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त्रिपुरा चुनाव संपन्न : आइए जान लेते हैं किस सीट पर कितने वोट पड़े

60 सीटों के लिए त्रिपुरा चुनाव संपन्न हो गए हैं, 2 मार्च को इसके नतीजे आएंगे। मतदान के वक्त कई जगहों पर छिटपुट घटनाएं भी देखने को मिलीं।
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फ़ोटो साभार: PTI

इस साल यानी 2023 में कुल 9 राज्यों में चुनाव होने हैं, जिसमें पहला चुनाव आज 60 सीटों वाले त्रिपुरा में हुआ है। इलेक्शन कमीशन की ओर से मिली जानकारी के अनुसार शाम 5 बजे तक राज्य में कुल 80.13 फीसदी मतदान हुए हैं। दक्षिण त्रिपुरा में सबसे ज़्यादा 84 प्रतिशत तो वहीं उत्तर त्रिपुरा में 76.06 प्रतिशत सबसे कम मतदान देखने को मिला।

सुबह 12 तक राज्य में मतदान की गति थोड़ी धीमी थी, लेकिन उसके बाद पोलिंग बूथ पर लोगों की भीड़ इकट्ठा हुई और रफ्तार तेज़ हो गई।

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आइए जान लेते हैं कि किस ज़िले में कितने और उन ज़िलों के विधानसभा क्षेत्रों में कितने-कितने प्रतिशत वोट पड़े :

1. उत्तर त्रिपुरा (76.06%)

कंचनपुर(75.11%), कदमथाला-कुर्ति(76.02%), जुबराजनगर(78.92%), धर्मानगर(76.90%), पनचारथाल(75.53%), पानीसागर(76.70%), बागबासा(73.55%)

2. उनाकोटी (80.60%)

कैलाशहर(76.13%), चंदीपुर(81.63%), पाबिआछड़ा(83.25%), फटिकराय(81.69%)

3. खोवाई (76.98%)

आशारामबाड़ी(82.94%), कल्याणपुर-प्रमोदनगर(77.51%), कृष्णपुर(70.95%), खोवाई(83%), तेलियामुडा(67.77%), रामचंद्रघाट(79.85%)

4. गोमती (79.24)

अमरपुर(82.36%), अम्पिनगर(82.97%), करबुक(78.76%), काकराबन-सालगरा(76.67%), बागमा(74.33%), माताराबाड़ी(81.63%), राधाकिशोरपुर(79.50%)

5. थलाई (81.47%)

अम्बासा(81.65%), कमलपुर(83.45%), करमछड़ा(79.89%), चावमानु(79.25%), राईमावैली(80.78%), सुरमा(83.66%)

6. दक्षिण त्रिपुरा (84%)

जोलाईबाड़ी(85.73%), बिलोनिया(84.90%), मनु(82.80%), राजनगर(82.40%), रिश्यामुख(85.70%), सान्तिबाज़ार(84.01%), साबरूम(82.50%)

7. पश्चिम त्रिपुरा (79.70%)

अगरतला(78.90%), खयेरपुर(84.30%), टाउन बोरडोवाली(79.05%), प्रतापगढ़(73.78%), बधारघाट(78%), बनमालीपुर(79.74%) बमुटिया(81.50%), बरजला(76.48%), मजलिशपुर(77.54%), मन्डाईबाज़ार(85%), मोहनपुर(77.58%), रामनगर(79.70%), सिमना(85.80%), सूर्यमणिनगर(80.97%)

8. सिपाहीजाला (78.36%)

कमलासागर(84.80%), गोलाघाटी(71.59%), चारिलाम(74.25%), टाकरजला(80.50%), धनपुर(72.60%), नलछर(87.20%), बक्सनगर(75.68%), बिशालगढ़(81.88%), सोनामुरा(76.41%)

आपको बता दें कि 28.13 लाख वोटरों ने अपने मतदान से 259 प्रत्याशियों के भविष्य का फैसला कर दिया है, जिसका नजीता 2 मार्च को सबके सामने होगा। हालांकि ये चिंता का विषय है कि मतदाताओं में महिलाओं की संख्या लगभग पुरुषों के बराबर यानी 13 लाख 98 हज़ार 825 होने के बावजूद, महिला प्रत्याशियों की संख्या महज़ 30 ही है जिसमें सबसे ज़्यादा महिलाओं को टिकट भाजपा ने दिए है। भाजपा कुल 55 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, जिसमें 12 महिला प्रत्याशी हैं। पांच सीटें भाजपा ने अपनी सहयोगी पार्टी आईपीएफटी के लिए छोड़ी हैं।

बात कांग्रेस की करें तो वो 13 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, जिसमें केवल एक महिला प्रत्याशी है, जबकि सहयोगी सीपीआई(एम) 43 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, और उन्होंने सिर्फ 2 महिलाओं को टिकट दिया है।

इसके अलावा त्रिपुरा के राजशाही परिवार से ताल्लुक रखने वाले प्रद्योत बिक्रम की नई पार्टी टिपरा मोथा भी इस बार चुनावी मैदान में है। टिपरा मोथा ने 42 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं। ममता बनर्जी की टीएमसी 28 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। इसके अलावा 58 उम्मीदवार निर्दलीय ताल ठोक रहे हैं। ऐसे में नॉर्थ ईस्ट के इस छोटे से राज्य का चुनाव काफी रोचक हो गया है।

त्रिपुरा में हुए चुनावों के बीच कई घटनाएं भी देखने को मिली, जैसे निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय द्वारा कांग्रेस और भाजपा को आचार संहिता का उल्लंघन करने के आरोप में नोटिस जारी किया गया, बताया गया कि दोनों पार्टियों ने अपने-अपने ट्वीटर हैंडल से अपने पक्ष में वोट देने की अपील की थी।

इससे पहले त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने विधानसभा चुनाव 2023 के लिए बोरडोवली विधानसभा क्षेत्र के महारानी तुलसीबती गर्ल्स हायर सेकेंडरी स्कूल के बूथ नंबर 16 में मतदान किया। मतदान डालने के बाद साहा ने कहा कि मुझे मतदान करके बहुत अच्छा लगा। साथ ही ये अपील करी कि बाकी लोग भी भारी संख्या में मतदान करें।

पहली बार चुनावी मैदान में उतरी टिपरा मोथा चीफ देब बर्मन ने दावा किया कि वो 31 सीटें जीत रहे हैं। उन्होंने कहा, "हमारी मांग लोगों को संवैधानिक अधिकार दे रही है, उसके बाद हम मुख्यमंत्री के चेहरे की बात करेंगे।"

वहीं दूसरी ओर त्रिपुरा के शांतिरबाज़ार निर्वाचन क्षेत्र में कलाचेरा मतदान के बाहर एक सीपीआई समर्थक की पिटाई कर दी गई। इसे लेकर एसपी साउथ त्रिपुरा ने बताया कि, घायल समर्थक को अस्पताल ले जाया गया है।

इसी तरह उदयपुर, सालागढ़ में एक घटना को लेकर Tripurainfoway नाम के ट्वीटर हैंडल से एक वीडियो ट्वीट किया है और लिखा गया है, भाजपा के गुंडो ने सीपीआई(एम) पोलिंग एजेंट की पिटाई कर दी, जिसके कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

वहीं सीपीआई(एम) ने ट्वीट करते हुए बताया कि अमरपुर में पोलिंग बूथ 42/31 पर एक फेक मतदाता भी पकड़ी गई।

त्रिपुरा की कुछ हाईप्रोफाइल सीटों की बात करें तो,

टाउन बोरदोवाली, पश्चिमी त्रिपुरा ज़िले में पड़ने वाली इस सीट से मुख्यमंत्री डॉ. माणिक साहा खुद चुनाव लड़ रहे हैं। इनका मुकाबला कांग्रेस-लेफ्ट गठबंधन के आशीष कुमार साहा से है।

चारीलम विधानससभा सीट से राज्य के उप-मुख्यमंत्री जिष्णुदेव वर्मा चुनाव लड़ रहे हैं। इनके खिलाफ कांग्रेस-लेफ्ट गठबंधन ने अशोक देबबर्मा को मैदान में उतारा है। अशोक कांग्रेस के दिग्गज नेता हैं।

धनपुर विधानसभा सीट से केंद्रीय मंत्री प्रतिमा भौमिक चुनाव लड़ रहीं हैं। ये त्रिपुरा से पहली महिला हैं, जिन्होंने आज़ादी के 75 साल के बाद केंद्रीय मंत्री का पद संभाला। प्रतिमा भौमिक भारत सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय में राज्य मंत्री हैं। वो त्रिपुरा से पहली केंद्रीय मंत्री और उत्तर-पूर्व से दूसरी महिला केंद्रीय मंत्री हैं। प्रतिमा, त्रिपुरा पश्चिम से लोकसभा सांसद हैं।

सबरूम विधानसभा सीट दक्षिण त्रिपुरा में बहुत ज़्यादा अहमियत रखती है। इस बार कम्युनिस्ट पार्टी और कांग्रेस गठबंधन ने जितेंद्र चौधरी को मैदान में उतारा है, और उनके खिलाफ भाजपा ने शंकर राय को अपना प्रत्याशी बनाया है।

कैलाशहर विधानसभा सीट उनाकोटी ज़िले में आती है। इस सीट से इस बार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बिराजित सिन्हा चुनाव लड़ रहे हैं। इनके खिलाफ भाजपा ने मोहम्मद मोबेशर अली को उतारा है। अली त्रिपुरा में चुनाव लड़ रहे भाजपा के दो मुस्लिम चेहरों में शामिल हैं।

त्रिपुरा में अगर मौजूदा आंकड़ों की बात करें तो, यहां सबसे ज़्यादा आदिवासी समुदाय के वोटर्स हैं, इनकी संख्या करीब 32 फीसदी है। 60 में से 20 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं जबकि 40 सीटें अनारक्षित है। यही कारण है कि इसके लिए सभी पार्टियों ने पूरी ताकत झोंक दी है। राज्य की सीमा बांग्लादेश से सटी हुई है और यहां 65 फीसदी बांग्लाभाषी रहते हैं और 8 फीसदी मुसलमान रहते हैं। 2021 में बांग्लादेश के दुर्गा पंडालों में खूब हिंसा हुई। इसका असर त्रिपुरा में भी देखने को मिला। यहां भी कई ज़िलों में तनाव की स्थिति देखी गई। पिछली बार भाजपा और आईपीएफटी ने सभी 20 आरक्षित सीटों पर जीत हासिल की थी।

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