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पटना : जीएनएम विरोध को लेकर दो नर्सों का तबादला, हॉस्टल ख़ाली करने के आदेश

तीन वर्षीय जीएनएम डिप्लोमा कोर्स में वर्तमान में 198 छात्राएं हैं। उनका कहना है कि पीएमसीएच कैंपस में विभिन्न विभागों में और वार्डों में बड़े पैमाने पर क्लिनिकल प्रशिक्षण की सुविधा है।
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फ़ोटो साभार: प्रभात खबर

बिहार की राजधानी पटना में स्थित पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (पीएमसीएच) के जीएनएम स्कूल को शहर से करीब 35 किलोमीटर दूर वैशाली जिले के राजापाकड़ में शिफ्ट करने को लेकर स्कूल की छात्राएं लगातार विरोध कर रही हैं। इसको लेकर दो नर्सों का तबादला भी कर दिया गया है और हॉस्टल करने के आदेश दे दिए गए। विरोध को देखते हुए जीएनएम स्कूल को अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया गया है। ज्ञात हो कि एक बार फिर छात्राओं ने बुधवार को प्रदर्शन किया था। स्कूल की छात्राओं ने पीएमसीएच से लेकर अशोक राजपथ पर पैदल मार्च निकाला और प्रदर्शन किया। इस मार्च में जीएनएम की सत्र 2019-22, 2020-23 तथा 2021-24 की छात्राएं शामिल हुईं। उनका कहना था कि सभी छात्राएं फिलहाल पीएमसीएच में प्रशिक्षण प्राप्त कर रही हैं। अचानक उन्हें एक गांव में स्थित संस्थान में पढ़ाई करनी होगी जिससे प्रशिक्षण बाधित होगा। प्रदर्शन के दौरान बड़ी संख्या में इस स्कूल की छात्राओं ने क्लास बंद कर अधिकारियों के कार्यालयों का घेराव किया और शिफ्टिंग को रोकने की मांग की।

तीन वर्षीय जीएनएम डिप्लोमा कोर्स में वर्तमान में 198 छात्राएं हैं। उनका कहना है कि पीएमसीएच कैंपस में विभिन्न विभागों में और वार्डों में बड़े पैमाने पर क्लिनिकल प्रशिक्षण की सुविधा है। राजापाकड़ शिफ्ट करने के बाद छात्राओं को गांव में स्थित संस्थान में प्रशिक्षण के साथ-साथ वैशाली जिला के हाजीपुर मुख्यालय में स्थित सदर अस्पताल में प्रशिक्षण करना होगा।

विरोध के बाद दो नर्सों का तबादला

प्रभात खबर के अनुसार पीएमसीएच जीएनएम नर्सिंग की छात्राओं का स्कूल वैशाली जिले के राजापाकड़ में शिफ्ट करने का निर्णय लिया गया है लेकिन उनकी मांग है कि इसे पटना में ही रहने दिया जाए और प्रैक्टिकल पीएमसीएच में ही हो। वहीं आज इस मामले को लेकर बुधवार को हुए विवाद के बाद दो नर्सों को तबादला कर दिया गया है। दोनों एक ग्रेड नर्स है और पीएमसीएच में कार्यरत हैं। इनमें एक जीएनएम स्कूल की सीनियर टीचर हैं, वहीं दूसरी नर्स वार्ड में कार्यरत हैं।

हॉस्टल ख़ाली करने का आदेश

उधर विरोध प्रदर्शन के बाद पीएमसीएच के जीएनएम स्कूल को अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया गया है। स्कूल में साइनिडाइ लगा दिया गया है। स्वास्थ्य विभाग के निर्देश पर अस्पताल के अधीक्षक डॉ. आइएस ठाकुर ने आदेश जारी किया है और साथ ही 24 घंटे के अंदर हॉस्टल खाली करने का आदेश जारी कर दिया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक स्कूल की कुछ टीचर को भी चिन्हित किया गया है जिन्होंने छात्राओं को उकसाने का काम किया है। उनके खिलाफ भी नियमानुसार कार्रवाई होगी।

प्रदर्शन के दौरान मेन गेट कराया गया बंद

पीएमसीएच की जीएनएम छात्राओं का समर्थन करते हुए बुधवार को अस्पताल की सीनियर नर्स व पैरा मेडिकल छात्रों ने भी उनका साथ दिया। छात्राओं ने सुबह नौ बजे मेन गेट को बंद कर दिया। हालांकि इससे इमरजेंसी में आने वाले मरीजों को अस्पताल के गेट पर ही रुकना पड़ा। वहीं ओपीडी में आने वाले डॉक्टरों को मेन गेट पर ही रुकना पड़ा। मामले की जानकारी जब अस्पताल के अधीक्षक को मिली तो उन्होंने मजिस्ट्रेट को सूचना दी। जिसके बाद पीरबहोर थाने की महिला पुलिस व अस्पताल की सुरक्षा कर्मियों की टीम ने गेट खुलवाया।

तोड़ा जाएगा स्कूल का भवन

पीएमसीएच के अधीक्षक डॉ. आइएस ठाकुर ने अखबार को बताया कि पीएमसीएच के 5500 बेड के अस्पताल बनने के क्रम में निर्माण कार्य जारी है। सभी पुराने भवनों को एक-एक कर तोड़ा जा रहा है। इसी कड़ी में जीएनएम स्कूल को भी शिफ्ट किया जा रहा है। पटना में नए भवन के लिए 36 हजार वर्गफुट की जगह व भवन नहीं मिलने के कारण नर्सिंग स्कूल को राजापाकड़ में शिफ्ट किया जा रहा है।

मांग को लेकर पहले भी हुए प्रदर्शन

बैनर पोस्टर लेकर प्रदर्शन कर रहीं छात्राओं ने कहा कि अपनी मांग को लेकर दो मई को अधीक्षक आवास का घेराव करते हुए अशोक राजपथ व कारगिल चौक तक पैदल मार्च निकाला था। उस समय पीएमसीएच के डिप्टी सुपरिटेंडेंट ने आश्वासन दिया था कि स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिख कर समस्या का निदान किया जाएगा। लेकिन कोई निदान नहीं हुआ और क्लास को शिफ्ट करने की बात कही गयी है। ऐसे में अगर स्कूल शिफ्टिंग का फैसला वापस नहीं लिया गया तो छात्राओं का आंदोलन जारी रहेगा। छात्राओं का कहना है कि राजापाकड़ में प्रैक्टिकल व मरीजों के साथ पढ़ाई करने आदि सीखने की व्यवस्था नहीं है। यहां तक कि शौचालय आदि की भी व्यवस्था सही तरीके से नहीं है। उनका कहना है कि वहां छात्राएं सुरक्षित भी नहीं हैं ऐसे में पढ़ाई करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

पीएमसीएच से दूर करने का आरोप

गत सोमवार को जीएनएम की छात्राओं ने आरोप लगाते हुए कहा था कि उन्होंने इस स्कूल में तीन साल का कोर्स किया लेकिन अब उनको यहां से दूर किया जा रहा है। छात्राओं का कहना था कि वे अब पीएमसीएच छोड़कर कहां जाएंगे। मनमानी का आरोप लगाते हुए छात्राओं ने सोमवार को अधीक्षक के कार्यालय का घेराव किया था और घंटों प्रदर्शन किया था।

छात्राओं की बात नज़रअंदाज़ करने का आरोप

छात्राओं ने आरोप लगाते हुए कहा था कि उनकी बातों को नज़रअंदाज़ किया जा रहा है। उनका कहना है कि पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में आईसीयू से लेकर हर प्रकार की फैसिलिटी है। इसके बावजूद उन्हें वैशाली के राजापाकड़ भेजा जा रहा है जिससे छात्राओं को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उनका कहना है कि उन्हें पटना मेडिकल कॉलेज में ही रखा जाए। राजापाकड़ जाने में उन्हें काफी समस्या है क्योंकि सदर अस्पताल का काफी बुरा हाल है। ऐसे में वहां जाकर क्या सीख पाएंगे।

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