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लक्षद्वीप के स्कूलों में मध्याह्न भोजन में छात्रों को पहले की तरह मांस उत्पाद परोसने का आदेश

उच्चतम न्यायालय ने डेयरी फार्म को बंद करने और स्कूली बच्चों के मध्याह्न भोजन से मांस उत्पादों को हटाने के लक्षद्वीप प्रशासन के फैसले को चुनौती देने वाली एक याचिका पर सुनवाई करते हुए केरल उच्च न्यायालय के आदेश को बरकरार रखने का निर्देश दिया था।
mid day meal
Image courtesy : Mint

केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप के प्रशासन ने स्कूल अधिकारियों को उच्चतम न्यायालय के हालिया आदेश पर अमल करने का निर्देश दिया है, जिसके तहत स्कूली छात्र मध्याह्न भोजन में चिकन और अन्य मांस उत्पादों से वंचित नहीं रहेंगे।

शिक्षा निदेशालय ने शुक्रवार को यहां जारी एक आदेश में सभी द्वीपों के स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को शीर्ष अदालत के 2 मई के आदेश का पालन करने के लिए कहा, जिसमें बच्चों को पहले की तरह मांस, चिकन, मछली और अंडे सहित मध्याह्न भोजन परोसने का निर्देश दिया गया था। 

निदेशालय ने अपने आदेश में स्कूलों के संदर्भ के लिए शीर्ष अदालत के निर्देश के प्रासंगिक अंश भी संलग्न किए हैं, जिनमें कहा गया है, "लक्षद्वीप के स्कूली छात्रों को अगले आदेश तक पहले की तरह मांस, चिकन, मछली और अंडा और अन्य वस्तुओं समेत भोजन परोसा जाए। इसपर अमल करते हुए पुरानी व्यवस्था जारी रहनी चाहिए।"

उच्चतम न्यायालय ने डेयरी फार्म को बंद करने और स्कूली बच्चों के मध्याह्न भोजन से मांस उत्पादों को हटाने के लक्षद्वीप प्रशासन के फैसले को चुनौती देने वाली एक याचिका पर सुनवाई करते हुए केरल उच्च न्यायालय के आदेश को बरकरार रखने का निर्देश दिया था।
 
केरल उच्च न्यायालय ने डेयरी फार्म को बंद करने और स्कूली बच्चों के मध्याह्न भोजन से मांस उत्पादों को हटाने के लक्षद्वीप प्रशासन के आदेशों के अमल पर 22 जून, 2021 को रोक लगा दी थी।

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