NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu
image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
घटना-दुर्घटना
भारत
राजनीति
क्या गाज़ियाबाद मोमबत्ती फैक्ट्री में हुई मौतों का ज़िम्मेदार प्रशासन है!
ग्रामीणों का कहना है कि यह फैक्ट्री अवैध रूप से आवासीय क्षेत्र में करीब पांच साल से संचालित हो रही थी। इसकी पूरी सूचना पुलिस और प्रशासन को थी, बावजूद इसके इसे बंद कराने के लिए कोई प्रयास नहीं किया गया।
सोनिया यादव
06 Jul 2020
गाज़ियाबाद मोमबत्ती फैक्ट्री

“इस अवैध फैक्ट्री में 20 दिन पहले पुलिस और प्रशासन की रेड हुई थी। स्थानीय चौकी इंचार्ज भी आए थे। लेकिन, जाने क्या हुआ कि उसके बाद भी फैक्ट्री चलती रही। फैक्ट्री मालिक और अधिकारियों की मिली भगत का नतीजा है जो इतनी मौते हुई हैं।”

ये बयान मोदीनगर के बरखंवा गांव के एक युवक भूपेंद्र का है। भूपेंद्र उस अवैध मोमबत्ती कारखाने के बारे में बात कर रहे हैं, जहां रविवार दोपहर भीषण आग लग गई और उसकी चपेट में आने से आठ लोगों की मौत हो गई। इस घटना में अन्य कई लोग गंभीर रूप से झुलस भी गए हैं, जो फिलहाल अस्पतालों में भर्ती हैं।

भूपेंद्र के घर की भी एक महिला फैक्ट्री में लगी आग में झुलस गई हैं। इस बाबत भूपेंद्र ने दैनिक भास्कर को बताया कि गांव में चल रही इस फैक्ट्री में पार्टी वगैरह में केक में लगाए जाने वाली मोमबत्ती बम बनाए जाते हैं। इसमें वर्कर को न कोई सेफ्टी किट दी जाती है न ही इसका कोई लाइसेंस है। बस यह फैक्ट्री चल रही है और अब इतना बड़ा हादसा हो गया। 

क्या है पूरा मामला?

गाज़ियाबाद के मोदीनगर तहसील के पास स्थित बरखवां गांव। यहां रविवार, 5 जुलाई की दोपहर उस समय अफरा-तफरी मच गई जब एक स्थानीय फैक्ट्री में विस्फोट हुआ, आग की लपटें बाहर आने लगी और लोगों की चीख-पुकार पूरे इलाके में गूंजने लगी। इसके बाद राहत और बचाव कार्य के लिए मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड, एनडीआरएफ और पुलिस की टीम ने मोर्चा संभाला।

एनडीआरएफ़ प्रमुख सत्य नारायण ने रात 8 बजकर 48 मिनट पर ट्वीट कर जानकारी दी है कि "आग पर क़ाबू पा लिया गया है। मलबे की पूरी छानबीन के बाद वहां से छह महिलाओं, एक पुरुष और एक बच्चे का शव बरामद किया गया है।"

➡️#Ghaziabad CandleFactory Fire
➡️On info from SSP #TEAMNDRFINDIA🇮🇳 went to site.
➡️Shed found with Fire controlled by tenders.
➡️On removal of debris #NDRF done final search.
➡️8 dead bodies recovered (6F, 1M,1 child) @NDRFHQ @HMOIndia @BhallaAjay26 @PIBHomeAffairs @ANI pic.twitter.com/v496XDeI2Z

— ѕαtчα prαdhαnसत्य नारायण प्रधान ସତ୍ଯପ୍ରଧାନ-DG NDRF (@satyaprad1) July 5, 2020

सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना पर संज्ञान लेते हुए डीएम और एसएसपी से घटनास्थल की जांच रिपोर्ट तलब की थी।

notice.PNG

क्या कहना है प्रशासन का?

गाज़ियाबाद के ज़िला मजिस्ट्रेट अजय शंकर पांडेय ने इस घटना के संबंध में कहा कि मामले की न्यायिक जांच के आदेश दिए गए हैं। सरकार हादसे में मारे गए लोगों के परिजन को चार-चार लाख रुपये की सहायता राशि देगी। इसके अलावा घायलों का मुफ्त इलाज करवाया जाएगा। हर घायल को 50 हजार रुपये की मदद भी दी जाएगी।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने मीडिया को बताया, ''कारखाना अवैध रूप से संचालित किया जा रहा था। यहां आमतौर पर जन्मदिन केक पर लगाए जाने वाली मोमबत्तियां बनायी जा रही थीं। इन मोमबत्तियों में बेहद कम मात्रा में विस्फोटक पदार्थ होता है, ऐसे में ये घरों और उत्सवों में उपयोग की जाती हैं।”

हालांकि क्षेत्र की पुलिस चौकी के प्रभारी को कथित तौर पर कर्तव्य में उपेक्षा के लिए निलंबित कर दिया गया।

अधिकारियों ने बताया कि इमारत के मालिक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। जबकि कारखाने का मालिक फरार है और उसे पकड़ने के प्रयास जारी हैं।

स्थानीय लोगों का क्या कहना है?

फैक्ट्री में हुए धमाके के बाद मौके पर पहुंचे डीएम और एसएसपी का स्थानीय लोगों ने घेराव किया और पुलिस पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया।

ग्रामीणों का कहना है कि यह फैक्ट्री अवैध रूप से आवासीय क्षेत्र में करीब पांच साल से संचालित हो रही थी। इसकी पूरी सूचना पुलिस और प्रशासन को थी, बावजूद इसके इसे बंद कराने के लिए कोई प्रयास नहीं किया गया।

इसी फैक्ट्री में पूर्व में काम करने वाले किसी व्यक्ति ने पुलिस में इसकी लिखित शिकायत भी दी थी। जिसके बाद सीओ मोदीनगर और थाना प्रभारी ने फैक्ट्री का मुआयना किया था, फैक्ट्री संचालक को हिरासत में भी लिया गया। लेकिन उसी दिन उसे देर रात बिना किसी कार्रवाई के छोड़ दिया गया।

मौके पर मौजूद ग्रामीणों ने मीडिया को बताया कि यह मोमबत्ती बनाने की फैक्ट्री थी। लेकिन यहां अवैध रूप से पटाखे तैयार किए जाते थे। इस फैक्ट्री में ज्यादातर महिलाएं और बच्चे काम करते थे। हादसे वाले दिन भी करीब 30 लोग फैक्ट्री में काम कर रहे थे। जिनके पास कोई सुरक्षा के उपकरण नहीं थे, न ही इमारत में आग से निपटने का कोई इंतजाम था।

प्रशासन और फैक्ट्री मालिक की मिलीभगत

इस मामले में सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार ऋचा सिंह कहती हैं कि ये प्रशासन की घोर लापरवाही है, जिसके खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है। प्रशासन को जब पहले से ही फैक्ट्री के अवैध कामों की जानकारी थी तो आखिर अभी तक इस पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई।

ऋचा कहती हैं, “मीडिया रिपोर्ट्स में साफ तौर पर ये बातें सामने आ रही हैं कि फैक्ट्री में सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं थे, फिर इसे फायर सेफ्टी क्लियरेंस कैसे मिला? फैक्ट्री पर रेड भी हुई थी, मालिक के खिलाफ कई शिकायतें पुलिस को मिली हैं तो इसके बाद भी अभी तक फैक्ट्री सील क्यों नहीं हुई। जाहिर है प्रशासन और मालिक की मिलीभगत रही होगी। स्थानीय लोगों में जो गुस्सा है वो बिल्कुल सही है। इन मौतों का जिम्मेदार कहीं न कहीं प्रशासन ही है।

विपक्ष ने की जांच की मांग

इस पूरे मामले पर समाजवादी पार्टी ने जांच की मांग करते हुए लापरवाही बरतने वालों पर सरकार से कार्रवाई करने की बात कही है। पार्टी की ओर से जारी एक बयान में योगी सरकार से मृतकों के परिजनों के लिए 10-10 लाख रुपये मुआवजे की मांग भी की गई है।

गौरतलब है कि इससे पहले भी गाज़ियाबाद की कई कारखानों में आग लगने की खबरें सामने आई हैं। हाल ही में लॉकडाउन के दौरान अप्रैल के महीने में ट्रॉनिका सिटी इलाके में एक जींस फैक्ट्री में भीषण आग लगी थी। हालांकि, इस दौरान कोई हताहत तो नहीं हुआ, लेकिन फैक्ट्री में रखा लाखों का माल जलकर खाक हो गया था।

Ghaziabad
Ghaziabad Candle Factory
factory fire
NDRF
workers safety
Yogi Adityanath
yogi sarkar

Trending

मोदी राज में सूचना-पारदर्शिता पर तीखा हमला ः अंजलि भारद्वाज
आइए, बंगाल के चुनाव से पहले बंगाल की चुनावी ज़मीन के बारे में जानते हैं!
एक बेटी की रुदाली
बंगाल ब्रिगेड रैली, रसोई गैस के बढ़ते दाम और अन्य
उत्तराखंड: गैरसैंण विधानसभा का घेराव करने पहुंचे घाट आंदोलनकारियों पर पुलिस का बर्बर लाठीचार्ज
रसोई गैस के फिर बढ़े दाम, ‘उज्ज्वला’ से मिले महिलाओं के सम्मान का अब क्या होगा?

Related Stories

माघ मेले में आए नाविकों की व्यथा: न लाइफ जैकेट मिली, न अन्य सुविधाएं
सरोजिनी बिष्ट
माघ मेले में आए नाविकों की व्यथा: न लाइफ जैकेट मिली, न अन्य सुविधाएं
27 February 2021
प्रयागराज: धीरे-धीरे दिन ढलान की ओर है, समय खत्म होने से पहले हर नाविक की यह कोशिश है कि उनके नाव में अंतिम सवारियां बैठ जाएं। एक
yogi nitish
शशि कुमार झा
यूपी-बिहार बजट: वादे हैं, वादों का क्या!
24 February 2021
पिछले दिनों पेश देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के 5वें और अंतिम पूर्ण बजट और राजनीतिक लिहाज से सबसे सक्रिय राज्यों में से एक बिहार
महिलाओं के शोषण
सोनिया यादव
यूपी से एमपी तक महिलाओं के शोषण-उत्पीड़न की कहानी एक सी क्यों लगती है?
20 February 2021
“भोपाल रेप पीड़िता एक महीने बाद भी न्याय से कोसों दूर है क्योंकि भाजपा हमेशा पीड़िता को ही रेप का ज़िम्मेदार ठहराती है और कार्यवाही में ढील देत

Pagination

  • Next page ››

बाकी खबरें

  • Writers' Building
    अजय कुमार
    आइए, बंगाल के चुनाव से पहले बंगाल की चुनावी ज़मीन के बारे में जानते हैं!
    02 Mar 2021
    हार जीत के अलावा थोड़ा इस पहलू पर नजर डालते हैं कि चुनाव के लिहाज से पश्चिम बंगाल की पृष्ठभूमि क्या है?
  • एक बेटी की रुदाली
    न्यूज़क्लिक टीम
    एक बेटी की रुदाली
    02 Mar 2021
    उत्तर प्रदेश में एक और सनसनीखेज मामला सामने आया हैI एक लड़की के रुदाली का वीडियो. मुद्दा यह है कि उसके पिता की हत्या कर दी गई और वह भी उस शख्स द्वारा जिसने आज से करीब ढाई साल पहले उसकी बेटी के साथ…
  • ईरान की तरफ़ से इन प्रतिबंधों के हटाये जाने तक अमेरिका के साथ बातचीत का प्रस्ताव खारिज।
    एम. के. भद्रकुमार
    ईरान ने परमाणु मुद्दे पर अमेरिकी फ़रेब को किया ख़ारिज
    02 Mar 2021
    जो बाइडेन के लिए यह तय कर पाना मुश्किल होता जा रहा है कि ईरान पर लगे प्रतिबंधों में से कुछ प्रतिबंधों के हटाये जाने को लेकर उन्हें दरअसल क्या करना चाहिए। 
  • अंजली भारद्वाज
    न्यूज़क्लिक टीम
    मोदी राज में सूचना-पारदर्शिता पर तीखा हमला ः अंजलि भारद्वाज
    02 Mar 2021
    वरिष्ठ पत्रकार भाषा सिंह ने एंटी करप्शन अंतर्राष्ट्रीय  पुरस्कार से सम्मानित सामाजिक कार्यकर्ता अंजलि भारद्वाज से की बेबाक बातचीत। अंजलि ने बताया कि एक तरफ जहां आम भारतीय नागरिक जानकारी हासिल करने औऱ…
  • ख़ालिदा ज़रार
    पीपल्स डिस्पैच
    मशहूर फ़िलिस्तीनी नेता व कार्यकर्ता ख़ालिदा ज़रार को एक इज़रायली सैन्य अदालत ने 2 साल की सज़ा सुनाई
    02 Mar 2021
    पीएफ़एलपी के प्रमुख सदस्य जरार को अक्टूबर 2019 से अवैध इज़रायली प्रशासनिक हिरासत में होने के कारण अब आठ महीने की जेल की सज़ा काटनी होगी।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें