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पंजाब एण्ड सिंध बैंक ने दो खातों में 112 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की जानकारी दी

बैंक ने नियामकीय सूचना में कहा है कि उसने इस धोखाधड़ी के बारे में रिजर्व बैंक को सूचित कर दिया है और वह इस बारे में केन्द्रीय जांच ब्यूरो के पास शिकायत दर्ज कराने की प्रक्रिया में है।
punjan and sindh bank

नयी दिल्ली: सार्वजनिक क्षेत्र के पंजाब एंड सिंध बैंक ने शुक्रवार को उसके दो फंसे कर्ज के खातों में 112.42 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी होने की जानकारी दी है। ये खाते महा एससोसियेटिड होटल्स और एडयार जिंक के हैं।

बैंक ने नियामकीय सूचना में कहा है कि उसने इस धोखाधड़ी के बारे में रिजर्व बैंक को सूचित कर दिया है और वह इस बारे में केन्द्रीय जांच ब्यूरो के पास शिकायत दर्ज कराने की प्रक्रिया में है।

बैंक ने शेयर बाजार को बताया कि महा एसोसियेटिड होटल्स प्रा. लि. से संबंधित ऋण खाते में 71.18 करोड़ रुपये का बकाया है। उसने कहा कि एनपीए खाते को धोखाधड़ी घोषित किये जाने की सूचना भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को दी जा चुकी है।

वर्तमान में महा एसोसियटिड होटल्स का मामला एनसीएलटी में लंबित है।

बैंक ने शेयर बाजार को बताया कि सेबी विनियमों और बैंक की नीति के लागू प्रावधानों के अनुसार, "यह सूचित किया जाता है कि 44.40 करोड़ रुपये के प्रावधान वाले 71.18 करोड़ रुपये के बकाया एनपीए खाता ‘महा एसोसिएटेड होटल्स प्राइवेट लिमिटेड’ को धोखाधड़ी घोषित किया गया है और नियामकीय आवश्यकता के अनुसार आरबीआई को इसकी सूचना दी गयी है।"

एक अन्य सूचना में बैंक ने कहा कि एडयार जिंक का एनपीए खाता 41.24 करोड़ रुपये के बकाये के साथ धोखाधड़ी वाला खाता घोषित कर दिया गया है और इसकी जानकारी आरबीआई को दी दी गई है।

इस साल अप्रैल में बैंक ने गोल्डन जुबली होटल्स के 86 करोड़ रुपये अधिक के बकाये वाले गैर-निष्पादित खाते को भी धोखाधड़ी घोषित किया था।

पीएमसी बैंक: वधावन की ज़मानत अर्जी ख़ारिज, अदालत ने कहा कि अपराध गंभीर है

मुंबई : एचडीआईएल के प्रवर्तकों--राकेश और सारंग वधावन को जमानत देने से इनकार करते हुए यहां एक अदालत ने कहा कि आर्थिक अपराध समाज पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में सोचे बिना निजी लाभ के लिए किये जाते हैं और इन्हें गंभीरता से देखने की जरूरत है।

वधावन पिता-पुत्र करोड़ों रुपये के पंजाब और महाराष्ट्र सहकारी (पीएमसी) बैंक घोटाले में आरोपी हैं।

दोनों जमानत की अर्जी लगाते हुए कहा कि उन्होंने बैंकिंग नियमों के किसी विशेष प्रावधान का उल्लंघन नहीं किया है और गड़बड़ी करने के आरोप पीएमसी के अधिकारियों के खिलाफ हैं, उनके विरुद्ध नहीं।

अभियोजन पक्ष ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि वधावन और बैंक के अन्य शीर्ष अधिकारी इस मामल में षड्यंत्रकर्ता थे और पीएमसी बैंक में हुई जालसाजी के लाभार्थी थे।

अभियोजन पक्ष की दलीलों को स्वीकार करते हुए और उपलब्ध साक्ष्यों पर विचार करने के बाद जज एस एन यादव ने बृहस्पतिवार को वधावन पिता-पुत्र की जमानत अर्जी खारिज कर दी।

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