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रशिया : प्रिगोज़िन देश छोड़ गए लेकिन अपने पीछे कई रहस्य छोड़ गए

पुतिन ने कहा है कि रूसी नेतृत्व ने बड़ी तेजी, निर्णायक और प्रभावी ढंग से काम किया।
Wagner Group
फ़ोटो साभार: AFP

सोमवार की रात, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 23-24 जून को वैगनर "संस्थापक" येवगेनी प्रिगोज़िन द्वारा तख्तापलट के प्रयास पर पर्दा डालने के इरादे से दूसरी बार राष्ट्र को संबोधित किया। यदि देखा जाए तो यह आत्म-बधाई वाला सर्वोत्तम भाषण था - शायद, ऐसा करना जरूरी भी था। 

भाषण के चार प्रमुख तत्व थे। सबसे पहला, पुतिन ने शुरुआत में ही रूसी लोगों द्वारा दिखाए गए "संयम, एकजुटता और देशभक्ति", "नागरिक एकजुटता और "पक्की अखंडता" और उनके "दृढ़ विचार... (में) संवैधानिक शासन का समर्थन को सराहा।"

पुतिन ने बड़े जोरदार ढंग से पश्चिमी नेरेटिव का खंडन किया और कहा कि तख्तापलट के प्रयास ने उस घर में पड़ी दरारें दिखा दीं जो उन्होंने 2000 में सत्ता संभालने के बाद बनाया था। फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने घाव पर नमक छिड़कते हुए कहा कि इस घटना ने रूसी शिविर में मौजूद "दरार" का खुलासा किया है, जो इसकी सेना और वैगनर ग्रुप जैसे सहायक बलों दोनों की कमजोरी को दर्शाता है।"

दूसरा, पुतिन ने कहा कि रूसी नेतृत्व ने बड़ी तेजी, निर्णायक और प्रभावी ढंग से काम किया और "उभरते खतरे को बेअसर करने और संवैधानिक प्रणाली, नागरिकों के जीवन और सुरक्षा की रक्षा के लिए सभी आवश्यक निर्णय घटनाओं की शुरुआत से ही तुरंत ले लिए गए थे।"

तीसरा, पुतिन ने "विद्रोह के षडयंत्रकारियों" की निंदा की और उन्हें दुर्भावना और बुरे इरादों से भरे लोग बताया। लेकिन उन्होंने उनके राजनीतिक एजेंडे को पूरी तरह से दरकिनार कर दिया। आख़िरकार, तख्तापलट राजनीतिक सत्ता पर कब्ज़ा करने के बारे में था। संभवतः, यह विषय सार्वजनिक डोमेन में आने के मामले में बहुत संवेदनशील है।

हालाँकि, पुतिन ने एक गूढ़ अनुमान लगाते हुए उस मुद्दे को छुआ और कहा कि यदि तख्तापलट का प्रयास सफल हो जाता, तो "रूस के दुश्मन - कीव में बैठे नव-नाज़ी, उनके पश्चिमी संरक्षक और अन्य राष्ट्रीय गद्दार" इसके लाभार्थी होते, "लेकिन उनका आकलन गलत था।” 

पुतिन ने प्रिगोज़िन के तख्तापलट के प्रयास में किसी विदेशी भागीदारी के बारे में विस्तार से नहीं बताया। हालाँकि, तथ्य यह है कि उन्होंने इसे दूसरी बार उठाया, विशेष रूप से कहा कि बाहरी ताकतों का "आकलन गलत" था और इस बात को ध्यान से नोट किया जाना चाहिए।

दिलचस्प बात यह है कि जब रसियन टेलेविजन को दिए एक साक्षात्कार में विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से इस बारे में पूछा गया, तो उन्होंने भी बात टाल दी और रहस्यमय तरीके से जवाब दिया, "मैं एक सरकारी मंत्रालय में काम करता हूं जो गैरकानूनी कृत्यों के सबूत इकट्ठा करने में नहीं लगा हुआ है, लेकिन हमारे पास ऐसी एजेंसियां हैं और, मैं आपको विश्वास दिलाता हूं, वे पहले से ही इस पर गौर कर रहे हैं।"

लेकिन लावरोव ने मीडिया रिपोर्टों पर टिप्पणी की कि वाशिंगटन, वैगनर पीएमसी के खिलाफ मौजूदा प्रतिबंधों को हटाने पर विचार कर रहा है। उन्होंने कहा कि, ''मैं नहीं मानता कि यह अमेरिका के रुख में कोई बदलाव है। यह सिर्फ एक और पुष्टि है कि अमेरिका का दृष्टिकोण इस बात पर निर्भर करता है कि इस खास चरण में अमेरिका को एक निश्चित विदेशी अभिनेता से क्या चाहिए, चाहे वह सामान्य रूप से अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र में हो, या किसी विशिष्ट देश में।” लावरोव ने याद दिलाया कि अमेरिकी खुफिया एजेंसियां 24 जून के तख्तापलट की सफलता पर भरोसा कर रही थीं।

चौथा, पुतिन ने "वैगनर समूह के अधिकांश सैनिकों और कमांडरों (जो) रूसी देशभक्त माने गए हैं, और जो अपने लोगों और देश के प्रति वफादार हैं" को अलग से तवज्जो देने के अपने निर्णय के पीछे के तर्क को समझाया। पुतिन ने उनके सही निर्णय के लिए "आभार" व्यक्त किया, जो "खून-खराबे में शामिल नहीं होना चाहते थे तथा भाईचारा चुना और पहले ही रुक गए थे।" इसलिए पुतिन ने इन सैनिकों को रक्षा मंत्रालय या अन्य कानून प्रवर्तन या सुरक्षा एजेंसी के साथ अनुबंध पर हस्ताक्षर करने या "घर वापस लौटने" - या यहां तक ​​कि बेलारूस चले जाने के विकल्प की पेशकश की।

रूसी जनता के लिए, शायद यह पुतिन के भाषण का सबसे उत्सुक हिस्सा था। पुतिन ने कहा, ''मैं अपना वादा निभाऊंगा। फिर, हर कोई अपने बारे में निर्णय लेने के लिए आज़ाद होगा,  लेकिन मेरा मानना है कि उनकी पसंद रूसी सैनिक बनने की होगी जिन्हें एहसास होगा कि उन्होंने एक दुखद गलती की थी। 

शनिवार को अपने पहले भाषण में पुतिन ने प्रिगोज़िन का नाम नहीं लिया। लेकिन क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने सोमवार को खुलासा किया कि प्रिगोज़िन के खिलाफ आपराधिक मामला हटा दिया जाएगा।

तो, इससे जो उभर कर सामने जो आता है वह यह है कि पुतिन ने तख्तापलट के प्रयास में शामिल लोगों को सामान्य माफी की मंजूरी दे दी है और तख्तापलट के प्रयास को छोड़ने के बदले में प्रिगोज़िन और उनके अनुयायियों को बेलारूस जाने के लिए वस्तुतः "सुरक्षित मार्ग" प्रदान किया है। वैगनर सेनानियों को रूसी राज्य के अंगों या सेना में शामिल होने का एक दयालु प्रस्ताव भी दिया गया है। रूसी जनता इसे स्वीकार करेगी। 

जाहिर है, पुतिन, जो घरेलू जनमत के प्रति संवेदनशील हैं, को मालूम है कि वैगनर सेनानियों के साहस, वीरता, देशभक्ति और वफादारी के कारण उनका एक सेलिब्रिटी स्टेटस बन गया है। बखमुत की मुक्ति की गाथा, कई महीनों तक चले लंबे संघर्ष ने यूक्रेनी सेना को खोखला कर दिया है और युद्ध एक निर्णायक पल में बादल गया है। यह सब रूसी मानस में बसा हुआ है।

समान रूप से, रूस के एक खास तबके में यह राय घर कर गई है और हाल के महीनों में सार्वजनिक रूप से प्रसारित एक विचार बन गया है जो उनके प्रति सहानुभूति रखता है - न केवल वैगनर सैनिकों से – बल्कि इस बात से भी कि क्रेमलिन युद्ध को खींच रहा है। जाहिर तौर पर, क्रेमलिन ने फैसला किया कि प्रिगोज़िन पर राजद्रोह का मुकदमा न चलाना ही समझदारी है।

कीड़ो से भरा डिब्बा

पुतिन द्वारा सोमवार रात को दिए सार्वजनिक आश्वासन से प्रिगोज़िन आश्वस्त हुआ होगा। इसलिए मंगलवार सुबह अपने निजी जेट से रूस से बाहर निकला और सुबह 11.30 बजे मिन्स्क पहुँच गया था। 

अब कहानी में नया मोड़ आ गया है। मंगलवार को मॉस्को समयानुसार अपराह्न 3.00 बजे, पुतिन ने क्रेमलिन में सैन्य कर्मियों के साथ एक बैठक में एक और भाषण दिया, जो स्पष्ट रूप से उन लोगों के प्रति अपना "आभार" व्यक्त करना था जो तख्तापलट के प्रयास के दिनों में ड्यूटी पर थे।

पुतिन ने मौजूद चुनिंदा दर्शकों को आश्वासन दिया कि "हमारे मृत साथियों के परिवारों का समर्थन करने के लिए सब कुछ किया जाएगा।" फिर, पुतिन ने रूस के सबसे अच्छे सार्वजनिक रहस्यों में से एक में अचानक विषयांतर किया और अपना भाषण समाप्त करते हुए कहा कि  वैगनर कंपनी रूसी राज्य की एक संतान है। 

उन्होंने कहा कि, “जिन लोगों ने इस कंपनी, वैगनर में सेवा की और काम किया, उनका रूस में सम्मान किया गया। साथ ही, मैं बताना चाहूंगा, और मैं चाहता हूं कि हर कोई इस तथ्य से अवगत हो कि वैगनर समूह को हासिल होने वाली सारी फंडिंग राज्य से आई थी। इसे अपनी सारी फंडिंग हमसे, रक्षा मंत्रालय से, राज्य के बजट से मिली है।

“अकेले मई 2022 और मई 2023 के बीच, वैगनर समूह को सैन्य वेतन और बोनस का भुगतान करने के लिए सरकारी खजाने से 86,262 मिलियन रूबल (लगभग 1 बिलियन डॉलर) दिए गए... लेकिन जबकि रूस ने वैगनर समूह की सभी फंडिंग जरूरतों को पूरा किया, कंपनी के मालिक, कॉनकॉर्ड ने सरकारी खजाने से या मुझे कहना चाहिए कि सेना के भोजन और कैंटीन प्रदाता के रूप में वोएंटोर्ग के माध्यम से 80 बिलियन रूबल ($940 मिलियन) कमाए  थे। रूसी राज्य ने उनकी सभी फंडिंग जरूरतों को पूरा किया, जबकि समूह के हिस्से - मेरा मतलब कॉनकॉर्ड - ने एक ही समय में 80 बिलियन रूबल कमाए। मुझे आशा है कि इस प्रक्रिया में किसी ने कुछ भी नहीं चुराया, या कम से कम, बहुत अधिक चोरी नहीं की। यह कहने की जरूरत नहीं है कि हम इस सब इस पर गौर करेंगे।

बेलारूस में प्रिगोज़िन के लिए यह एक बड़ा आश्चर्य होगा - रूसी अधिकारी उनके कॉर्पोरेट बिजनेस हाउस द्वारा वित्तीय अनियमितताओं के आरोप में उनकी जांच कर रहे हैं!

इससे प्रिगोज़िन को बहुत नुकसान होगा, क्योंकि उनकी मां वायलेट्टा प्रिगोज़िना को कॉनकॉर्ड कैटरिंग के मालिक के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। संभवतः, कुलीन वर्ग ने राज्य संरक्षण की बदौलत जो विशाल व्यापारिक साम्राज्य बनाया था - कॉनकॉर्ड मैनेजमेंट एंड कंसल्टिंग (निर्माण और रियल एस्टेट विकास), एलएलसी मेगालिन (जिसने 2016 में रूसी सेना के लिए अधिकांश पूंजी निर्माण अनुबंधों पर एकाधिकार जमा लिया था) आदि को भी जांच के दायरे में रखा जाएगा। 

यह पहली बार नहीं होगा कि क्रेमलिन किसी गलत कुलीन वर्ग को दंडित करेगा जो राजनीति के शार्क-संक्रमित पानी में भटक गया था। प्रिगोज़िन को पता होगा कि आने वाले महीनों में - और, संभवतः, उनके शेष जीवन में - उसे कुछ महत्वपूर्ण विकल्प चुनने होंगे।

बेशक, प्रिगोज़िन के भविष्य के कदमों पर न केवल मॉस्को बल्कि पश्चिमी देशों में भी उत्सुकता रहेगी, जो इस बात से संतुष्ट नहीं हैं कि नाटकीय घटनाओं पर अंतिम शब्द बोला जा चुका है।

इस घिनौनी पृष्ठभूमि में, बड़ा सवाल यह है कि: क्या प्रिगोज़िन का तख्तापलट का प्रयास काफी हद तक एक संकट भरा नहीं था जो घटने का इंतजार कर रहा था? मामले की जड़ यह है कि घोटाले रूसी कुलीन वर्गों का उनकी छाया की तरह पीछा करते हैं, और प्रिगोज़िन कोई अपवाद नहीं है। और रूसी अधिकारी इस शर्मनाक हकीकत से अपना पल्ला नहीं झाड़ सकते हैं।

वैगनर को निजी सैन्य ठेकेदारों की एक कंपनी बनाने के बाद – जो एजिस के समान है, एक ब्रिटिश निजी सुरक्षा और निजी सैन्य कंपनी, या अकादमी, जो अमेरिकी सेना के साथ-साथ सीआईए के साथ भी मिलकर काम करती है - रूसी रक्षा और सुरक्षा एजेंसियों ने इसके शिशु को एक शक्तिशाली कुलीन वर्ग को सौंप दिया ताकि इससे वह धन कमा सके (और संभवतः लूट का कुछ हिस्सा अपने आकाओं के साथ साझा कर सके), जिसकी वास्तविक विशेषज्ञता खानपान व्यवसाय और रियल एस्टेट विकास में निहित है!

इसकी तुलना में, एजिस का नेतृत्व एक पूर्व ब्रिटिश सेना अधिकारी ने किया, जबकि एकेडमी (पूर्व में ब्लैकवाटर) के संस्थापक, जो शायद अमेरिका की सभी निजी सैन्य कंपनियों में सबसे प्रसिद्ध थे, एक पूर्व नेवी सील अधिकारी है।

जब राष्ट्रीय सुरक्षा और रक्षा अनुबंध घटिया और साठगांठ वाले पूंजीवाद में फंस जाते हैं, तो यह पतन का संकेत है। यदि अमेरिका अब अपने मिश्रित युद्ध नहीं जीत रहा है - चाहे वह अफगानिस्तान में हो या इराक, कैरिबियन में या अफ्रीका में - मूल समस्या यह है कि सत्ताधारी अभिजात वर्ग पेंटागन, कांग्रेस और व्हाइट हाउस तक अपना जाल फैला चुके हैं। अब, कोई भी अंतहीन तर्क दे सकता है कि ऐसी अस्वस्थता पूंजीवाद के लिए स्थानिक है, लेकिन वह न तो यहां है और न ही वहां है।

यह हक़ीक़त है कि, प्रिगोज़िन के तहत वैगनर समूह, अमेरिका के निजी सैन्य ठेकेदारों के समान रास्ते पर जा रहा था - जिनके बारे में मॉस्को में रहने वाले प्रसिद्ध व्हिसलब्लोअर एडवर्ड स्नोडेन ने अपनी पुस्तक परमानेंट रिकॉर्ड में स्पष्ट रूप से लिखा है। इसलिए, सौभाग्य से, प्रिगोज़िन की विरासत क्रेमलिन को मलीन अस्तबल को साफ करने का एक अनिवार्य कारण देती है। ऐसा होगा या नहीं, ये तो वक्त ही बताएगा.

(एम.के. भद्रकुमार एक पूर्व राजनयिक हैं। वे उज्बेकिस्तान और तुर्की में भारत के राजदूत रह चुके हैं। व्यक्त विचार निजी हैं।)

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