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पुरोला मामला: महापंचायत स्थगित, इलाक़ा पुलिस छावनी में तब्दील

उत्तराखंड के पुरोला में आज 15 जून को हिंदूवादी संगठनों की तरफ़ से बुलाई गई महापंचायत स्थगित कर दिया गया है और पूरे इलाक़े में धारा 144 लागू कर भारी पुलिस बल तैनात कर दी गई है।
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फ़ोटो साभार: HT

उत्तराखंड के पुरोला में हिंदूवादी संगठनों की तरफ से बुलाई गई महापंचायत को स्थगित कर दिया गया है। देर रात जिन लोगों की अगुवाई में ये महापंचायत होने जा रही थी उनकी तरफ से मीडिया में बयान दिया गया कि ''15 जून को जो हमारी प्रस्तावित महापंचायत थी उत्तराखंड सरकार और जिला प्रशासन की दमनकारी नीतियों की वजह से अनिश्चित समय के लिए स्थगित की जाती है, पूरे क्षेत्र में धारा 144 लगा दी गई है, साथ ही इसमें बाहर से शामिल होने वाले लोगों को भी नज़रबंद कर दिया गया है, यह महापंचायत फिलहाल कुछ समय के लिए स्थगित की जाती है लेकिन यथासमय इस महापंचायत का आयोजन किया जाएगा।''

आज सुबह होते ही पुरोला में दुकानें बंद दिखाई दी और पुलिस की तरफ से भी फ्लैग मार्च किया गया और साथ ही पुलिस के बड़े अफसर इलाके पर नज़र बनाए हुए हैं।

पुरोला के हालात जानने के लिए हमने सीनियर जर्नलिस्ट त्रिलोचन भट्ट से बात की उन्होंने बताया कि ''पुरोला में भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है, पूरे इलाके को छावनी में तब्दील कर दिया गया है, सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए गए हैं और बाहर से किसी को भी शहर में जाने की इजाजत नहीं दी जा रही है।''

उन्होंने हमारे साथ एक वीडियो शेयर किया जिसमें पुलिस बल की तैनाती के बावजूद कुछ लोग एक घर की बालकनी और छत पर खड़े होकर धार्मिक नारे लगाते हुए पुरोला जाने की मांग करते हुए दिखाई दे रहे हैं।

अब तक क्या-क्या हुआ?

26 मई को दो लड़कों को (एक हिंदू और एक मुसलमान) एक हिंदू लड़की के साथ पकड़ा गया और इसे 'लव जिहाद' बताया गया। हालांकि जिन लड़कों को पकड़ा गया उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

28 मई को इस मामले में हिंदू रक्षा अभियान नाम के एक संगठन के बैनर तले प्रदर्शन किया गया। इलाके में पोस्टर लगा कर मुसलमानों को 15 जून तक मकान-दुकान खाली करने का फरमान सुनाया गया। इस दौरान मुसलमानों की दुकानों के बोर्ड तोड़ दिए गए, उनकी दुकानों पर काले रंग के क्रॉस बना दिए गए। जिसके बाद शहर के क़रीब-क़रीब सभी मुसलमानों ने शहर ख़ाली कर दिया, शायद ही अब कुछ-एक परिवार वहां रह रहे हों।

14 जून को महापंचायत को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका डाली गई हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इनकार कर दिया। ये याचिका दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अपूर्वानंद और लेखक अशोक वाजपेयी की तरफ डाली गई थी। कोर्ट ने याचिका करने वालों को हाईकोर्ट जाने के लिए कहा।

इस मामले पर आज 15 जून को उत्तराखंड हाईकोर्ट में सुनवाई है।

14 जून को उप डिवीजनल मजिस्ट्रेट देवानंद शर्मा ने कहा कि 14 से 19 जून तक इलाके में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू रहेगी।

imageइलाके में धारा 144 का आदेश

कुछ लोगों की कोशिश की वजह से हरकत में आया प्रशासन

इस मामले को स्थानीय पत्रकारों ने अपनी रिपोर्ट में भरपूर जगह दी और विदेशी मीडिया ने भी ख़बर दिखाई। स्थानीय पत्रकार त्रिलोचन भट्ट के मुताबिक इस मुद्दे को लगातार कवर करने और कुछ लोगों के आवाज़ उठाने का ही असर है कि आज महापंचायत को स्थगित कर दिया गया है।

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हालांकि महापंचायत करने का ऐलान करने वालों की तरफ से कहा गया है कि ''फिलहाल महापंचायत को स्थगित किया जा रहा है यथासमय इस महापंचायत का आयोजन किया जाएगा।''

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ सूबे के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी कहा है कि किसी को भी क़ानून हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी। उन्होंने सभी से शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील की।

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उत्तराखंड के पुरोला में पुलिस-प्रशासन के लिए आज का दिन चुनौती भरा साबित होने वाला है, लेकिन एक सवाल ये भी उठता है कि अगर प्रशासन पहले ही हरकत में आ गया होता तो शायद आज ये नौबत ही नहीं आती। 

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