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3 साल में 13 लाख से अधिक लड़कियां और महिलाएं हुईं लापता

गृह मंत्रालय ने खुलासा किया कि 2019 से 2021 के बीच देशभर से 10,61,648 महिलाओं और 2,51,430 लड़कियों के लापता होने की सूचना मिली।
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प्रतीकात्मक तस्वीर।

दिल्ली: 26 जुलाई को गृह मंत्रालय द्वारा राज्यसभा में पेश किए गए आंकड़ों के अनुसार, 2019 से 2021 तक तीन साल की अवधि के दौरान भारत में लगभग 13.13 लाख लड़कियां और महिलाएं लापता हो गईं। राज्यों में, मध्य प्रदेश में लगभग दो लाख लोगों के लापता होने की संख्या सबसे अधिक दर्ज की गई, जबकि पश्चिम बंगाल इसके ठीक पीछे रहा।

गृह मंत्रालय के जवाब से पता चला कि 2019 और 2021 के बीच, देश भर में 18 साल से ऊपर की 10,61,648 महिलाओं और 18 साल से कम उम्र की 2,51,430 लड़कियों के लापता होने की सूचना मिली थी। 2019 में, 82,084 लड़कियों और 3,42,168 महिलाओं के लापता होने की सूचना मिली थी, जबकि 2020 में यह आंकड़ा 79,233 लड़कियों और 3,44,422 महिलाओं का था, जिससे इस संबंध में कोई महत्वपूर्ण सुधार नहीं हुआ।

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) वेबसाइट के आंकड़ों के आधार पर, 2019 में 82,619 लड़कियों के लापता होने की सूचना मिली, जिनमें से 49,436 को बरामद किया गया, और 3,29,504 महिलाएं लापता थीं, जिनमें से 1,68,793 को बचाया गया। 2020 में, 79,233 लड़कियां और 3,44,422 महिलाएं लापता थीं, जिनमें से 2,24,043 महिलाओं को बचाया गया। इस वर्ष बरामद की गई लड़कियों की संख्या उपलब्ध नहीं कराई गई।

एनसीआरबी के उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, 2021 में 90,113 लड़कियां लापता हुईं और 58,980 बरामद हुईं, जबकि 3,75,058 महिलाएं लापता हुईं और 2,02,298 बरामद हुईं।

इसी अवधि के दौरान मध्य प्रदेश में लड़कियों और महिलाओं के लापता होने की संख्या सबसे अधिक थी, जहां 1,98,414 मामले दर्ज किए गए थे। एनसीआरबी द्वारा संकलित और संसद में पेश किए गए आंकड़ों के अनुसार, पश्चिम बंगाल में 1,56,905 महिलाएं और 36,606 लड़कियां लापता हैं। महाराष्ट्र में, यह आंकड़ा 1,78,400 लापता महिलाओं और 13,033 लापता लड़कियों का था। ओडिशा में, 70,222 महिलाएं और 16,649 लड़कियां लापता हुईं, जबकि छत्तीसगढ़ में तीन वर्षों के दौरान 49,116 महिलाएं और 10,817 लड़कियां लापता हुईं।

केंद्र शासित प्रदेशों में, दिल्ली में लापता लड़कियों और महिलाओं की संख्या सबसे अधिक थी - 2019 और 2021 के बीच कुल 83,973।

ये संख्याएं स्थिति की गंभीरता को रेखांकित करती हैं और देश में लड़कियों और महिलाओं की सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ाती हैं।

हालांकि गृह मंत्रालय ने अपने जवाब में महिलाओं और लड़कियों की सुरक्षा के लिए लागू कानूनों और नीतियों को सूचीबद्ध किया, जैसे कि 12 साल से कम उम्र की लड़कियों के साथ बलात्कार के लिए सख्त दंडात्मक प्रावधान, आपातकालीन प्रतिक्रिया सहायता प्रणाली और यौन अपराधियों की रजिस्ट्री, लेकिन जैसा कि आंकड़ों से पता चलता है, अभी तक ज़मीन पर प्रभाव महसूस नहीं किया गया है।

मूल अंग्रेजी में इस रिपोर्ट को पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

Over 13 Lakh Girls and Women Went Missing in 3 Years, Govt Data Shows

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