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थाईलैंडः आपातकाल के बावजूद विरोध जारी रहने पर पुलिस ने डिजिटल मंचों पर कार्रवाई की

थाईलैंड की पुलिस ने पिछले हफ्ते लागू किए गए आपातकाल के आड़ में चार मीडिया संस्थानों, विरोध करने वाले एक सोशल मीडिया पेज और 300,000 से अधिक URL के ख़िलाफ़ जांच का आदेश दिया।
थाईलैंड

थाईलैंड की पुलिस ने सोमवार 19 अक्टूबर को बड़े पैमाने पर डिजिटल मंचों पर कार्रवाई करते हुए सरकार विरोधी प्रदर्शनों को कवर करने वाले चार मीडिया संस्थानों में जांच करने की घोषणा की है। इस जांच की मंज़ूरी शुक्रवार 16 अक्टूबर को प्रकाशित एक आदेश में की गई थी और सोमवार को ही घोषणा की गई थी। डिजिटल इकोनॉमी और सोसाइटी मिनिस्ट्री द्वारा स्वीकृत ये आदेश चार मीडिया संस्थानों के ख़िलाफ़ किया जाएगा जिसमें प्राचताई, द रिपोर्टर्स, वॉयस टीवी और द स्टैंडर्ड शामिल हैं इसके साथ ही एक ऑनलाइन प्रदर्शन-समर्थक पेज 'फ्री यूथ’ भी शामिल है।

इस आदेश में सोशल मीडिया और अन्य डिजिटल मंचों पर 300,000 से अधिक URL की जांच भी शामिल होगी, जिसे पुलिस ने थाईलैंड के क़ानूनों के उल्लंघन के तौर पर पहचाना है। इस डिजिटल मंत्रालय ने भी सोमवार को घोषणा की है कि वह फ्री यूथ और चिन्हित किए गए URL के साथ साथ चार मीडिया संस्थानों को ब्लॉक करने के लिए अदालत से आदेश देने की मांग करेगा।

पुलिस के इन फैसलों ने देश में प्रेस की स्वतंत्रता का गला घोंटने के लिए प्रधानमंत्री प्रयुत चान-ओ-चा की सरकार की आलोचना की है। प्राचताई ने ट्विटर पर इस जांच के आदेश को पोस्ट किया, इसे थाईलैंड पर अपनी रिपोर्टिंग के लिए श्रेय के रूप में लिया। इसके इंग्लिश ट्विटर हैंडल पर लिखा है, "मानवाधिकार और थाईलैंड में राजनीतिक घटनाक्रम के बारे में सटीक जानकारी देने के लिए सम्मानित किया गया है, हम इसे जारी रखने के लिए अपनी पूरी कोशिश करेंगे।"

डिजिटल राइट्स की वकालत करने के वाले समूह मनुष्य फाउंडेशन के डायरेक्टर इमिले पालमी प्रदिजित ने कहा "चूंकि विरोध प्रदर्शनों पर प्रतिबंध काम नहीं आया, इसलिए सैन्य-समर्थित सरकार सच्चाई बताने वाले युवाओं में डर पैदा करना चाहती है। हम स्वतंत्र मीडिया से विरोध करने का आग्रह करते हैं।”

तीन महीने से अधिक समय से जारी विरोध प्रदर्शनों को समाप्त करने के लिए सैन्य समर्थित इस सरकार ने पिछले सप्ताह आपातकाल की घोषणा की थी। डिजिटल मीडिया संस्थानों और सोशल मीडिया पर हालिया कार्रवाई सरकार द्वारा लागू किए गए आपातकालीन आदेशों का हिस्सा है।

इस आपातकालीन आदेशों के बाद राष्ट्रीय राजधानी बैंकॉक में डेमोक्रेसी मोनूमेंट के पास प्रदर्शनों का आयोजन किया गया क्योंकि रानी और राजकुमार के ले जाने वाली शाही गाड़ी को यहां से गुजरना था। दो एक्टिविस्ट एकाचाई होंगकंगवान और बूनकुएनून पौथॉन्ग रानी की "स्वतंत्रता को नुकसान पहुंचाने" के आरोपों का सामना करेंगे।

पुलिस की इस कार्रवाई के बावजूद विरोध जारी है। रविवार 18 अक्टूबर को राष्ट्रीय राजधानी में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए। प्रदर्शनकारियों की संख्या को लेकर पुलिस का अनुमान है कि बैंकॉक में विभिन्न प्रदर्शनों में 20,000 से अधिक लोग शामिल हैं। प्रदर्शनकारियों को शहर के प्रमुख चौराहों और स्थलों पर मौजूद देखा जा सकता है।

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