़ितों के अधिकारों और न्याय की गारंटी देना उद्देश्य है?

इस जनमत संग्रह को मैक्सिको के राष्ट्रपति एंड्रेस मैनुएल लोपेज़ ओब्रेडोर (एएमएलओ) द्वारा प्रोत्साहित किया गया था। उन्होंने नागरिकों से कार्लोस सेलिनास डी गोर्टारी (1988-1994), एर्नेस्टो ज़ेडिलो (1994-2000), विसेंटे फॉक्स (2000-2006), फेलिपे कैल्डेरोन (2006-2012) और एनरिके पेना नीटो (2012-2018) सहित पांच पूर्व राष्ट्रपतियों की जांच के लिए मतदान करने का आह्वान किया। इन सभी पर मानवाधिकारों के उल्लंघन, चुनावी धोखाधड़ी, भ्रष्टाचार, घोटालों, सार्वजनिक संपत्ति के अवैध निजीकरण सहित अन्य मामलों से जुड़े अपराध करने का आरोप है। फिर भी, नेशनल सुप्रीम कोर्ट ऑफ जस्टिस ने प्रश्न को बदल दिया और पूर्व राष्ट्रपतियों के विशिष्ट नाम हटा दिए।

चुनावों में कम मतदान आश्चर्यजनक नहीं था। ओपिनियन पोल्स ने संकेत दिया था कि लोग इस प्रस्ताव का भारी समर्थन करेंगे लेकिन केवल कुछ ही लोग मतदान करेंगे। शामिल पूर्व राष्ट्रपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए चुनावों में भारी उपस्थिति से बचने के लिए तिकड़म करने के लिए सत्तारूढ़ मुरैना पार्टी कई हफ्तों से आईएनई और विपक्षी दलों की निंदा करती रही है।

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