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मुज़फ़्फ़रनगर: शिक्षक की पिटाई से 8वीं का छात्र अस्पताल में भर्ती, मामला दर्ज

आज हम शिक्षक दिवस मना रहे हैं, लेकिन ऐसे शिक्षकों पर भी अंकुश की ज़रूरत है जो जाति या धर्म के नाम पर छात्रों पर अत्याचार ढा रहे हैं। आपको याद है राजस्थान में एक दलित बच्चे ने शिक्षक की पिटाई से जान गंवा दी तो यूपी के मुज़फ़्फ़रनगर में एक बच्चे को उसके शिक्षक ने इतना पीटा की वह आज अस्पताल में भर्ती है।
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उत्तर प्रदेश: गुरुवार को मुज़फ्फरनगर जनपद में एक शिक्षक ने अपने 12 वर्षीय छात्र को इस कदर पीटा कि अब वो बच्चा चल पाने में असमर्थ हो गया है। परिवार वाले शिक्षक पर हेट क्राइम का आरोप लगा रहे हैं। उनके अनुसार छात्र विशेष समुदाय से था इसलिए उसकी इतनी बुरी तरह पिटाई की गई है। फिलहाल पुलिस ने आरोपी शिक्षक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है, लेकिन वो फरार है।

घटना भोपा थाना क्षेत्र के भौकारेहड़ी इंटर कॉलेज की है। जहां आशीष चौधरी नामक शिक्षक ने आठवीं कक्षा के एक छात्र, सोहैल को, क्लास में मामूली शोर मचाने की वजह से बुरी तरह पीट दिया। आरोप है कि शिक्षक ने बच्चे के ऊपर अनगिनत डंडे और लात-घूसे बरसाए। अत्यधिक पिटाई की वजह से छात्र मौके पर ही बेहोश हो गया था, जिसके बाद शिक्षक फौरन वहां से भाग गया। बाद में कॉलेज के दूसरे छात्रों ने मिलकर पीड़ित छात्र को आनन-फानन में एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया।

सोहैल के परिजनों को भी वहीं अस्पताल से सूचित किया गया था कि उनके पुत्र की हालत गंभीर है। पिता साजिद के अनुसार, निजी अस्पताल से उनके पुत्र को पहले भोपा सीएचसी ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मुज़फ्फरनगर ज़िला अस्पताल रेफर कर दिया। सोहैल अभी भी अस्पताल में भर्ती है, चोट लगने के कारण वो अपने पैरों का इस्तेमाल नहीं कर पा रहा है।

ज्ञात हो कि, घटना के एक दिन बीत जाने के बावजूद भी आरोपी शिक्षक पर कोई कार्यवाही नहीं की गई थी। जिसके बाद कॉलेज में पढ़ने वाले सैकड़ों छात्र अपने साथी के समर्थन में सड़क पर उतर आए। उन्होंने दोषी शिक्षक के खिलाफ भौकारेहड़ी इंटर कॉलेज के गेट के सामने जमकर नारेबाज़ी की। सारे छात्र एक सुर में आशीष चौधरी के ऊपर कार्यवाही करने की मांग कर रहे थें। प्रदर्शनकारियों के आरोप थे कि न तो पुलिस कोई कार्रवाई कर रही है न ही कॉलेज प्रबंधन।

प्रदर्शन की वजह से वहां लगभग 4 घंटों तक आवाजाही ठप्प बनी रही, इस दौरान कॉलेज के प्रधानाचार्य कैप्टन डॉ प्रवीण चौधरी ने छात्रों को समझाने की कोशिश की लेकिन छात्रों ने प्रदर्शन खत्म नहीं किया। तब जाकर प्रबंध समिति के प्रबंधक कर्णवीर सिंह वहां पहुंचे और छात्रों को आश्वासन दिया कि शिक्षक के खिलाफ हर हाल में कार्रवाई होगी। कर्णवीर सिंह ने एक जांच समिति बनाई है जो हफ्ते भर के अंदर पूरे मामले की रिपोर्ट जमा करेगी।

वहीं प्रदर्शन के बाद पुलिस प्रशासन ने शिक्षक के ऊपर संबंधित थाने में मामला दर्ज कर लिया। आशीष चौधरी के ऊपर (एनसीआर) असंज्ञेय मामला, आईपीसी 323 के तहत दर्ज किया गया है।

एसडीएम नरेंद्र बहादुर सिंह ने भी शिक्षक के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया, "शिक्षक के विरुद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट सुसंगत धाराओं में अंकित कर लिया गया है, और वहां पर जो भी प्रबंधन प्रणाली है उनको डीआईओएस के माध्यम से निर्देशित किया गया है कि उस अध्यापक के लिए कठोर दंडात्मक कार्यवाही करे।" थाना भोपा के प्रभारी, बिजेंद्र सिंह रावत जानकारी देते हैं कि फिलहाल तो मामले में एनसीआर दर्ज है लेकिन मेडिकल रिपोर्ट आने के बाद धारा बढ़ाकर कार्यवाही की जाएगी।

सोहैल के पिता, मोहम्मद साजिद ने न्यूज़क्लिक के लिए घटना की पूरी जानकारी दी, "शुक्रवार को छुट्टी के समय मेरे बेटे के ऊपर शोर मचाने का आरोप लगाकर, आशीष नाम के शिक्षक ने पहले तो क्लासरूम बंद करके मासूम को डंडे से मारा, लेकिन जब उसे वहां लगे सीसीटीवी का ख्याल आया तो वो सोहैल को बाहर मैदान की तरफ ले आया और वहां पिटाई करने लगा।" आगे बताते हैं, "मेरे बेटे के बेहोश होने के बाद, आशीष उसे अधमरी हालत में छोड़, वहां से भाग निकला था।"

"वो तो भला हो दूसरे छात्रों का जिसने समय रहते सोहैल को अस्पताल में भर्ती करा दिया।" साजिद ने कहा।

साजिद ने अपने बेटे की पिटाई का कारण उसका खास समुदाय से संबंध होना, बताया है। "जिस तरह से मेरे मासूम बच्चे को आशीष चौधरी ने पीटा है, इससे साफ झलकता है कि उसे मेरे बेटे से किसी बात का रंज था।" आगे कहते हैं, "इतने छोटे बच्चे से, कोई किस बात का बदला लेगा, हो न हो इसकी वजह खास धर्म के लोगों से उस शिक्षक की व्यक्तिगत नफरत ही थी।"

शिक्षक पर लगाए गए उनके आरोप के बुनियाद के बारे में उनसे पूछा गया तो उन्होंने देश में हाल-फिलहाल में घटी कई ऐसी घटनाओं को गिनवाया जिसमें शिक्षकों द्वारा जाति और धर्म के नाम पर छात्रों पर अत्याचार किए गए हैं। पिता ने प्रशासन से शिक्षक को उसके किए की सख़्त सज़ा देने की गुहार लगाई है, ताकि वो आगे किसी भी और छात्र के साथ ऐसा न कर सके।

इसके अलावा, सोहैल के पिता ने कॉलेज प्रबंधन के ऊपर भी कई आरोप लगाए हैं। उन्होंने बताया कि प्रबंधन ने उनसे मामले को रफा-दफा करने के लिए बात की थी लेकिन उन्होंने साफ मना कर दिया चूंकि उन्हें अपने बेटे के लिए इंसाफ चाहिए। इसके अलावा साजिद ने ये भी बताते हैं कि शुक्रवार को सोहैल के समर्थन में प्रदर्शन करने वाले छात्रों में से 6 छात्र को 15 दिनों के लिए स्कूल से सस्पेंड कर दिया गया है। "ऐसे में हम किससे इंसाफ की उम्मीद रख सकते हैं?"

घटना के बाद से सोहैल के माता-पिता अपने बाकी दो बच्चों को लेकर भी काफी चिंतित हैं, "सोहैल के अलावा, कक्षा 11 में मेरी बेटी रुखसार और कक्षा 10 में बेटा दाऊद पढ़ता है। सुहैल की पिटाई के बाद से बाकी दोनों बच्चे भी बुरी तरह डरे हुए हैं।" मां ने प्रश्न किया, "इस तरह से कौन सा शिक्षक पीटता है, ऐसे तो बच्चों को स्कूल में पढ़ाना मुश्किल हो जाएगा।" सोहैल की मां ने शिक्षक को सख्त से सख्त सज़ा दिए जाने की मांग की है।

ज्ञात हो कि हाल ही में देश के कई इलाकों से शिक्षकों द्वारा छात्रों पर अत्याचार की खबरें सामने आई हैं, जैसे राजस्थान में एक दलित बच्चे को सिर्फ इसलिए पीटकर मार दिया गया क्योंकि उसने अपने अध्यापक के मटके से पानी पिया था। तो वहीं उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती जिले में शिक्षक ने एक 13 वर्षीय छात्र को मामूली फीस न भर पाने के चलते बेरहमी से पीटकर मार डाला था। इसके अलावा भी कई मामले इस तरह के, पेश आ चुके हैं।

(लेखक स्वतंत्र पत्रकार हैं।)

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