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पंजाब: शहीद किसानों के वारिसों को नौकरी व मुआवज़ा न मिलने पर होगा बड़ा आंदोलन

भारतीय किसान यूनियन एकता (आज़ाद) के नेता जसविंदर सिंह लौंगोवाल ने कहा कि सरकार अपनी बात से रत्ती भर भी मुकरी तो इसके ख़‍िलाफ़ बड़ा आंदोलन शुरू किया जाएगा।
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फाइल फ़ोटो। PTI

दिल्ली सीमा पर लगातार चले किसान आंदोलन में तकरीबन 800 से ज्यादा किसान शहीद हुए थे। शहीद किसानों के परिजनों को सरकारी नौकरी और मुआवाजा देने की लगातार मांग की जा रही है। किसानों के शिष्टमंडल में शामिल वरिष्ठ किसान नेता रणवीर सिंह राणा के अनुसार, "31 अगस्त ज्यादा दूर नहीं है और इतने वरिष्ठ अधिकारियों के बीच, ढाई घंटे तक शिष्टमंडल के साथ मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा बैठक करना उनकी दृढ़ता को प्रकट करता है। हमें वह गंभीर लगे।"

संगठनों ने सरकारी वादा खिलाफी के विरुद्ध बड़े आंदोलन की तैयारी शुरू की तो मुख्यमंत्री भगवंत मान ने उन्हें बातचीत के लिए बुलाया। अब इंतजार 31 अगस्त का है। कृषि विशेषज्ञ डॉ. सुच्चा सिंह गिल कहते हैं कि, "भगवंत मान सरकार को पिछली सरकार का वादा पूरा करना चाहिए। इससे किसानों के जख्मों पर मरहम लगेगा। आखिर काले कृषि कानून रद्द करवाने के लिए किसानों ने कितनी बड़ी कुर्बानी दी। दुनिया के इतिहास में यह किसान आंदोलन बेमिसाल है।"

गौरतलब है कि तकरीबन दो साल पहले काले कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब में किसान मोर्चा लगा था जो व्यापक रूप अख्तियार करते हुए राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की सीमा पर 'पक्के मोर्चे' के तौर पर तब्दील हो गया। इस अवधि में लगभग 800 किसान मारे गए और दिल्ली में पुलिस की गोलियों ने कुछ किसानों को मार डाला। दिल्ली में शिरकत करने वाले कई युवा किसान अभी भी जेल में बंद हैं। शासन की ओर से आश्वस्त किया गया है कि किसान और खेत-मजदूर संगठन लगातार मांग कर रहे थे कि दिल्ली बॉर्डर पर अहिंसक आंदोलन के दौरान और दिल्ली में मारे गए किसानों को शहीद का दर्जा दिया जाए।

दिल्ली सीमा पर लगातार चले शांत और विश्व स्तर पर प्रसिद्ध हुए किसान आंदोलन में तकरीबन 800 से ज्यादा शहीद किसानों के परिवार के एक-एक वारिस को 31 अगस्त से पहले योग्यतानुसार सरकारी नौकरी दे दी जाएगी। इस बाबत हर पहलू तथा तत्परता से कार्रवाई हो रही है। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने खुद यह भरोसा शहीद किसान परिवारों के वारिसों को दिया है। साथ ही यह भी कहा है कि दिल्ली आंदोलन के दौरान गोली से मरने वाले शहीदों के परिवारों को बकाया मुआवजा, तेलंगाना की तर्ज पर तय किया गया मुआवजा, किसान नेताओं की ओर से सूची सौंपने के फौरन बाद जारी कर दिया जाएगा। भगवंत मान ने कहा कि कई वरिष्ठ अधिकारियों की ड्यूटी इन कामों के लिए लगा दी गई है और उन्हें अलग से स्टाफ भी मुहैया कराया गया है। इसमें अंश भर भी कमी व खामी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

किसान और खेत-मजदूर संगठनों ने मुख्यमंत्री भगवंत मान से यह विशेष मांग की कि वह बाढ़ग्रस्त इलाकों में और ज्यादा सरकारी मशीनरी लगाएं।

वरिष्ठ किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने बताया कि, "किसान और मजदूर जत्थेबंदियों की ओर से बाढ़ग्रस्त इलाकों में बर्बादी का शिकार हुए पीड़ितों को कम से कम 50 हजार रुपए प्रति एकड़ मुआवजा दिया जाए। मुख्यमंत्री ने इस पर कहा कि पंजाब सरकार पीड़ितों के लिए राहत राशि 15 हजार से बढ़ाकर 20 हजार रुपए प्रति एकड़ कर सकती है।" एक अन्य किसान नेता कश्मीर सिंह के अनुसार, "जिन खेतों में बाढ़ के चलते रेत और पत्थरी जमा हो गई है, उन जमीनों से रेत और पत्थरी किसानों द्वारा उठाकर बेचने के अधिकार के आदेश मौके पर मुख्यमंत्री ने जारी कर दिए हैं। सरकार ने भरोसा दिया है कि बासमती की खरीद के वक्त मंडियों में भाव किसी भी सूरत में नहीं गिरने दिए जाएंगे। राज्य सरकार बासमती की सरकारी खरीद यकीनी बनाने के लिए वचनबद्ध है।"

दरअसल, मुख्यमंत्री भगवंत मान और किसान मजदूर संघर्ष कमेटी पंजाब और भारतीय किसान यूनियन एकता (आजाद) सहित किसानों और मजदूर संगठनों के ग्यारह सदस्यीय शिष्टमंडल के साथ ढाई घंटे बैठक हुई और उसमें कई फैसले लिए गए। इस बैठक में राज्य के मुख्य सचिव अनुराग वर्मा, कार्यकारी पुलिस महानिदेशक गौरव यादव और डीजीपी (इंटेलिजेंस) वीरेंद्र कुमार सहित कई अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए।

प्राप्‍त जानकारी के मुताबिक शिष्टमंडल ने दुकानदारों और व्यापारियों की ओर से यूरिया तथा अन्य खाद की बोरियों के साथ इस्तेमाल में नहीं आने वाली चीजें मढ़ने का मुद्दा भी उठाया। जिस पर सरकार की ओर से व्हाट्सएप नंबर जारी करने का भरोसा दिया। यह व्हाट्सएप नंबर 24 घंटे काम करेगा और पांच मिनट के भीतर शिकायत करने वाले को कार्रवाई से संबंधित जवाब दिया जाएगा।

इसके अलावा मुख्यमंत्री ने किसान और मजदूर संगठनों को विश्वास दिलाया कि जीरा की शराब फैक्ट्री सदा बंद रहेगी तथा इस बाबत जो और जितने भी केस पुलिस ने आंदोलनकारियों के खिलाफ बनाए हैं, उन्हें वापिस ले लिया जाएगा। इस महत्वपूर्ण बैठक में शामिल राज्य के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सरकार और किसानों के बीच ज्यादातर मुद्दों पर बनी सहमति की पुष्टि की है।

आम आदमी पार्टी के पंजाब इकाई के अध्यक्ष प्रिंसिपल बुधराम ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा किसानों से किया गया वादा हर हाल में पूरा होगा। सरकार एक-एक वादा पूरा करेगी। भगवंत मान मंत्रिमंडल के एक सदस्य ने कहा कि मुख्यमंत्री बहुत पहले किसानों की तमाम मांगे मान लेते लेकिन अफसरशाही की एक लॉबी ऐसा नहीं चाहती। भगवंत मान को इसकी जानकारी है और उसे लॉबी को अब दरकिनार कर दिया गया है। बताते हैं कि इस पूरे मामले में भगवंत मान को आलाकमान की सहमति भी मिल गई है। आम आदमी पार्टी सरकार की गिरती लोकप्रियता के मद्देनजर यह कदम बेहद मुफीद साबित होगा।

(लेखक स्वतंत्र पत्रकार हैं। विचार व्‍यक्तिगत हैं।) 

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