दक्षिण अफ़्रीकी अदालत ने सऊदी अरब और यूएई को हथियारों के निर्यात के परमिट की न्यायिक समीक्षा का आदेश दिया
दो मानवाधिकार संगठनों के एक आवेदन पर दक्षिण अफ्रीकी एक अदालत ने देश की नेशनल कन्वेंशनल आर्म्स कंट्रोल कमेटी (एनसीएसीसी) को उन कंपनियों की सूची का खुलासा करने का आदेश दिया है जिनके पास सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) को हथियार बेचने की अनुमति है। इसने उस प्रक्रिया की न्यायिक समीक्षा का भी आदेश गुरुवार 16 जून 2021 को दिया जिसके माध्यम से एनसीएसीसी इन दोनों देशों को हथियारों के निर्यात के लिए अनुमति प्रदान करता है।
अदालत का ये आदेश मुख्य रूप से नागरिकों के खिलाफ बार-बार युद्ध अपराधों और मानवाधिकारों के उल्लंघन की बढ़ती आलोचना और निंदा के मद्देनजर आया है जिसको लेकर सऊदी अरब और यूएई पर यमन में युद्ध में सैन्य कार्रवाई के माध्यम से करने का आरोप है।
एक स्थानीय समाचार स्रोत के अनुसार, इन देशों को हथियारों की बिक्री के बारे में जानकारी पहले सार्वजनिक रूप से उपलब्ध नहीं थी और अब रिपोर्टें सामने आई है कि दक्षिण अफ्रीकी निर्मित आम हथियार नागरिकों पर हमलों के स्थानों पर पाए गए हैं। यमन में सऊदी के नेतृत्व वाले सैन्य गठबंधन के हस्तक्षेप के परिणामस्वरूप यमन पर हवाई हमलों के घातक, अंधाधुंध अभियान के कारण अनगिनत नागरिक मौतें हुई हैं। अधिकांश हमले नागरिक इलाके और ढ़ांचों पर किए गए हैं जिससे लाखों यमनवासी बेघर और आंतरिक रूप से विस्थापित हो गए हैं।
विभिन्न रिपोर्टों के अनुसार, 2019 में सऊदी अरब और यूएई को हथियारों का दक्षिण अफ्रीकी निर्यात क्रमशः लगभग 4 बिलियन (287 मिलियन अमेरिकी डॉलर) और 4.6 बिलियन दक्षिण अफ्रीकी रैंड (330 मिलियन अमेरिकी डॉलर) था, जो दक्षिण अफ्रीका के कुल नियंत्रित हथियारों के निर्यात का 22 प्रतिशत और 31 प्रतिशत था।
प्रिटोरिया में गौटेंग उच्च न्यायालय ने कल दोपहर आधे घंटे से भी कम समय तक चली सुनवाई के बाद एक अर्जेंट ऑर्डर दे दिया क्योंकि एनसीएसीसी ने न तो अदालत में कागजात दिए और न ही सुनवाई के लिए अदालत में पेश हुए। आवेदन देने वाले दो संगठन साउदर्न अफ्रीकन ह्यूमन राइट्स लिटिगेशन सेंटर (एसएएलसी) और ओपन सीक्रेट्स ने अदालत के इस आदेश का स्वागत किया।
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