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देशभर से छात्र-युवाओं ने यंग इंडिया के आह्वान पर दिल्ली में रैली की!

युवाओं ने 2024 के आम चुनाव के लिए स्पष्ट आह्वान किया है कि "शिक्षा और रोजगार चाहिए, नफरत का बाजार नहीं"।
Young India

यंग इंडिया के आह्वान पर देश भर के छात्र-युवाओं ने राजधानी दिल्ली में रैली आयोजित की। इस के दौरान संबोधित करते हुए युवाओं ने कहा, दिल्ली में धारा 144 लागू कर भले ही मोदी सरकार ने दमन करने का फैसला किया हो, लेकिन यंग इंडिया ने दिखा दिया है कि कोई भी दमन देश के छात्र-युवाओं के साथ मोदी सरकार के विश्वासघात को दोषमुक्त नहीं कर सकता। देशभर से छात्र और युवा बुधवार को दिल्ली में यंग इंडिया चार्टर घोषित करने के लिए एकत्र हुए। दिल्ली पुलिस के तानाशाही फरमानों के बावजूद यंग इंडिया ने दिल्ली में रैली की और नफरत की राजनीति के खिलाफ जबरदस्त आवाज बुलंद की।

जनसभा में दिल्ली सरकार में कैबिनेट मंत्री गोपाल राय ने कहा, "अगर इस शासन ने 2024 में भी अपना शासन जारी रखा, तो हम शायद इस तरह की बैठकें भी नहीं कर पाएंगे। हमें एकजुट होकर लोकतंत्र पर इस हमले का विरोध करना होगा।" 

सभा को संबोधित करते हुए वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने कहा, "यह सरकार मनरेगा पर चुप क्यों है? यह एमएसपी पर चुप क्यों है? प्रमुख मुद्दों पर पूरी तरह से चुप्पी और समाज में नफरत फैलाने की इस नीति को रोका जाना होगा।" इस यंग इंडिया में शामिल राजद के राष्ट्रीय प्रवक्ता नवल किशोर ने कहा कि बिहार फासीवादी हमले को चुनौती देने का रास्ता दिखा रहा है और हमें उम्मीद है कि इसी तरह 2024 के चुनाव में देश रास्ता देखेगा। 

DUTA की पूर्व अध्यक्ष नंदिता नारायण ने कहा कि "आज यंग इंडिया अपने अधिकारों और अपने सार्वजनिक संस्थानों के लिए खड़ा है और हमें फासीवादियों को सत्ता से बाहर करने के लिए इस एकजुट प्रयास को जारी रखना चाहिए।" स्वतंत्र पत्रकार नवीन कुमार ने कहा कि यंग इंडिया वह एकता दिखा रहा है जिससे बीजेपी डरती है। पूरे देश में युवा नफरत की राजनीति को खारिज कर रहे हैं। 

Youngबिहार के भाकपा-माले विधायक संदीप सौरव ने कहा, "युवा भारत शिक्षा, रोजगार और सामाजिक न्याय के लिए आवाज उठा रहा है जबकि सरकार खरीद-फरोख्त और ईवीएम हैकिंग में व्यस्त है। इस सरकार ने आम जन के सामने खुद को उजागर कर दिया है!" 

इस यंग इंडिया रैली को आइसा, एसएफआई, एमएसएफ, एआईएसएफ, पीएसयू, आरवाईए,CYSS, एआईएसबी एआईवाईएल सहित विभिन्न संगठनों के नेताओं ने भी संबोधित किया। 

आपको बता दे कि इसी महीने के शुरुआती सप्ताह में पूरे देश में आयोजित विशाल यंग इंडिया जनमत संग्रह में युवाओं का बेहतर उत्साह देखने को मिला था, जब देश भर के अलग-अलग राज्य में 5 लाख छात्र नौजवानों ने इस सरकार के खिलाफ वोट किया था। जाहिर है, इससे मोदी डरते और सभी आवाजों को दबाने की कोशिश करते। मोदी सरकार हॉर्सट्रेडिंग और राज्य की दमनकारी नीति के तहत किसानों, मजदूरों एवं युवाओं का दमन कर रही है। लेकिन अब छात्र-नौजवान एक साथ कह रहा है कि अब बहुत हुआ, अब और नहीं। इसका जीता जागता प्रमाण है आज का यंग इंडिया रैली।

यंग इंडिया रैली विशाल किसान आंदोलन के प्रति एकजुटता और प्रदर्शनकारी किसानों की क्रूर हत्याओं की निंदा के साथ समाप्त हुई। साथ ही, घोषणा हुई कि आगामी आम चुनाव में छात्र युवा शिक्षा और रोजगार के मसले पर वोट करेंगे! नफरत और धार्मिक ध्रुवीकरण की राजनीति को परास्त करेगी।

आज की इस रैली में संकल्प लिया गया कि आगामी लोकसभा चुनावों में फासीवादी भाजपा-आरएसएस को हराया जाए और यंग इंडिया के शिक्षा रोजगार के मुद्दे पर चुनाव में इसके खिलाफ अभियान चलाया जाएगा।

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