सरकार ने मनरेगा बजट में 33 प्रतिशत की कटौती की, फिर भी यह 14 करोड़ श्रमिकों का सहयोगी : खरगे
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बुधवार को दावा किया कि ‘महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना’ (मनरेगा) के बजट में एक तिहाई की कटौती के बावजूद नरेन्द्र मोदी सरकार पर देश के 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में इस कार्यक्रम के तहत मजदूरी के 6,366 करोड़ रुपये बकाया हैं।
खरगे ने वर्ष 2005 में आज ही के दिन कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार द्वारा शुरू किए गए प्रमुख ग्रामीण रोजगार गारंटी कार्यक्रम ‘मनरेगा’ की भी सराहना की।
कांग्रेस अध्यक्ष ने 'एक्स' पर पोस्ट किया, "2005 में आज ही के दिन हमारी कांग्रेस-संप्रग सरकार ने करोड़ों लोगों के वास्ते 'काम का अधिकार' सुनिश्चित करने के लिए मनरेगा लागू किया था।"
उन्होंने दावा किया, "भले ही मोदी सरकार ने इस साल मनरेगा के बजट में 33 प्रतिशत की कटौती की है और 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों का मनरेगा मजदूरी का 6,366 करोड़ रुपये बकाया है, फिर भी कांग्रेस पार्टी द्वारा शुरू किया गया यह प्रमुख कार्यक्रम 14.42 करोड़ श्रमिकों का सहयोग करता है। इन श्रमिकों में आधे से अधिक महिलाएं हैं।''
On this day in 2005, our Congress-UPA Govt enacted MGNREGA to ensure ‘Right to Work’ to crores of people.
Even though Modi Govt has cut MGNREGA’s budget by 33%, this year and it owes ₹6,366 crore in MGNREGA wages to 18 States and Union Territories, yet this flagship programme… pic.twitter.com/65Aqd3D9Rs
— Mallikarjun Kharge (@kharge) August 23, 2023
उन्होंने यह भी कहा, "कोविड-19 महामारी के समय लॉकडाउन के दौरान मनरेगा एक जीवनरक्षक था और इसने करोड़ों श्रमिकों के लिए सुरक्षा कवच के रूप में काम किया, जिससे महामारी के दौरान उनकी आय के 80 प्रतिशत नुकसान की भरपाई हुई।"
(न्यूज़ एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)
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