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अनुच्छेद 370 को हटाने के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट दशहरे की छुट्टी के बाद सुनवाई को तैयार

प्रधान न्यायाधीश उदय उमेश ललित और न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी तथा न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट्ट की पीठ ने एक वकील की इन दलीलों पर संज्ञान लिया कि याचिकाओं को ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद सूचीबद्ध करने का आश्वासन दिया गया था लेकिन इन्हें सूचीबद्ध नहीं किया जा सका।
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फ़ोटो साभार: पीटीआई

उच्चतम न्यायालय ने जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को समाप्त करने के केंद्र के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं को दशहरा की छुट्टी के बाद सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने पर सहमति जताई।

प्रधान न्यायाधीश उदय उमेश ललित और न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी तथा न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट्ट की पीठ ने एक वकील की इन दलीलों पर संज्ञान लिया कि याचिकाओं को ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद सूचीबद्ध करने का आश्वासन दिया गया था लेकिन इन्हें सूचीबद्ध नहीं किया जा सका।

प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘हम इन्हें निश्चित रूप से सूचीबद्ध करेंगे।’’

इस साल 25 अप्रैल को तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण की अध्यक्षता वाली पीठ ने अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को समाप्त करने के केंद्र के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं को गर्मियों की छुट्टी के बाद सूचीबद्ध करने पर विचार करने की सहमति जताई थी।

शीर्ष अदालत को दशहरे की छुट्टी के बाद याचिकाओं पर सुनवाई के लिए पांच न्यायाधीश की पीठ का पुनर्गठन करना होगा क्योंकि पूर्व प्रधान न्यायाधीश रमन और न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी सेवानिवृत्त हो चुके हैं। दोनों पहले याचिकाओं पर सुनवाई करने वाली पांच न्यायाधीशों की पीठ का हिस्सा थे।

याचिकाओं में दलील दी गयी है कि राज्य के नागरिकों के अधिकार छीन लिये गये हैं। याचिका में कहा गया है कि संसद द्वारा पारित और बाद में राष्ट्रपति द्वारा जारी आदेश ‘‘असंवैधानिक’’ है और इसे ‘‘शून्य और निष्क्रिय’’ घोषित करने का अनुरोध किया गया है।

मुख्य याचिकर्ताओं में जम्मू कश्मीर के प्रमुख राजनीतिक दल नेशनल कांफ्रेन्स के लोक सभा सदस्य मोहम्म्द अकबर लोन और जम्मू कश्मीर उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश हसनैन मसूदी शामिल हैं। अन्य याचिकाओं में कुछ पूर्व रक्षा अधिकारियों और नौकरशाहों ने इस संबंध में सरकार के फैसले को चुनौती दी है। इन याचिकाओं में भी राष्ट्रपति के पांच अगस्त के आदेश को असंवैधानिक और शून्य घोषित करने का अनुरोध किया गया है। एक अन्य याचिका नौकरशाह से राजनीतिक बने शाह फैजल और उनकी पार्टी की सहयोगी तथा जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ की पूर्व नेता शहला रशीद ने भी दायर की है।

(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट के साथ)

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