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दो हज़ार के नोट ने कालाधन रखने वालों की मदद की: चिदंबरम

चिदंबरम ने कहा कि 2,000 रुपए के नोट का 2016 में चलन शुरू किया जाना ही एक ‘‘मूर्खतापूर्ण’’ क़दम था।
P. Chidambaram
फ़ोटो साभार: PTI

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंरबम ने 2016 में 2,000 रुपए के नोट का चलन शुरू करने के कदम को ‘‘मूर्खतापूर्ण’’ करार देते हुए सोमवार को दावा किया कि इस मुद्रा ने केवल उन लोगों के लिए धन जमा करना आसान बना दिया, जो काला धन रखते हैं।

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को 2,000 रुपये के नोट को चलन से बाहर करने की घोषणा की थी। इस मूल्य के नोट बैंकों में जाकर 30 सितंबर तक जमा किए जा सकेंगे या बदले जा सकेंगे। आरबीआई ने कहा था कि अभी चलन में मौजूद 2,000 रुपये के नोट 30 सितंबर तक वैध मुद्रा बने रहेंगे। इसके साथ ही आरबीआई ने बैंकों से 2,000 रुपये का नोट देने पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने को कहा था।

चिदंबरम ने ट्वीट किया, ‘‘बैंकों ने स्पष्ट कर दिया है कि 2,000 रुपए के नोट बदलने के लिए कोई पहचान पत्र देने, किसी प्रपत्र को भरने या कोई साक्ष्य जमा कराने की आवश्यकता नहीं होगी। काले धन का पता लगाने के लिए 2,000 रुपये के नोट चलन से बाहर करने का भाजपा का दावा बेकार हो गया है।’’

उन्होंने कहा कि आम लोगों के पास 2,000 रुपए के नोट नहीं हैं, क्योंकि वे 2016 में इनके चलन में आने से ही इनसे बचते रहे हैं। उन्होंने कहा कि 2,000 रुपए के नोट रोजाना की खुदरा वस्तुएं खरीदने में काम नहीं आते।’’

चिदंबरम ने कहा, ‘‘तो 2,000 रुपए के नोट किसने रखे और किसने इनका इस्तेमाल किया? जवाब आप जानते हैं। दो हजार रुपए के नोट ने केवल उन लोगों को पैसा जमा करने में मदद की जो कालाधन रखते हैं।’’

पूर्व वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘जिन लोगों के पास 2,000 रुपए के नोट हैं, उनका रेड कार्पेट बिछाकर उनके नोट बदलने के लिए स्वागत किया जा रहा है। कालेधन को जड़ से खत्म करने के सरकार के घोषित उद्देश्य के लिए यह सब किया जा रहा है।’’

चिदंबरम ने कहा कि 2,000 रुपए के नोट का 2016 में चलन शुरू किया जाना ही एक ‘‘मूर्खतापूर्ण’’ कदम था। उन्होंने कहा कि उन्हें कम से कम सात साल बाद इस मूर्खतापूर्ण कदम को वापस लिए जाने की खुशी है।

चिदंबरम ने 2,000 रुपए के नोट चलन से बाहर करने को लेकर शुक्रवार को भी केंद्र सरकार पर निशाना साधा था और कहा था कि उन्हें हैरानी नहीं होगी कि यदि 1,000 रुपये का नोट फिर से जारी हो जाए।

उन्होंने कहा था, ‘‘500 और 1,000 रुपये के नोट को बंद करने के मूर्खतापूर्ण फैसले को ढंकने के लिए 2,000 रुपये का नोट ‘बैंड-एड’ की तरह था। नोटबंदी के कुछ सप्ताह के बाद सरकार/आरबीआई को 500 रुपये के नोट फिर से जारी करना पड़ा। मुझे हैरानी नहीं होगी, अगर सरकार 1,000 रुपये का नोट फिर से जारी कर दे।’’

(न्यूज़ एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

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