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मुरादाबाद : कोविड-19 का टीका लगने के एक दिन बाद स्वास्थ्यकर्मी की मौत

महिपाल मुरादाबाद के सरकारी दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल के सर्जिकल वार्ड में वार्ड ब्वॉय के रूप में काम करते थे। मुख्य चिकित्सा अधिकारी का कहना है कि महिपाल की मौत का कारण ह्रदय रोग था।
मुरादाबाद : कोविड-19 का टीका लगने के एक दिन बाद स्वास्थ्यकर्मी की मौत

मुरादाबाद/लखनऊ: कोरोना वायरस का टीका लगवाने के एक दिन बाद यहां 46 वर्षीय स्वास्थ्यकर्मी की मौत हो गई। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि शव परीक्षण रिपोर्ट में मौत का कारण ‘ह्रदय और फेफड़ों संबंधी रोग’ बताया गया है।

स्वास्थ्यकर्मी महिपाल के परिवार का आरोप है कि उनकी मौत टीकाकरण के कारण हुई तथा उन्हें बुखार एवं खासी के अलावा स्वास्थ्य संबंधी और कोई परेशानी नहीं थी।

मुरादाबाद के जिला मजिस्ट्रेट राकेश सिंह ने कहा कि उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए गए हैं।

सूत्रों के मुताबिक, महिपाल मुरादाबाद के सरकारी दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल के सर्जिकल वार्ड में वार्ड ब्वॉय के रूप में काम करते थे। शनिवार को उन्हें कोरोना वायरस का टीका लगाया गया और रविवार रात उनकी मौत हो गई थी।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी मिलिंद चंदर गर्ग ने कहा कि महिपाल की मौत का कारण ह्रदय रोग था।

उन्होंने कहा, ‘‘पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार उन्हें ह्रदय संबंधी परेशानी थी और खून के थक्के भी जमे थे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा लगता है कि महिपाल ह्रदय रोग से पीड़ित थे’’।

पोस्टमार्टम तीन चिकित्सकों ने किया। इसकी रिपोर्ट में लिखा है कि महिपाल को ‘‘कार्डियो-पल्मोनरी रोग था’’ और ‘‘कोरोना टीके से इसका कोई संबंध नहीं है।’’

गर्ग ने कहा कि जिन्हें भी टीका लगाया गया है उनमें से कुछ को सामान्य परेशानियां तो हो रही हैं लेकिन वैसी कोई दिक्कत नहीं हो रही जैसी कि महिपाल को हुई।

गर्ग ने कहा कि टीका लगवाने के बाद कुछ कर्मचारियों को बुखार आया लेकिन उन्होंने किसी भी तरह के अन्य दुष्प्रभाव की रिपोर्टों को खारिज किया।

महिपाल के बेटे विशाल ने कहा कि उनके पिता को सांस लेने में कठिनाई हो रही थी इसलिए उन्होंने उसे फोन करके अस्पताल में बुलाया।

विशाल ने कहा, ‘‘मेरे पिता को खांसी और कफ की समस्या थी लेकिन टीका लगने के बाद उन्हें बुखार आ गया तथा सांस लेने में परेशानी महसूस होने लगी। रविवार को उन्हें सरकारी अस्पताल में भर्ती करवाया गया जहां रात को उनकी मौत हो गई।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मेरे पिता महामारी के दौरान भी अपनी ड्यूटी निभाते रहे लेकिन उन्हें कोरोना वायरस संक्रमण नहीं हुआ।’’

हालांकि स्वास्थ्य अधिकारियों के दावों को खारिज करते हुए महिपाल के परिवार ने कहा कि उन्हें कभी भी ह्रदय संबंधी परेशानी नहीं हुई, बुखार और खांसी को छोड़कर वह पूरी तरह से स्वस्थ थे।

मुरादाबाद के जिला मजिस्ट्रेट राकेश सिंह ने कहा कि टीका पूरी तरह से सुरक्षित है।

उन्होंने कहा, ‘‘महिपाल का मामला अलग है और एक उच्च स्तरीय चिकित्सा जांच करवाई जाएगी।’’

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