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विपक्षी दलों ने ‘जुमलाजीवी’, ‘भ्रष्ट’ जैसे शब्दों को ‘असंसदीय’ बताने को लेकर सरकार पर निशाना साधा

कांग्रेस ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू से यह आग्रह भी किया कि वे इस फैसले पर पुनर्विचार करें।
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फ़ोटो साभार: इंडियन एक्सप्रेस

नयी दिल्ली: विपक्षी दलों ने 'जुमलाजीवी' और कई अन्य शब्दों को ‘असंसदीय अभिव्यक्ति’ की श्रेणी में रखे जाने को लेकर बृहस्पतिवार को सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वे पाबंदी लगाने वाले आदेश को नहीं मानेंगे और इन शब्दों का इस्तेमाल करेंगे।
     
कांग्रेस ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू से यह आग्रह भी किया कि वे इस फैसले पर पुनर्विचार करें।
     
उल्लेखनीय है कि संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही के दौरान सदस्य अब चर्चा में हिस्सा लेते हुए जुमलाजीवी, बाल बुद्धि सांसद, शकुनी, जयचंद, लॉलीपॉप, चाण्डाल चौकड़ी, गुल खिलाए, पिठ्ठू जैसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे । ऐसे शब्दों के प्रयोग को अमर्यादित आचरण माना जायेगा और वे सदन की कार्यवाही का हिस्सा नहीं होंगे।
    
दरअसल, लोकसभा सचिवालय ने ‘‘ असंसदीय शब्द 2021 ’’ शीर्षक के तहत ऐसे शब्दों एवं वाक्यों का नया संकलन तैयार किया है जिन्हें ‘असंसदीय अभिव्यक्ति’ की श्रेणी में रखा गया है।
   
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि प्रधानमंत्री की शासन शैली का सही वर्णन करने वाले शब्दों को बोलने पर अब प्रतिबंध लगा दिया गया है।
    
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘नए भारत के लिए यह नया शब्दकोष है।’’
    
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट किया, "मोदी सरकार की सच्चाई दिखाने के लिए विपक्ष द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले सभी शब्द अब 'असंसदीय' माने जाएंगे। अब आगे क्या विषगुरु?"
    
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने दावा किया, ‘‘सरकार की मंशा है कि जब वह भ्रष्टाचार करे, तो उसे भ्रष्ट नहीं बल्कि, भ्रष्टाचार को 'मास्टरस्ट्रोक' बोला जाए, "2 करोड़ रोजगार", "किसानों की आय दुगनी" जैसे जुमले फेंके, तो उसे जुमलाजीवी नहीं बल्कि ‘थैंक यू' बोला जाए।’’
    
उन्होंने प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए सवाल किया, ‘‘संसद में देश के अन्नदाताओं के लिए आंदोलनजीवी शब्द का किसने प्रयोग किया था?’’
   
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि संसद की कार्यवाही के नियमों से जुड़ी पुस्तिका पहले से मौजूद है और इसके अतिरिक्त सरकार कुछ थोपना चाहती है तो उसे स्वीकारा नहीं जाएगा।
    
उन्होंने कहा कि सरकार को घेरने के लिए इन शब्दों का इस्तेमाल जारी रहेगा। 
    
तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओब्रायन ने ट्वीट किया, ‘‘संसद का सत्र कुछ दिनों में आरंभ होगा। यह पाबंदी लगाने वाला आदेश है। अब हमें संसद में अपनी बात रखते हुए.. शर्मिंदा, विश्वासघात, भ्रष्ट, पाखंड, अक्षम आदि बुनियादी शब्दों का उपयोग करने की अनुमति नहीं होगी। मैं इन शब्दों का इस्तेमाल करूंगा। लोकतंत्र के लिए लड़ना है।’’
     
बहुजन समाज पार्टी के सांसद दानिश अली ने लोकसभा में चर्चा में भाग लेने का अपना एक वीडियो साझा करते हुए ट्वीट किया, ‘‘संसद के नये नियमों के प्रारूप के अनुसार आंदोलनजीवी संसदीय भाषा है लेकिन जुमलाजीवी असंसदीय....। क्योंकि प्रधानमंत्री जी के ‘आंदोलनजीवी’ शब्द के जवाब में मैंने उसी दिन ‘जुमलाजीवी’ शब्द का इस्तेमाल लोकसभा में किया था। क्या इसीलिए नियमों में बदलाव किया जा रहा है?’’
     
शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कटाक्ष करते हुए कहा, “अगर करें तो करें क्या, बोलें तो बोलें क्या? सिर्फ़, वाह मोदी जी वाह ! यह ‘पॉप्युलर मीम’ अब सच्चाई होती नज़र आ रही है!’’

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