Skip to main content
xआप एक स्वतंत्र और सवाल पूछने वाले मीडिया के हक़दार हैं। हमें आप जैसे पाठक चाहिए। स्वतंत्र और बेबाक मीडिया का समर्थन करें।

दिल्ली में अग्निपथ योजना के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन, हिरासत में लिए गए छात्र और नौजवान

इस प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस ने पूरी तैयारी कर रखी थी कि आसानी से कोई भी प्रदर्शनकारी सेंट्रल दिल्ली की सड़कों पर न उतर सके। इसके लिए प्रशासन ने शुक्रवार की दोपहर को आईटीओ, दिल्ली गेट और जामा मस्जिद मेट्रो स्टेशन के सभी गेटों को एहतियाती तौर पर बंद कर दिया था। इतना ही नहीं, ढांसा बस स्टैंड मेट्रो स्टेशन के भी सभी गेट भी बंद कर दिए गए हैं।
protest

भारतीय सेना में भर्ती के लिए केंद्र की मोदी सरकार द्वारा घोषित ‘अग्निपथ’ योजना के खिलाफ देशभर में विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं।  इस प्रदर्शन की आंच राजधानी दिल्ली भी पहुँच गई। दिल्ली में सरकार की प्रस्तावित अग्निपथ योजना,  जिसे प्रदर्शनकारी सेना में ठेकाकरण बता रहे है, के खिलाफ दिल्ली के आईटीओ पर विरोध प्रदर्शन हुआ। 

इस प्रदर्शन में छात्र संगठन स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ़ इण्डिया (एसएफआई), ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आईसा), छात्र युवा संघर्ष समिति (सीवाईएसएस) सहित कई अन्य छात्र संगठन भी शमिल हुए। 

इस प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस ने पूरी तैयारी कर रखी थी कि आसानी से कोई भी प्रदर्शनकारी सेंट्रल दिल्ली की सड़कों पर न उतर सके। इसके लिए प्रशासन ने शुक्रवार की दोपहर को आईटीओ, दिल्ली गेट और जामा मस्जिद मेट्रो स्टेशन के सभी गेटों को एहतियाती तौर पर बंद कर दिया था। इतना ही नहीं, ढांसा बस स्टैंड मेट्रो स्टेशन के भी सभी गेट भी बंद कर दिए गए हैं।

हालंकि इन सब इंतज़ाम के बाद भी प्रदर्शनकारी अलग लग जत्थों में आईटीओ पहुंचे, लेकिन पुलिस बलपूर्वक सभी को बसों में भरकर अलग-अलग थानों में ले गई और अब भी उन्हें हिरासत में रखा हुआ है।

छात्र संगठन एसएफआई दिल्ली राज्य कमेटी के नेताओं ने कहा कि अग्निपथ योजना का उद्देश्य सशस्त्र बलों को कमजोर करना है।  ये घोर जन-विरोधी तो है ही, इसके साथ ही ये राष्ट्र-विरोधी भी है। पहले से ही स्थिर अर्थव्यवस्था में जहां बेरोजगारी की दर सबसे अधिक है, वहां केंद्र सरकार की यह पहल इस देश के युवाओं के लिए विकट स्थिति पैदा करेगी। आज़ादी के बाद से अभी तक  सेनाओं में अच्छे वेतन और अन्य जीवन सुरक्षा के साथ एक आकर्षक नौकरी का विकल्प प्रदान किया है।

एसएफआई ने आगे गंभीर सवाल उठाते हुए कहा कि अग्निपथ योजना पेंशन को खत्म कर ही देगी, इसके साथ ही जीवन बीमा योजना भी भर्ती की चार साल की अवधि तक सीमित रहेगी। इस अवधि के दौरान प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले सभी लोगों में से केवल 25% को ही स्थायी किया जाएगा और बाकी को बेरोजगार छोड़ दिया जाएगा। 

क्या होगा जब सैन्य प्रशिक्षण वाले युवाओं को बिना नौकरी की गारंटी के समाज में वापस भेज दिया जाएगा? आर्थिक स्थिति को लेकर जो आक्रोश और गुस्सा है, वह एक निराश और सैन्यकृत युवा पैदा करेगा। यह हिंदुत्व के एजेंडे के अलावा और कुछ नहीं है, क्योंकि सैन्यकृत बेरोजगार युवाओं को सांप्रदायिक और फासीवादी संगठनों के लिए काम में लाया जाएगा। प्रति वर्ष लगभग 40,000 युवा बिना नौकरी के हथियारों के प्रशिक्षण के साथ हर साल आम जनता के बीच और अधिक सामाजिक संघर्ष को पैदा करने वाले हैं।

आईसा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एन साई बालाजी को भी अन्य छात्र युवा कार्यकर्ताओं के साथ हिरासत में लिया गया था।  उन्हें ओल्ड राजेंद्र नगर थाने में रखा गया है।    

उन्होंने कहा कि,, "अग्निपथ सेना में स्थायी नौकरियों को नष्ट करने और सेना के जवानों के बड़े पैमाने पर हतोत्साहित  करने की योजना के अलावा और कुछ नहीं है। मोदी सरकार ने देश के संसाधनों- पीएसयू, रेलवे, एयर लाइन्स, कोयला और स्टील को बेचकर, युवाओं के लिए लाखों स्थायी नौकरियों को नष्ट करने के बाद, हर क्षेत्र में ठेकाकरण को लागू  कर दिया है।  जिसने युवाओं से गरिमापूर्ण रोजगार के सभी अवसरों को समाप्त कर दिया है।"

बालाजी ने आगे  कहा कि  मोदी सरकार अब भारतीय सेना के जवानों के लिए सम्मानजनक काम की स्थिति, नौकरियों की स्थायिता, पेंशन के अधिकार को नष्ट करना शुरू कर दिया।  जबकि सैनिक सबसे कठिन परिस्थितियों में काम करते हैं। हम जानते हैं कि बीजेपी अपने फ़र्जी राष्ट्रवाद का प्रचार करने के लिए सेना के नाम का इस्तेमाल कैसे करती है, लेकिन जब सेना के जवान वास्तव में अपने अधिकारों की मांग करते हैं, तो उन्हें अनसुना किया जाता है।

छात्र संगठनों ने कहा कि उनकी  मांग है सरकार अग्निपथ योजना को तुरंत वापस ले। साथ ही कैजुअलाइजेशन और संविदाकरण को समाप्त करे। देश के युवाओं के लिए स्थायी और सम्मानजनक नौकरी सुनिश्चित करे।

इससे पहले, यूथ कांग्रेस ने भी जंतर मंतर पर मशाल जुलसू निकला था और एहतियात के तौर पर कनॉट प्लेस मेट्रो को भी कुछ देर के लिए बंद कर दिया गया था।  

छात्र नेताओं ने कहा कि भारत के युवाओं, छात्रों, जवानों और आम आदमी पर लगातार हो रहे इन हमलों का पुरजोर विरोध होना चाहिए। इस तुगलकी योजना के निरस्त होने तक वो इसका विरोध करते रहेंगे।

आपको बता दें कि,  ‘अग्निपथ’ योजना के खिलाफ गुस्से को देखते हुए सरकार ने  इस योजना में एक और बदलाव किया है।  सरकार ने गुरुवार को वर्ष 2022 के लिए इस प्रक्रिया के तहत भर्ती की उम्र पूर्व में घोषित 21 साल से बढ़ाकर 23 साल कर दी है।  सरकार ने मंगलवार को अग्निपथ योजना की घोषणा करते हुए कहा था कि सभी नयी भर्तियों के लिए आयु साढ़े 17 से 21 वर्ष के बीच होनी चाहिए।  हालांकि. चार सालों से सेना भर्ती का इंतज़ार करने वालों के लिए ये सुधार भी नाकाफ़ी रहा है।  देशभर में छात्र और युवा प्रदर्शन कर रहे हैं। कई जगह ये प्रदर्शन ने उग्र रूप भी ले लिया।  प्रदर्शनकारियों का कहना था कि ‘अग्निपथ’ योजना की वापसी से कम उन्हें कुछ भी मंज़ूर नहीं है। 

अपने टेलीग्राम ऐप पर जनवादी नज़रिये से ताज़ा ख़बरें, समसामयिक मामलों की चर्चा और विश्लेषण, प्रतिरोध, आंदोलन और अन्य विश्लेषणात्मक वीडियो प्राप्त करें। न्यूज़क्लिक के टेलीग्राम चैनल की सदस्यता लें और हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित हर न्यूज़ स्टोरी का रीयल-टाइम अपडेट प्राप्त करें।

टेलीग्राम पर न्यूज़क्लिक को सब्सक्राइब करें

Latest