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थाईलैंड के नए संविधान संशोधन विधेयक को व्यापक जनसमर्थन

पूरी तरह से सैन्य-नियुक्त थाई सीनेट ने परिवर्तन और लोकतंत्र के व्यापक आह्वान के बावजूद निरंतर संवैधानिक संशोधन प्रस्तावों का विरोध किया और इसके ख़िलाफ़ वोट दिया।
थाईलैंड के नए संविधान संशोधन विधेयक को व्यापक जनसमर्थन

थाईलैंड में लोकतंत्रीकरण के आंदोलन की वापसी हुई है ऐसे में जुंटा-निर्मित संविधान को बदले के लिए नए संविधान की मांग सशक्त हो गई है। 2017 में लागू किए गए थाईलैंड के संविधान में व्यापक बदलाव लाने के लिए नए संशोधन विधेयक के समर्थन में 30 जून को 150,000 से अधिक लोगों ने अपने नामों पर हस्ताक्षर किया।

इस विधेयक को संविधान के अनुच्छेद 256 के "पब्लिक सबमिशन" प्रावधानों के अनुसार प्रस्तुत किया गया था जो 50,000 या अधिक योग्य मतदाताओं द्वारा समर्थित होने पर संशोधन के प्रस्ताव को पेश करने की अनुमति देता है। "री-सॉल्यूशन" समूह ने विभिन्न प्रगतिशील नेताओं और राजनेताओं के नेतृत्व में बिल प्रस्तुत किया और इस याचिका को एक महीने से भी कम समय में संशोधन के समर्थन में 150,921 से अधिक नाम प्राप्त हुए।

प्रोग्रेसिव मूवमेंट के महासचिव पियाबुत्र साएंगकानोक्कुल, डेमोक्रेट पार्टी के पूर्व सदस्य परित वाचरसिंधु और इंटरनेट लॉ रिफॉर्म डायलॉग (आईलॉ) के प्रबंधक यिंगचीप अतचानोंड के नेतृत्व में इस समूह ने अपना प्रस्तावित संशोधन कानून बुधवार को संसद अध्यक्ष लीकपाई चुआन के समक्ष पेश कर दिया।

इस मसौदा विधेयक का मुख्य बिंदु केवल लोकप्रिय रूप से निर्वाचित प्रतिनिधि सभा वाले राष्ट्रीय विधायिका को एक सदनीय सदन में बदल कर सीनेट का सुधार या निरसन करना है। इस विधेयक में प्रधानमंत्री को प्रतिनिधि सभा का सदस्य होने, 20 साल की रणनीतिक योजना और नेशनल रीफॉर्म प्लान ऑफ द नेशनल काउंसिल फॉर पीस एंड ऑर्डर (एनसीपीओ) और संवैधानिक न्यायालय का पुनर्गठन करने की भी आवश्यकता होगी।

इस मसौदा विधेयक में थाईलैंड में भविष्य में तख्तापलट और सैन्य हस्तक्षेप को रोकने के लिए एक नया तंत्र तैयार करना भी शामिल है।

परित वाचरसिंधु ने कहा, "अब हम देख सकते हैं कि अभी भी बहुत से लोग हैं जो सीनेट की शक्ति के आगे झुकने से इनकार करते हैं। कम से कम 150,000 लोगों ने री-सॉल्यूशन समूह के चार्टर संशोधन मसौदे का समर्थन करने के लिए हस्ताक्षर किए हैं।"

उन्होंने कहा, "इस बिल को प्रयुत शासन द्वारा शक्ति के स्थायीकरण को समाप्त करने, सीनेट की शक्ति को कम करने, संवैधानिक न्यायालय और स्वतंत्र एजेंसियों के सदस्यों की नियुक्ति के तरीके को बदलने, 20 साल की राष्ट्रीय रणनीति को रद्द करने और तख्तापलट के सभी परिणामों से छुटकारा पाने के लिए तैयार किया गया है।"

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