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यूपी चुनाव पांचवा चरण:  दाग़ी और करोड़पति प्रत्याशियों पर ज्यादा विश्वास करती हैं राजनीतिक पार्टियां

उत्तर प्रदेश के चुनाव जारी हैं, ऐसे में ADR ने पांचवे चरण के लिए प्रत्याशियों की कुंडली खंगालकर लोगों के सामने रख दी। भाजपा से लेकर सपा तक सभी पार्टियों में दाग़ी और करोड़पति प्रत्याशियों की भीड़ है।
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राजनीतिक दलों में आपराधिक और दागी छवि के उम्मीदवारों की संख्या बढ़ती जा रही है, ये दागी उम्मीदवार न केवल बड़ी संख्या में चुनाव जीत रहे हैं बल्कि दूसरे प्रत्याशियों की जीत-हार पर भी असर डालते हैं। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पांचवें चरण में भी अपराधिक रिकॉर्ड वाले उम्मीदवारों की तादाद 185, यानी कुल 685 उम्मीदवारों का 27 फीसद है। इनमें 21 फीसदी यानी 141 उम्मीदवार हत्या, हत्या का प्रयास और रेप या महिलाओं के प्रति गंभीर अपराधों के आरोपी हैं। पहले चरण से पांचवे चरण तक दागी उम्मीदवारों पर एक नज़र डालते हैं

यूपी इलेक्शन वॉच व एसोसिएशन फ़ॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म यानी एडीआर ने पांचवें चरण के प्रत्याशियों के शपथपत्र के विश्लेषण के आधार पर रिपोर्ट जारी की है। इस चरण में 185 उम्मीदवारों ने अपने ऊपर आपराधिक मुकदमे घोषित किए हैं। इसमें 141 के खिलाफ गंभीर अपराधों के आरोप हैं। समाजवादी पार्टी से लेकर भारतीय जनता पार्टी तक ने दागी और करोड़पति उम्मीदवारों को टिकट बांटा है।

पांचवें चरण में 12 उम्मीदवारों के ऊपर महिलाओं से अत्याचार के जुड़े मुकदमे भी हैं। सुलतानपुर से सपा के उम्मीदवार अनूप सांडा पर बलात्कार का मुकदमा है। 8 उम्मीदवारों के ऊपर हत्या का आरोप है। कुंडा से उम्मीदवार गुलशन यादव, गोसाईगंज से अभय सिंह, चायल से पूजा पाल, रुधौली से आनंद सेन और तिलोई से उम्मीदवार मोहम्मद नईम पर हत्या के आरोप हैं। यह सभी सपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। लंभुआ से बसपा प्रत्याशी अविनाश कुमार सिंह पर भी हत्या का मुकदमा है।

 31 उम्मीदवारों के ऊपर हत्या के प्रयास का आरोप है।

सपा के 49 फीसदी, भाजपा के 42 फीसदी, बसपा व कांग्रेस के 28-28 फीसदी उम्मीदवारों पर गंभीर अपराध के आरोप हैं। आप के 14 फीसदी और अपना दल सोनेलाल के 29 फीसदी उम्मीदवारों पर गंभीर अपराधों के मुकदमे दर्ज हैं। इस चरण की 61 फीसदी विधानसभाएं ऐसी हैं, जहां 3 या उससे अधिक उम्मीदवारों के दामन पर अपराध के आरोपों का दाग है।

करोड़पतियों को टिकट देने में भाजपा अव्वल

भाजपा के 90% प्रत्याशी करोड़पति हैं। इनकी संपत्ति एक करोड़ या इससे अधिक है। इस मामले में भाजपा के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ रही अपना दल सोनेलाल दूसरे नंबर पर है। अपना दल सोनेलाल के 86 फीसदी उम्मीदवार करोड़पति हैं। समाजवादी पार्टी तीसरे, बहुजन समाज पार्टी चौथे और कांग्रेस पांचवे स्थान पर है। सपा के 83%, बसपा के 72% और कांग्रेस के 49% प्रत्याशी करोड़पति हैं।

प्रत्याशियों की शैक्षिक योग्यता

  • 231 यानी 34% प्रत्याशियों ने पांचवी से 12वीं तक की पढ़ाई की है।
  • 407 यानी 59% प्रत्याशियों के पास स्नातक तक की योग्यता है।
  • छह उम्मीदवार अशिक्षित हैं, जबकि 32 उम्मीदवारों ने खुद को केवल शिक्षित बताया है।

प्रत्याशियों के बारे में और क्या जानकारी?

  • 248 यानी 36% प्रत्याशियों की उम्र 25 से 40 साल के बीच है।
  • 368 यानी 54% प्रत्याशी 41 से 60 साल की उम्र के हैं।
  • 69 यानी 10% उम्मीदवार ऐसे हैं जिनकी उम्र 61 से 80 साल के बीच है।

आंकड़ो से साफ है ग़रीबों को अधिकार दिलाने और कानून व्यवस्था दुरुस्त करने की बातें करने वाली राजनीतिक पार्टियों की पहली पसंद करोड़पति और दागी नेता ही हैं।

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