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अग्निपथ योजना के विरोध में युवाओं के साथ में किसानों और मज़दूर भी सड़कों पर उतरे

कई किसान संगठनों, दस केंद्रीय मज़दूर संघों और छात्रों ने शुक्रवार को ‘अग्निपथ’ योजना के ख़िलाफ़ देशभर में शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन किए।
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'अग्निपथ’ योजना के खिलाफ छात्र -नौजवान के साथ ही देश के किसान और मज़दूर भी सडको पर उतरे। कई किसान संगठनों, दस केंद्रीय मज़दूर संघों और छात्रों ने शुक्रवार को ‘अग्निपथ’ योजना के ख़िलाफ़ देशभर में शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन किए। ये प्रदर्शन किसानों के 500 संगठनों के साँझा मंच संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के आवाह्न पर किया गया था।

एसकेएम ने अपने बयान में कहा कि दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, उत्तराखंड, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़ और अन्य राज्यों में व्यापक प्रदर्शन किए गए। प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहे और जिला तथा मंडल मुख्यालयों में ज्ञापन सौंपे गए।

एसकेएम ने सशस्त्र सैन्य बलों में शामिल होने की इच्छा रखने वाले युवाओं के लिए ‘अग्निपथ’ योजना को ‘‘देश के साथ किया एक बड़ा धोखा’’ करार दिया।

एसकेएम ने शुक्रवार को आग्रह किया कि अग्निपथ विरोधी प्रदर्शनों में शामिल युवाओं के खिलाफ दर्ज सभी झूठे मामले वापस लिए जाने चाहिए, जबकि गिरफ्तार किए गए लोगों को रिहा किया जाना चाहिए। इन्होने आगे मांगरखी कि "किसी भी भर्ती" के लिए आवेदकों को एक हलफनामा बनाने के लिए पूर्वशर्त नहीं किया जाना चाहिए जो उन्हें लोकतांत्रिक विरोध के उनके अधिकार से वंचित करता है।

दिल्ली: प्रदर्शनकारियों को जंतर मंतर से बलपूर्वक हिरासत में लिया गया

देशभर में इनका प्रदर्शन शांति पूर्ण रहा लेकिन दिल्ली में छात्र संगठन क्रन्तिकारी युवा छात्र संगठन ने दिल्ली पुलिस पर बर्बरता का आरोप लगाया। क्रांतिकारी युवा संगठन (केवाईएस) ने शुक्रवार को दावा किया कि यहां जंतर मंतर पर अग्निपथ रक्षा भर्ती योजना के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान उसके कार्यकर्ताओं को ‘‘जबरन तथा हिंसक तरीके से हिरासत में लिया गया।’’

ये कार्यकर्ता दिल्ली में भी देशव्यापी विरोध प्रदर्शन के तहत जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। जंतर मंतर पर केवाईएस के आलावा कई अन्य नौजवान और मज़दूर संगठन भी विरोध प्रदर्शन का हिस्सा थे।

संगठन ने एक बयान में कहा, ‘‘केवाईएस के कार्यकर्ता अग्निपथ योजना के मद्देनजर भाजपा सरकार के संविदा पर काम कराने को तेजी से बढ़ावा देने के खिलाफ प्रदर्शन के लिए जंतर मंतर पर एकत्रित हुए। कार्यकर्ताओं को प्रदर्शन स्थल से जबरन और हिंसक तरीके से हिरासत में लिया गया।’’

ये प्रदर्शनकारी हिरासत में लिए जाने के बाद मंदिर मार्ग थाने में अनशन पर बैठ गए तब पुलिस ने कई घंटों की हिरासत के सभी प्रदर्शनकारियो को रात में रिहा कर दिया।

छत्तीसगढ़ : किसान सभा ने अग्निपथ को कहा भाड़े के सैनिक तैयार करने की योजना

अखिल भारतीय किसान सभा से संबद्ध छत्तीसगढ़ किसान ने 'अग्निपथ' को भाड़े के सैनिक तैयार करने की योजना बताते हुए शुक्रवार को अम्बिकापुर, कोरबा, दुर्ग और धमतरी सहित पूरे प्रदेश में धरना देकर विरोध प्रदर्शन किया, मोदी सरकार का पुतला जलाया और अधिकारियों को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। इस आंदोलन का आह्वान संयुक्त किसान मोर्चा ने किया था, जिसका किसान सभा एक महत्वपूर्ण घटक संगठन है।

छत्तीसगढ़ किसान सभा के अध्यक्ष संजय पराते तथा महासचिव ऋषि गुप्ता ने कहा कि यह पूरी योजना हमारे देश की एकता, अखंडता और सुरक्षा को नजरअंदाज करके सेना को ठेके पर चलाने की योजना है, जिससे सेना का मनोबल गिरेगा और वह कमजोर होगी। इस योजना राष्ट्रविरोधी तथा रोजगार विरोधी करार देते हुए उन्होंने कहा है कि सैनिकों के नाम पर चौकीदार बनाने वाली इस योजना पर अमल की जिद से भाजपा-आरएसएस के राष्ट्रवाद, देशभक्ति और कॉर्पोरेटपरस्ती की पूरी तरह से पोल खुल चुकी है। किसान सभा नेताओं ने कहा कि हमारे देश के सैनिक किसानों के बेटे हैं, जो हमारे देश के सरहदों की रक्षा करते हैं। उनके हितों पर कोई भी चोट और साजिश किसान सभा बर्दाश्त नहीं करेगी और इस देश के छात्र-नौजवानों के साथ मिलकर देश के सम्मान की लड़ाई लड़ेगी। उन्होंने बताया कि इस योजना को निरस्त करने की मांग पर पूरे प्रदेश में राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपे गए हैं।

भिलाई में सीटू और स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) से जुड़े मज़दूरों और छात्रों ने विरोध प्रदर्शन कर सभा की, जिसे डीवीएस रेड्डी और एस पी डे ने संबोधित किया। सूरजपुर जिले के कल्याणपुर में इन संगठनों से जुड़े छात्र, नौजवान और किसानों ने इस योजना के खिलाफ नारेबाजी करते हुए मोदी सरकार का पुतला दहन किया। कोरबा में दीपक साहू के नेतृत्व में तथा धमतरी में समीर कुरैशी, मनीराम देवांगन, रेमन साहू और महेश शांडिल्य के नेतृत्व में जिलाधीश को ज्ञापन सौंपा गया।

किसान सभा ने कहा है कि देश का सर्वनाश करने वाली मोदी सरकार की इस योजना के खिलाफ आने वाले दिनों में संयुक्त आंदोलन और तेज किया जाएगा तथा किसान विरोधी कानूनों की तरह ही इस योजना को भी वापस लेने के लिए मोदी सरकार को बाध्य किया जाएगा।

हरियाणा- पंजाब में जिलास्तर पर हुई विरोध प्रदर्शन की कार्रवाई

अग्निपथ योजना के तहत अधिकारी रैंक के नीचे के कर्मियों, जिन्हें अग्निवीर कहा जा रहाहै, उन्हें वर्तमान के 17 साल की वर्तमान औसत सेवा अवधि के मुकाबले केवल चार वर्षों के लिए 90 दिनों के भीतर भर्ती किया जा रहा है।

यह योजना सशस्त्र बलों में योग्यता और प्रदर्शन के आधार पर भर्ती किए गए सैनिकों में से एक चौथाई को अगले 15 वर्षों के लिए सेवा विस्तार देगी। बाकी को 11.71 लाख रुपये का टैक्स-फ्री एग्जिट पैकेज दिया जाएगा और अन्य नौकरियों के लिए प्राथमिकता दी जाएगी।

शुक्रवार को, पंजाब में, किसानों ने राज्य भर के जिला कलेक्टरों और एसडीएम कार्यालयों में प्रदर्शन करते हुए, सेना रेजिमेंट के सामाजिक चरित्र को बदलने के लिए केंद्र सरकार की आलोचना की, प्रदर्शनकारियो ने कहा यह उनके लिए एक बड़ा झटका होगा। ऐसे क्षेत्र और समुदाय जिन्होंने पीढ़ियों से सेना के माध्यम से राष्ट्र की सेवा की है।

एसकेएम के नेता और क्रांतिकारी किसान यूनियन (केकेयू) के अध्यक्ष दर्शन पाल ने शुक्रवार को मीडिया को जानकारी देते हुए यह बात कही की सरकार ने नई भर्ती योजना और भारतीय सेना के विभिन्न रेजिमेंटों के इतिहास को समाप्त करने के लिए नई भर्ती योजना के माध्यम से "सेना रेजिमेंट को खत्म करने" की मांग करके देश को "हिंदू राष्ट्र" में बदलने के अपने एजेंडे में एक कदम आगे बढ़ाया है।

किसान नेता ने कहा कि केंद्र सरकार लगातार सरकारी विभागों को कॉरपोरेट्स के हाथों में सौंपने की कोशिश कर रही है, अग्निपथ योजना को भी उसी नज़र देखा जाना चाहिए। केंद्र सरकार द्वारा "किसानों और मजदूरों से तीन कृषि कानूनों के साथ अपनी पिछले साल की हार का बदला लेने के लिए" कदम उठाया है।

इसी तरह, हरियाणा में, शुक्रवार के विरोध में, एसकेएम के नेता और हरियाणा किसान सभा के उपाध्यक्ष इंद्रजीत सिंह के अनुसार, सेना के उम्मीदवारों और पूर्व सैनिकों सहित महिलाओं, छात्रों ने किसानों ने इस विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया है क्योंकि अग्निपथ योजना "किसानों को सीधे प्रभावित करेगी।

सिंह ने इस बात पर अफसोस जताया कि केंद्र सरकार द्वारा संसद में बिना किसी विचार-विमर्श या बहस के भर्ती नीति में इस तरह के दूरगामी बदलाव से अधिकांश युवा नाराज हैं।

सिंह ने शुक्रवार को न्यूज़क्लिक को बताया, "इस देश के किसान देशव्यापी आंदोलन जारी रखेंगे क्योंकि यह भारतीय सेना की संरचना और चरित्र को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाएगा।"

राजस्थान : "देश की आम जनता, किसानों और मजदूरों से बदला लेने का हथकंडा है अग्निपथ योजना"

एसकेएम के राष्ट्रीय आह्वान के तहत जयपुर में भी किसान-मजदूर-छात्र-युवा-महिला संगठनों की ओर से जिला कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया गया प्रदर्शनकारियों ने खासा कोठी चौराहे पर एकत्रित होकर जिला कलेक्ट्रेट तक रैली निकाल कर प्रदर्शन किया।

रैली के पश्चात कलेक्ट्रेट सर्किल पर भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष राजाराम मील की अध्यक्षता में आमसभा का आयोजन किया गया।

आमसभा को सम्बोधित करते हुये वक्ताओं ने सेना में भर्ती की"अग्निपथ योजना" के खिलाफ युवाओं के राष्ट्रव्यापी आंदोलन का पुरजोर समर्थन करने का ऐलान किया।

वक्ताओं ने योजना को जवान विरोधी, किसान-मजदूर विरोधी और राष्ट्र विरोधी बताया। भाजपा -आरएसएस की केंद्र सरकार फौज के जवानों, मजदूरों और किसानों को बर्बाद करने पर तुली हुई है।

सभा में वक्ताओं ने अग्निपथ-योजना को देश और देश के युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ बताते हुये कहा कि यह न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा और बेरोजगार युवाओं के सपनों के साथ खिलवाड़ है बल्कि देश के आम जनता और किसान मजदूर परिवारों के साथ भी धोखाधड़ी है। इस देश की फौज का जवान भी वर्दीधारी किसान मजदूर है।

एक संयुक्त बयान में कहा गया कि यह भाजपा-आरएसएस और उनकी सरकार के लिए अत्यंत शर्म की बात है कि "वन रैंक वन पेंशन" के नारे के साथ पूर्व सैनिकों की रैली से अपना विजय अभियान शुरू करने वाले नरेंद्र मोदी ने सत्ता में आने के बाद देश की जनता को "नो रैंक नो पेंशन" की इस योजना का तोहफा दिया है।भाजपा -आरएसएस ने सेना में नियमित भर्ती में भारी कटौती करके उन किसान मजदूर परिवारों के साथ धोखा किया है जिन्होंने बरसों से फौज में जाकर देश की सेवा करने का सपना संजोया था।यह मात्र संयोग नहीं हो सकता है कि इस योजना में "ऑल इंडिया ऑल क्लास" के नियम से भर्ती करने पर उन सभी इलाकों से भर्ती में सबसे ज्यादा कटौती होगी ज़हां से किसान आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया गया था।किसान आंदोलन के हाथों अपनी पराजय से तिलमिलाई हुई भाजपा -आरएसएस सरकार का किसानों से बदला लेने का एक और हथकंडा है।

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